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जानिए उस शख्स के बारे में जो 25 साल से कर रहे महाभारत का हिंदी काव्य अनुवाद - mahabharata

यूपी के झांसी में एक रिटार्यड शिक्षक ने अनोखा लक्ष्य बनाया है. वह पिछले 25 सालों से महाभारत के एक लाख श्लोकों का हिंदी अनुवाद कर रहे हैं. वहीं उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि उनको बचपन से ही लिखने का शौक था और गांव में होने वाले नाटकों में अभिमन्यु का रोल वह खुद ही किया करते थे.

डॉ रमेश चन्द्र वर्मा
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Published : Aug 28, 2019, 9:40 AM IST

Updated : Aug 28, 2019, 10:43 AM IST

झांसी: महाभारत ग्रंथ के एक लाख से अधिक श्लोकों का हिन्दी काव्य अनुवाद करने में डॉ रमेश चन्द्र वर्मा पिछले 25 सालों से लगे हैं. केंद्रीय विद्यालय से शिक्षक के रूप में साल 2017 में रिटायर हुए डॉ वर्मा काव्य अनुवाद के काम को इन दिनों अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. श्लोकों के हिन्दी अनुवाद की मदद से इन्हें विभिन्न तरह के छंदों में बदलकर और काव्य का रूप देने के बाद प्रकाशित कराने का लक्ष्य है.

डॉ. रमेश चन्द्र वर्मा महाभारत के श्लोकों को दे रहे हैं काव्य का रूप.

डॉ रमेश चन्द्र वर्मा महाभारत के श्लोकों दे रहे हैं छंद का रूप
ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ रमेश चन्द्र वर्मा ने बताया कि महाभारत में एक लाख श्लोक हैं, उन सभी को विभिन्न छंदों का उपयोग करते हुए काव्यबद्ध करते हुए आगे बढ़ रहा हूं. इस काम को करते हुए 25 साल हो गए हैं. रिटायर होने के बाद इस पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे पा रहा हूं, उम्मीद है कि डेढ़ साल में इसे पूरा कर समाज के सामने ला पाऊंगा. वहीं खुद ही श्लोकों को टाइप कर रहा हूं. टाइप होने के बाद इन्हें प्रेस में दिया जायेगा. मेरा प्रयास है कि यह अनूठी रचना दुनिया के सामने आ सके.

पढ़ें: बुन्देलखंड की धरोहर से रूबरू करा रहे विद्यार्थी, झांसी रेलवे स्टेशन पर लगी कैनवास पेंटिंग

डॉ वर्मा को बचपन से ही था लिखने का शौक
डॉ वर्मा ने आगे बताया कि लिखने की प्रवृत्ति बचपन से ही थी और मैं गांव में होने वाले नाटक में भाग लिया करता था. वहीं नाटक के हम निर्देशक होते थे, लोगों को नाटक पसंद आने लगा तो धीरे-धीरे बारातों में ले जाने लगे. नाटक का मुख्य किरदार भी मैं ही निभाते था और अभिमन्यु का रोल मैं खुद करता ही किया करता था. नौकरी में आने के बाद मैंने लिखने की शुरुआत की. इसमें आधे से ज्यादा काम हो चुका है. लगभग एक हजार से अधिक पेज मैं टाइप कर चुका हूं. अनुमान है कि यह 20 से 25 हजार पेज तक जाना चाहिए.

झांसी: महाभारत ग्रंथ के एक लाख से अधिक श्लोकों का हिन्दी काव्य अनुवाद करने में डॉ रमेश चन्द्र वर्मा पिछले 25 सालों से लगे हैं. केंद्रीय विद्यालय से शिक्षक के रूप में साल 2017 में रिटायर हुए डॉ वर्मा काव्य अनुवाद के काम को इन दिनों अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. श्लोकों के हिन्दी अनुवाद की मदद से इन्हें विभिन्न तरह के छंदों में बदलकर और काव्य का रूप देने के बाद प्रकाशित कराने का लक्ष्य है.

डॉ. रमेश चन्द्र वर्मा महाभारत के श्लोकों को दे रहे हैं काव्य का रूप.

