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हजारों किमी यात्रा कर झांसी पहुंची बुलेट रानी, 12 राज्यों के बाद अब यहां की है तैयारी

'बुलेट रानी' (Bullet Rani) के नाम से पहचान बनाने वाली राजलक्ष्मी मंदा (Rajlakshmi Manda) शुक्रवार को यूपी के झांसी पहुंची. बुलेट रानी (Bullet Rani) अभी तक हजारों किमी. की यात्रा पूरी कर चुकी हैं.

झांसी पहुंची बुलेट रानी.
झांसी पहुंची बुलेट रानी.
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Published : Aug 13, 2021, 10:29 PM IST

झांसी: बुलेट रानी (Bullet Rani) के नाम से मशहूर राजलक्ष्मी मंदा (Rajlakshmi Manda) शुक्रवार को बुलेट पर सवार होकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के साथ झांसी पहुंची. वह बुलेट पर सवार होकर 8 अगस्त को तमिलनाडू के मदुरई से निकली थीं. वह अपनी इस विशेष यात्रा में 4450 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद 19 अगस्त को अटल टनल (Atal Tunnel) मनाली पहुचेंगी. राजलक्ष्मी अपनी टीम के सदस्यों के साथ लगभग 3000 किमी की यात्रा तय करने के बाद 12 राज्यों से होते हुए शुक्रवार को झांसी पहुंची.

झांसी पहुंची बुलेट रानी.
झांसी पहुंचने पर यहां के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राजलक्ष्मी मंदा का स्वागत किया. वे झांसी रेंज के डीआईजी जोगेंद्र कुमार के कार्यालय पहुंची और यहां झांसी के विभिन्न सामाजिक संगठनों की मौजूदगी में इनका सम्मान करने के बाद हरी झंडी दिखाकर आगरा के लिए रवाना किया. सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राजलक्ष्मी के इस प्रयास की सराहना की और उन्हें आगे की यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं. स्थानीय सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस पहल को महिलाओं को प्रेरित करने वाला कदम बताया.
राजलक्ष्मी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrut Mahotsav) के तहत इस यात्रा की शुरुआत की गई है. इससे पहले भी वह कई बुलेट यात्राएं कर चुकी हूं. महिलाओं को आत्मविश्वास दिलाने के लिए मैंने बुलेट चलाना शुरू किया. अभी तक हिंदुस्तान में बुलेट से 65 हजार किमी. की विविध यात्राएं कर चुकी हूं. हमें यह आजादी लाखों लोगों की शहादत देकर हासिल हुई है. सागर से होते हुए हम झांसी पहुंचे हैं. झांसी में हमें बहुत सम्मान मिला है. उन्होंने बताया कि यह यात्रा 19 अगस्त को हिमाचल प्रदेश में अटल टनल पर समाप्त होगी.

झांसी: बुलेट रानी (Bullet Rani) के नाम से मशहूर राजलक्ष्मी मंदा (Rajlakshmi Manda) शुक्रवार को बुलेट पर सवार होकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के साथ झांसी पहुंची. वह बुलेट पर सवार होकर 8 अगस्त को तमिलनाडू के मदुरई से निकली थीं. वह अपनी इस विशेष यात्रा में 4450 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद 19 अगस्त को अटल टनल (Atal Tunnel) मनाली पहुचेंगी. राजलक्ष्मी अपनी टीम के सदस्यों के साथ लगभग 3000 किमी की यात्रा तय करने के बाद 12 राज्यों से होते हुए शुक्रवार को झांसी पहुंची.

झांसी पहुंची बुलेट रानी.
झांसी पहुंचने पर यहां के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राजलक्ष्मी मंदा का स्वागत किया. वे झांसी रेंज के डीआईजी जोगेंद्र कुमार के कार्यालय पहुंची और यहां झांसी के विभिन्न सामाजिक संगठनों की मौजूदगी में इनका सम्मान करने के बाद हरी झंडी दिखाकर आगरा के लिए रवाना किया. सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने राजलक्ष्मी के इस प्रयास की सराहना की और उन्हें आगे की यात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं. स्थानीय सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस पहल को महिलाओं को प्रेरित करने वाला कदम बताया.
राजलक्ष्मी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrut Mahotsav) के तहत इस यात्रा की शुरुआत की गई है. इससे पहले भी वह कई बुलेट यात्राएं कर चुकी हूं. महिलाओं को आत्मविश्वास दिलाने के लिए मैंने बुलेट चलाना शुरू किया. अभी तक हिंदुस्तान में बुलेट से 65 हजार किमी. की विविध यात्राएं कर चुकी हूं. हमें यह आजादी लाखों लोगों की शहादत देकर हासिल हुई है. सागर से होते हुए हम झांसी पहुंचे हैं. झांसी में हमें बहुत सम्मान मिला है. उन्होंने बताया कि यह यात्रा 19 अगस्त को हिमाचल प्रदेश में अटल टनल पर समाप्त होगी.
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