झांसी: जिले के सीपरी बाजार में रोजाना लगने वाले घंटों जाम से लोगों को अभी राहत मिलने की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है. लोगों को जाम से निजात दिलाने के लिए साल 2014 में रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य तो शुरू किया गया लेकिन प्रदेश सरकार और रेलवे में तालमेल की कमी के कारण निर्माण कार्य 6 सालों से बंद है. ऐसे में काम अधूरा होने के कारण बाजार के दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं लोगों को अब पहले से ज्यादा जाम की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
सपा सरकार में रखी गई थी आधारशिला
बाजार के जाम से छुटकारा पाने के लिए लोग सालों से यहां पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने की मांग कर रहे थे. इसके लिए कई बार लोगों ने धरना- प्रदर्शन भी किया. इसके बाद साल 2013 में झांसी दौरे पर आए प्रदेश के तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने ओवर ब्रिज बनाने की औपचारिक घोषणा की और साल 2014 में उन्होंने ओवर ब्रिज निर्माण की आधारशिला रखी. निर्माण कार्य को यूपी राज्य सेतु निगम लिमिटेड और रेलवे को पूरा करना है.
साल 2014 में निर्माण कार्य शुरू किया गया और साल 2016 में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया. उस दौरान निर्माण कार्य पर खर्च होने वाले बजट की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने वहन करने की बात कही थी. राज्य सेतु निगम ने पहले चरण के अपने हिस्से का काम पूरा लिया है लेकिन रेलवे ने अभी तक काम नहीं शुरू किया है.
दो बार बढ़ा बजट लेकिन अभी नहीं पूरा हुआ निर्माण कार्य
ओवर ब्रिज की जब आधारशिला रखी गई थी. तब इसके निर्माण के लिए 86 करोड़ रुपये बजट स्वीकृत किया गया था. इसके बाद दो बार बजट बढ़ाया गया. पहली बार बजट रिवाइज होने के बाद बढ़कर 124 करोड़ रुपये किया गया. वहीं दूसरी बार बजट रिवाइज करके 132 करोड़ रुपये किया गया लेकिन अभी तक निर्माण कार्य नहीं पूरा हो सका.
पहले चरण में सेतु निर्माण के हिस्से का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बाद रेलवे को ट्रैक के ऊपर से गुजरने वाले ब्रिज का काम पूरा करना था. इसके लिए रेलवे की ओर से एक निजी कंपनी को टेंडर दिया गया लेकिन उसने निर्धारित समय से काम पूरा नहीं किया. इसके बाद रेलवे की ओर से टेंडर रद्द कर दूसरी एजेंसी को काम दिया गया.
निर्माण कार्य अधूरा होने से बाजार के व्यापारी परेशान
सीपरी बाजार के जिस हिस्स में निर्माण कार्य चल रहा है. वहां पर 100 से अधिक छोटी-बड़ी दुकानें हैं. दुकानदारों का कहना है कि निर्माण कार्य अधूरा होने के कारण दुकानों के बाहर तक मलबा फैला है. इस कारण ग्राहक आने से कतराते हैं और वह दूसरी बाजार में चले जाते हैं. ऐसे में दुकानदारी काफी प्रभावित हो रही है. व्यापार मंडल के अध्यक्ष संतोष साहू ने बताया कि साल 2016 के बाद से कार्य पूरा होने के लिए रेलवे नई तारीखें दे रहा है.
रेलवे ने अपने हिस्से का कोई भी काम नहीं किया है. डेढ़ साल पहले रेलवे के जीएम झांसी आये थे. हमने उनके सामने अपनी बात रखी थी. उस दौरान उन्होंने समय से काम पूरा नहीं करने वाली कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही थी. उन्होंने बताया कि हमने यह बात सभी अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के सामने रखी लेकिन कोई हल नहीं निकला. झांसी शहर की आधी आबादी को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
स्थानीय लोग कई बार कर चुके हैं प्रदर्शन
स्थानीय निवासी कैलाश चेलानी ने बताया कि निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण सभी लोग काफी परेशान हैं. बारिश के दिनों में जलभराव हो जाता है और आवागमन में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य स्थल से उड़ रही धूल के कारण लोगों में बीमारियां फैल रही हैं. प्रदेश सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. स्थानीय लोग इस संबंध में कई बार अर्ध नग्न होकर धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.
रेलवे का दावा, जल्द पूरा होगा काम
झांसी रेलवे मंडल के जन सम्पर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे काम को पूरा करने के लिए लगातार प्रयासरत है. पहले उम्मीद थी कि काम जुलाई माह तक पूरा हो जाएगा लेकिन कोरोना के कारण काफी समय के लिए काम बंद कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि गर्डर तैयार हो रहे हैं और जिस फर्म को काम दिया गया है. वह काम को अंतिम रूप देने में जुटा है.