डॉ रमेश चन्द्र वर्मा महाभारत के श्लोकों दे रहे हैं छंद का रूप
ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ रमेश चन्द्र वर्मा ने बताया कि महाभारत में एक लाख श्लोक हैं, उन सभी को विभिन्न छंदों का उपयोग करते हुए काव्यबद्ध करते हुए आगे बढ़ रहा हूं. इस काम को करते हुए 25 साल हो गए हैं. रिटायर होने के बाद इस पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे पा रहा हूं, उम्मीद है कि डेढ़ साल में इसे पूरा कर समाज के सामने ला पाऊंगा. वहीं खुद ही श्लोकों को टाइप कर रहा हूं. टाइप होने के बाद इन्हें प्रेस में दिया जायेगा. मेरा प्रयास है कि यह अनूठी रचना दुनिया के सामने आ सके.

पढ़ें: बुन्देलखंड की धरोहर से रूबरू करा रहे विद्यार्थी, झांसी रेलवे स्टेशन पर लगी कैनवास पेंटिंग

डॉ वर्मा को बचपन से ही था लिखने का शौक
डॉ वर्मा ने आगे बताया कि लिखने की प्रवृत्ति बचपन से ही थी और मैं गांव में होने वाले नाटक में भाग लिया करता था. वहीं नाटक के हम निर्देशक होते थे, लोगों को नाटक पसंद आने लगा तो धीरे-धीरे बारातों में ले जाने लगे. नाटक का मुख्य किरदार भी मैं ही निभाते था और अभिमन्यु का रोल मैं खुद करता ही किया करता था. नौकरी में आने के बाद मैंने लिखने की शुरुआत की. इसमें आधे से ज्यादा काम हो चुका है. लगभग एक हजार से अधिक पेज मैं टाइप कर चुका हूं. अनुमान है कि यह 20 से 25 हजार पेज तक जाना चाहिए.

Intro:झांसी. महाभारत के एक लाख से अधिक श्लोकों का हिन्दी काव्य अनुवाद करने के काम में झांसी के डॉ रमेश चन्द्र वर्मा पिछले 25 सालों से लगे हैं। केंद्रीय विद्यालय से शिक्षक के रूप में साल 2017 में रिटायर हुए डॉ वर्मा काव्य अनुवाद के काम को इन दिनों अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। श्लोकों के हिन्दी अनुवाद की मदद से इन्हें विभिन्न तरह के छंदों में बदलकर इसे काव्य का रूप देने के बाद इसे प्रकाशित कराने का लक्ष्य है।




Body:ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ रमेश चन्द्र वर्मा ने बताया कि महाभारत में एक लाख श्लोक हैं। उन सभी को विभिन्न छंदों का उपयोग करते हुए काव्यबद्ध करते हुए आगे बढ़ रहा हूँ। इस काम को करते हुए 25 साल हो गए हैं। रिटायर होने के बाद इस पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दे पा रहा हूँ। उम्मीद है कि डेढ़ साल में इसे पूरा कर समाज के सामने ला पाऊंगा। खुद ही इसको टाइप कर रहा हूँ। टाइप होने के बाद प्रेस में जायेगा। प्रयास है कि यह अनूठी रचना दुनिया के सामने आ सके।


Conclusion:डॉ वर्मा ने आगे बताया कि लिखने की प्रवृत्ति बचपन से ही थी। गांव में हम लोग नाटक खेलते थे। नाटक के हम निर्देशक होते थे। लोगों को पसंद आने लगा तो धीरे-धीरे बारातों में ले जाने लगे। नाटक का मुख्य किरदार भी हम निभाते थे। अभिमन्यु का रोल मैं खुद करता था। नौकरी में आने के बाद इस तरह से लिखने की हमने शुरुआत की। इसमें आधे से ज्यादा काम हो चुका है। लगभग एक हज़ार से अधिक पेज मैं टाइप कर चुका हूँ। अनुमान है कि यह 20 से 25 हज़ार पेज तक जाना चाहिए।

बाइट - डॉ रमेश चन्द्र वर्मा - रिटायर्ड शिक्षक और कवि

लक्ष्मी नारायण शर्मा
झांसी
9454013045
Last Updated : Aug 28, 2019, 10:43 AM IST
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