झांसीः मध्य प्रदेश में मुरैना के हेतमपुर रेलवे स्टेशन पर उधमपुर दुर्ग एक्सप्रेस (Udhampur Durg Express) में आग लगने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के आदेश पर डीएम रविंद्र कुमार और एसएसपी शिव हरी मीणा देरा देर रात झांसी रेलवे स्टेशन पहुंचकर यात्रियों से कुशलक्षेम पूछा.
बर्निंग ट्रेन (Burning Train) रात करीब 10:20 बजे झांसी रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो डीएम व एसएसपी ने यात्रियों से कुशल क्षेम पूछी. इसके बाद यात्रियों को कंबल, खाना, पानी और दवाइयां वितरित की गईं. डॉक्टरों की टीम ने जिन यात्रियों को दिक्कत थी उनका इलाज किया. इस दौरान बर्निंग ट्रेन (उधमपुर दुर्ग एक्सप्रेस) में सवार यात्रियों ने ETV BHARAT से खौफनाक मंजर को साझा किया.
दिल्ली से रायपुर में शादी में शामिल होने जा रहे यात्री रमेश शर्मा ने बताया कि वह A2 में 14 15 नंबर सीट पर बैठे थे. तभी बाथरूम की तरफ से धुआं अंदर की तरफ आया. ट्रेन चल रही थी इसलिए थोड़ी देर में आग बढ़ गई. अलार्म बजा तो सभी बाहर भागने लगे. उन्होंने बताया कि अग्निशमन यंत्र भी काम नहीं कर रहे थे, अगर काम करते तो आग पर आराम से काबू पाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि यात्री बच गए लेकिन उनका पूरा सामान जलकर राख हो गया.
लुधियाना से बिलासपुर जा रहे यात्री उधम सिंह ने बताया कि ट्रेन में शॉर्ट सर्किट से आग लगी. थोड़ी देर में धुआं-धुआं हो गया. सामान निकालता तो बुजुर्ग मां को बचाना मुश्किल हो जाता, इसलिए सबसे पहले मां को ट्रेन से नीचे उतारा. उन्होंने बताया कि आग इतनी बढ़ गई कि दोबारा कोच में नहीं जा पाए. उधम सिंह ने बताया कि उनके 3 सूटकेस के जल गए, जिसमें करीब डेढ़ लाख रुपये का गोल्ड, पासपोर्ट वीजा, 300 डॉलर था.
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वहीं, एक यात्री ने बताया कि सबसे पहले 2 कोच में आग लगी देखते ही देखते आग फैल गई और दोनों रास्ते ब्लॉक हो गए. उन्होंने बताया कि तब उसने हैमर से कांच की खिड़की तोड़नी चाहिए लेकिन नहीं टूटी. इसके बाद उसने पैर से खिड़की को तोड़ने की कोशिश की तो उसका पैर चोटिल हो गया. उन्होंने बताया कि A1 और A2 का सारा सामान जल गया. हमारे कोच के लोगों ने बड़ी मुश्किल से बच्चों को बाहर निकल पाए. यात्रियों ने बताया कि ग्वालियर में थोड़ी बहुत इलाज मिला. इसके बाद झांसी में अच्छे से ट्रीटमेंट मिला.
जालंधर से रायपुर जा रही महिला यात्री ने बताया कि आग लगी तो सोचा कि सामान लेकर बाहर निकलेंगे लेकिन कोच में धुआं ही धुआं हो गया. लोगों का दम घुटने लगा और बेसुध होने लगे. किसी तरह से बच्चों को लेकर कोच से बाहर निकल पाए लेकिन सारा सामान जल गया. हम अपने सामान को जलते देखते रहे लेकिन कुछ नहीं कर पाए. घुटन से लोगों को उल्टियां होने लगी थीं.
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