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सरकार की पेयजल योजनाओं ने तोड़ा दम, पानी के लिए बच्चों की जद्दोजहद - student busy for water storage

झांसी के बबीना ब्लॉक का गणेशगढ़ गांव ग्राम पंचायत डगरवाहा में आता है. इस गांव में पानी का संकट इस कदर है कि अधिकांश परिवार के बच्चों की दिनचर्या पानी की व्यवस्था करने से ही शुरू होती है.

drinking water crisis in bundelkhand jhansi
बुंदेलखंड में पानी की किल्लत.
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Published : Jun 11, 2021, 5:32 PM IST

झांसीः सरकार बुंदेलखंड में पानी की आपूर्ति के लिए हज़ारों करोड़ रुपये खर्च करने का दावा कर रही है, लेकिन इस तस्वीर को देखकर सभी सरकारी दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. आलम यह है कि जिन बच्चों के हाथों में खेलने के लिए खिलौने और पढ़ने के लिए किताब की जरूरत है वो बचपन पानी की जद्दोजहद में हांफता दिखाई दे रहा है.

यह तस्वीर झांसी के बबीना ब्लॉक का गणेशगढ़ गांव ग्राम पंचायत डगरवाहा में आता है. इस गांव में पानी का संकट इस कदर है कि अधिकांश परिवार के बच्चों की दिनचर्या पानी की व्यवस्था करने से ही शुरू होती है.

सूख गए गांव के सभी हैण्डपम्प

गांव के भीतर के हैण्डपम्प सूख गए तो गांव के बाहर स्थित एकमात्र हैण्डपम्प से पानी भरने की जिम्मेदारी गांव की महिलाओं और युवाओं से भी अधिक ये बच्चे निभाते दिखाई दे जाते हैं. जो समय इन बच्चों को पढ़ने पर खर्च करना चाहिए था, मजबूरी में ये बच्चे उस समय में पानी जुटाने की जद्दोजहद करते दिखाई देते हैं.

बुंदेलखंड में पानी की किल्लत.

पढ़ें- खुद के जीवन की पूरी कहानी सुनाएंगे संत कबीर, काशी में तैयार हुई हाईटेक झोपड़ी

बच्चों ने संभाली पानी भरने की कमान

गांव के भीतर से लोग बाइक और साइकिलों से पानी भरने हैण्डपम्प पर पहुंचते हैं. युवा और पुरुष बाइकों से जबकि कई छोटे बच्चे साइकिल से पानी भरने और फिर भरकर वापस जाते दिखाई दे जाते हैं. हैण्डपम्प पर जुटी भीड़ में भी अधिकांश संख्या बच्चों और बच्चियों की होती है, को पानी के प्रबंधन में अपना समय खर्च कर रहे होते हैं.

drinking water crisis in bundelkhand jhansi
पानी के लिए लगी भीड़
लोग कर रहे हैं राहत दिलाने की मांग
गांव की कमलेशी कहती हैं कि गांव में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां बच्चे भी उनके साथ पानी भरने आते हैं. गांव के रोहित कहते हैं कि यहां से गांव एक किलोमीटर दूर है. गांव के सभी हैण्डपम्प खराब हैं तो लोग यहां पानी भरने आते हैं. गांव में दस हैण्डपम्प है लेकिन सिर्फ एक चालू है. दूसरा चालू है लेकिन उसमें खारा पानी आता है. बच्चे, महिलाएं दिन भर यहां पानी भरने के काम में जुटे रहते हैं. गांव के विनय कहते हैं कि यदि पानी की व्यवस्था हो जाये तो सभी लोगों को राहत मिलेगी.

झांसीः सरकार बुंदेलखंड में पानी की आपूर्ति के लिए हज़ारों करोड़ रुपये खर्च करने का दावा कर रही है, लेकिन इस तस्वीर को देखकर सभी सरकारी दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. आलम यह है कि जिन बच्चों के हाथों में खेलने के लिए खिलौने और पढ़ने के लिए किताब की जरूरत है वो बचपन पानी की जद्दोजहद में हांफता दिखाई दे रहा है.

यह तस्वीर झांसी के बबीना ब्लॉक का गणेशगढ़ गांव ग्राम पंचायत डगरवाहा में आता है. इस गांव में पानी का संकट इस कदर है कि अधिकांश परिवार के बच्चों की दिनचर्या पानी की व्यवस्था करने से ही शुरू होती है.

सूख गए गांव के सभी हैण्डपम्प

गांव के भीतर के हैण्डपम्प सूख गए तो गांव के बाहर स्थित एकमात्र हैण्डपम्प से पानी भरने की जिम्मेदारी गांव की महिलाओं और युवाओं से भी अधिक ये बच्चे निभाते दिखाई दे जाते हैं. जो समय इन बच्चों को पढ़ने पर खर्च करना चाहिए था, मजबूरी में ये बच्चे उस समय में पानी जुटाने की जद्दोजहद करते दिखाई देते हैं.

बुंदेलखंड में पानी की किल्लत.

पढ़ें- खुद के जीवन की पूरी कहानी सुनाएंगे संत कबीर, काशी में तैयार हुई हाईटेक झोपड़ी

बच्चों ने संभाली पानी भरने की कमान

गांव के भीतर से लोग बाइक और साइकिलों से पानी भरने हैण्डपम्प पर पहुंचते हैं. युवा और पुरुष बाइकों से जबकि कई छोटे बच्चे साइकिल से पानी भरने और फिर भरकर वापस जाते दिखाई दे जाते हैं. हैण्डपम्प पर जुटी भीड़ में भी अधिकांश संख्या बच्चों और बच्चियों की होती है, को पानी के प्रबंधन में अपना समय खर्च कर रहे होते हैं.

drinking water crisis in bundelkhand jhansi
पानी के लिए लगी भीड़
लोग कर रहे हैं राहत दिलाने की मांग
गांव की कमलेशी कहती हैं कि गांव में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां बच्चे भी उनके साथ पानी भरने आते हैं. गांव के रोहित कहते हैं कि यहां से गांव एक किलोमीटर दूर है. गांव के सभी हैण्डपम्प खराब हैं तो लोग यहां पानी भरने आते हैं. गांव में दस हैण्डपम्प है लेकिन सिर्फ एक चालू है. दूसरा चालू है लेकिन उसमें खारा पानी आता है. बच्चे, महिलाएं दिन भर यहां पानी भरने के काम में जुटे रहते हैं. गांव के विनय कहते हैं कि यदि पानी की व्यवस्था हो जाये तो सभी लोगों को राहत मिलेगी.
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