झांसी : झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की दीपशिखा वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन किए जाने की अधिसूचना जारी हो चुकी है. इसके बाद रेलवे प्रशासन ने नाम बदलने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है.
स्टेशन के मुख्य गेट पर जो झांसी के नाम की पट्टिका लगी थी, उसकी जगह नई पट्टीका वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन के नाम की लगा दी गई है. पिछले 2 दिनों से झांसी के अलग-अलग संगठनों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था.
वहीं, आज अचानक कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य अपने समर्थकों के साथ झांसी रेलवे स्टेशन पहुंचे और उन्होंने रेलवे प्रशासन द्वारा लगाई गई नई पट्टिका के आगे अपने हाथ से झांसी लिख दिया.
गौरतलब है कि लंबे समय से झांसी रेलवे स्टेशन का नाम परिवर्तित कर वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम पर करने की मांग चली आ रही थी. इसे 2 दिन पहले भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी कर नाम बदलने का प्रपत्र जारी किया था.
इसके बाद रेलवे प्रशासन ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदले जाने की प्रक्रिया शुरू कर रेलवे स्टेशन पर जहां-जहां झांसी रेलवे स्टेशन लिखा था. उसको वीरांगना लक्ष्मीबाई रेलवे स्टेशन की नई पट्टिका लगाकर पूरा कर दिया था. पिछले 2 दिनों से ही झांसी में कुछ सामाजिक संगठन इसका विरोध कर रहे थे.
इसी बीच अचानक आज पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य अपने समर्थकों के साथ झांसी रेलवे स्टेशन पहुंचे. उन्होंने रेलवे द्वारा लगाई गई नई शिलालेख के आगे झांसी लिखकर विरोध जताया.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रानी झांसी का कहना था, 'मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी'. उन्होंने कटे हुए झांसी के लिए कुर्बानी दे दी. जो अंग्रेज नहीं कर पाए, वह मोदी जी ने करके दिखा दिया और रानी झांसी तलवार के लिए जानी जाती है. हम झांसी के नाम के साथ किसी भी तरीके का खिलवाड़ नहीं होने देंगे.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि झांसी का एक अलग इतिहास है. उन्होंने यह भी बताया कि झांसी का नाम ओरछा के राजा ने कई वर्ष पहले रखा था. उन्होंने पहाड़ी को देख कर कहा था कि झांईं सी दिखती है.
इसी बात के साथ इस शहर का नाम झांसी पड़ा था. केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज जो पर्यटक बाहर से आते हैं, वह चाहते हैं कि वीरांगना लक्ष्मीबाई के नाम के साथ झांसी भी नाम होना चाहिए.
झांसी नाम कोई मुगलों का रखा हुआ नहीं है. नए बदले हुए नाम के साथ झांसी भी लगाया जाना चाहिए. प्रदीप जैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हुए कहा कि अगर वह झांसी रानी के सम्मान में कुछ करना ही चाहते हैं. वह रानी झांसी की तलवार जो पास के ही ग्वालियर के संग्रहालय में रखी है.
उसको झांसी लेकर आए तो उनकी यह रानी झांसी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार हमारी यह मांग नहीं मानती तो इसके लिए झांसी में एक बहुत बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा.
हम हर रोज इसी तरह झांसी रेलवे स्टेशन पर आंदोलन करते रहेंगे. वहीं, रेलवे सीनियर डीएसई आलोक कुमार ने कहा कि इस मामले की हम जांच करवा रहे हैं क्योंकि यह लॉ एंड ऑर्डर का मामला है. जो भी मामला बनेगा, उसी तरह की कार्रवाई रेलवे द्वारा की जाएगी.