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झांसी : पूर्व कैबिनेट मंत्री का बयान बुन्देलखण्ड को यूपी और एमपी में बांटा गया है

उत्तर प्रदेश के झांसी में बुन्देलखण्ड इंसाफ सेना के संस्थापक और प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री बादशाह सिंह ने झांसी के राजकीय संग्रहालय सभागार में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में शिरकत किया. कार्यक्रम के दौरान बतलाया कि राज्य को तोड़ा गया हैं और बुन्देलखण्ड को दो प्रदेश में बांट दिया गया हैं.

पूर्व कैबिनेट मंत्री का बयान बुन्देलखण्ड को यूपी और एमपी में बांटा गया है
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Published : Aug 23, 2019, 12:50 PM IST

झांसी: बुन्देलखण्ड इंसाफ सेना के संस्थापक और प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री बादशाह सिंह ने झांसी के राजकीय संग्रहालय सभागार में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान बुन्देलखण्ड के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई जिलों से आये संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे. कार्यक्रम में कई जनपदों में इंसाफ सेना की नई कार्यकारिणी के गठन का ऐलान किया गया.

पूर्व कैबिनेट मंत्री का बयान बुन्देलखण्ड को यूपी और एमपी में बांटा गया है
  • पूर्व कैबिनेट मंत्री बादशाह सिंह राजकीय संग्रहालय सभागार में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लिया.
  • उन्हानें बतलाया कि जिस समय देश को आजादी मिल रही थी, उस समय बुन्देलखण्ड के राजा और जागीरदारों ने अपने राज्य और जागीर राष्ट्र को समर्पित किया था.
  • हमारी समस्याएं अलग हैं, भाषा अलग है, रहन-सहन अलग है और परंपराएं अलग हैं इसलिए अलग राज्य बनाया गया था.
  • जिसके तहत विन्ध्य प्रदेश राज्य बना था, नौगांव इसकी राजधानी थी और कामता प्रसाद सक्सेना मुख्यमंत्री थे.
  • यह स्पष्ट नही होता कि किस कारण से राज्य को तोड़ दिया गया और बुन्देलखण्ड को उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में बांट दिया गया था.

73 सालों में हमारे संसाधनों खनिज, वन, जल, विद्युत, पर्यटन सबका दोहन हुआ है. सब कुछ होते हुए भी यहां गरीबी बढ़ी है, बेरोजगारी बढ़ी है. रोजगार के लिए पलायन हो रहा है जबकि हीरा और यूरेनियम जैसी धातुएं यहां पर हैं. अब आने वाली पीढ़ी के लिए अपने इतिहास, विशिष्ट परंपरा और पहचान के लिए संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं है. मंत्री रहते हमने बुन्देलखण्ड राज्य का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार से पास कराया था. हमारा आग्रह है कि स्थिति को देखते हुए अन्य राज्यों की तरह बुन्देलखण्ड राज्य बनाया जाए.
बादशाह सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री

झांसी: बुन्देलखण्ड इंसाफ सेना के संस्थापक और प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री बादशाह सिंह ने झांसी के राजकीय संग्रहालय सभागार में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लिया. इस दौरान बुन्देलखण्ड के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई जिलों से आये संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे. कार्यक्रम में कई जनपदों में इंसाफ सेना की नई कार्यकारिणी के गठन का ऐलान किया गया.

पूर्व कैबिनेट मंत्री का बयान बुन्देलखण्ड को यूपी और एमपी में बांटा गया है
  • पूर्व कैबिनेट मंत्री बादशाह सिंह राजकीय संग्रहालय सभागार में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लिया.
  • उन्हानें बतलाया कि जिस समय देश को आजादी मिल रही थी, उस समय बुन्देलखण्ड के राजा और जागीरदारों ने अपने राज्य और जागीर राष्ट्र को समर्पित किया था.
  • हमारी समस्याएं अलग हैं, भाषा अलग है, रहन-सहन अलग है और परंपराएं अलग हैं इसलिए अलग राज्य बनाया गया था.
  • जिसके तहत विन्ध्य प्रदेश राज्य बना था, नौगांव इसकी राजधानी थी और कामता प्रसाद सक्सेना मुख्यमंत्री थे.
  • यह स्पष्ट नही होता कि किस कारण से राज्य को तोड़ दिया गया और बुन्देलखण्ड को उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में बांट दिया गया था.

73 सालों में हमारे संसाधनों खनिज, वन, जल, विद्युत, पर्यटन सबका दोहन हुआ है. सब कुछ होते हुए भी यहां गरीबी बढ़ी है, बेरोजगारी बढ़ी है. रोजगार के लिए पलायन हो रहा है जबकि हीरा और यूरेनियम जैसी धातुएं यहां पर हैं. अब आने वाली पीढ़ी के लिए अपने इतिहास, विशिष्ट परंपरा और पहचान के लिए संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं है. मंत्री रहते हमने बुन्देलखण्ड राज्य का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार से पास कराया था. हमारा आग्रह है कि स्थिति को देखते हुए अन्य राज्यों की तरह बुन्देलखण्ड राज्य बनाया जाए.
बादशाह सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री

Intro:झांसी. बुन्देलखण्ड इंसाफ सेना के संस्थापक और प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री बादशाह सिंह ने गुरुवार को झांसी के राजकीय संग्रहालय सभागार में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लिया। इस दौरान बुन्देलखण्ड के उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई जिलों से आये संगठन के पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे। कार्यक्रम में कई जनपदों में इंसाफ सेना की नई कार्यकारिणी के गठन का ऐलान किया गया।


Body:इस मौके पर ईटीवी भारत से बात करते हुए बादशाह सिंह ने कहा कि जिस समय देश को आजादी मिल रही थी, उस समय बुन्देलखण्ड के राजा और जागीरदारों ने अपने राज्य और जागीर राष्ट्र को समर्पित किया था। लेकिन हमारी समस्याएं अलग हैं, भाषा अलग है, रहन-सहन अलग है और परंपराएं अलग हैं इसलिए अलग राज्य बनाया गया था। इसके तहत विन्ध्य प्रदेश राज्य बना था, नौगांव इसकी राजधानी थी और कामता प्रसाद सक्सेना मुख्यमंत्री थे। समझ में नहीं आता कि किस कारण से राज्य को तोड़ दिया गया और बुन्देलखण्ड को उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में बांट दिया गया।


Conclusion:बादशाह सिंह ने आगे कहा कि 73 सालों में हमारे संसाधनों खनिज, वन, जल, विद्युत, पर्यटन सबका दोहन हुआ है। सब कुछ होते हुए भी यहां गरीबी बढ़ी है, बेरोजगारी बढ़ी है। रोजगार के लिए पलायन हो रहा है जबकि हीरा और यूरेनियम जैसी धातुएं यहां पर हैं। हमने 73 साल तक प्रतीक्षा की। अब आने वाली पीढ़ी के लिए अपने इतिहास, विशिष्ट परंपरा और पहचान के लिए संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं है। मंत्री रहते हमने बुन्देलखण्ड राज्य का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार से पास कराया था। हमारा आग्रह है कि स्थिति को देखते हुए अन्य राज्यों की तरह बुन्देलखण्ड राज्य बनाया जाए।

बाइट - बादशाह सिंह - पूर्व कैबिनेट मंत्री

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
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