झांसीः किसानों के धरने में समस्या सुनने पहुंचे मोठ तहसील के एसडीएम अतुल कुमार ने कहा कि यदि आपके मन की सरकार नहीं है तो सरकार को बदल दीजिए. मोठ तहसील में शुक्रवार को स्थानीय भाजपा नेता और किसान धरने पर बैठे थे. किसानों पर पराली जलाने को लेकर हो रहे मुकदमों के खिलाफ यह धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया था.
एसडीएम ने दिया सुप्रीम कोर्ट का हवाला
किसानों से मिलने पहुंचे मोठ तहसील के एसडीएम ने कहा कि हमारे पास यदि ऊपर से चिट्ठी आई है तो यह आपकी इच्छा है. पराली जलाना गैर कानूनी है, यह बात सुप्रीम कोर्ट ने तय किया है, जो कि सरकार और प्रशासन दोनों से ऊपर है. इस पर हम कोई टिप्पणी नहीं कर सकते कि सुप्रीम कोर्ट ने सही किया है या गलत.
निर्णय बदलने के लिए सरकार बदलने की नसीहत
एसडीएम ने कहा कि सरकार को क्या निर्णय लेने हैं और लिए गये निर्णयों को कब पलटना है, इसके लिए एक तरीका होता है चुनाव. या तो सरकार ही बदल दो यदि आपके मन की सरकार नहीं है, या फिर जो मंत्री लोग हैं, उन तक बात पहुंचाई जाए. माननीयों तक बात पहुंचाए जाने के लिए बहुत अच्छा सिस्टम है. पार्टी के कार्यकर्ताओं की ऊपर तक पहुंच है और ये लोग बात कह भी सकते हैं.
सीएम से चिट्ठी लिखवाने की सलाह
एसडीएम ने कहा कि प्रशासक सिर्फ औजार है, उसे निर्णय नहीं लेने होते हैं. निर्णय आपको लेने हैं. आपकी बात कार्यकर्ता मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकते हैं. मुख्यमंत्री हमें चिट्ठी लिख दें कि पराली जलाने दो. हम मुख्यमंत्री की बात मानने के लिए बैठे हैं. अभी भी मान रहे हैं, आगे भी मानेंगे. आप ऊपर से चिट्ठी हमें लिखवा दीजिये.
सरकार के निर्देश पर कार्रवाई की बात
एसडीएम ने किसानों से कहा कि आपकी मांग है कि पुलिस गांव में न जाये, जिस संविधान को हम मानते हैं, उसमें यह सिस्टम है कि कानून व्यवस्था के लिए पुलिस प्रशासन को कहीं भी जाने का अधिकार है और कर्तव्य भी. आप लोगों के आपसी और अन्य मुद्दे हैं, उन्हें सुलझाने के लिए पुलिस प्रशासन गांव में जायेगा. अब बात आती है कि पराली जलाने की घटनाओं को पकड़ने पर एक्शन न लिया जाए. इस पर यही कहूंगा कि जो गलत घटनाएं हैं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जो घटनाएं सही पाई गई हैं, जिनका रकबा ज्यादा है, उन पर एफआईआर कराने के सरकार ने निर्देश दिए हैं.