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प्रशासनिक उदासीनता के कारण ऐतिहासिक धरोहरों के पास धड़ल्ले से बन रहे बहुमंजिला भवन

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Published : Aug 7, 2021, 9:29 AM IST

ऐतिहासिक झांसी किला और रानी महल के निकट भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और झांसी विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण लगातार व्यावसायिक और बहुमंजिला भवनों का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है. जबकि झांसी किला और रानी महल के निकटनए भवनों के निर्माण पर रोक लगी है.

ऐतिहासिक धरोहरों के पास धड़ल्ले से बन रहे बहुमंजिला भवन
ऐतिहासिक धरोहरों के पास धड़ल्ले से बन रहे बहुमंजिला भवन

झांसी: ऐतिहासिक झांसी किला और रानी महल के निकट भले ही नए भवनों के निर्माण पर रोक लगी हो, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और झांसी विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण लगातार व्यावसायिक और बहुमंजिला भवनों का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है. एक ओर जहां ऐतिहासिक महत्व की धरोहरों को संरक्षित करने के दावे प्रशासन लगातार कर रहा है, तो दूसरी ओर शहर के रसूखदार लोग नियमों का उल्लंघन करते हुए बहुमंजिला भवनों का निर्माण कर रहे हैं, जिसके कारण ऐतिहासिक स्थलों के अस्तित्व पर लगातार खतरा मंडराता नजर आ रहा है. लगातार हो रहे अवैध निर्माणों के कारण इन संरक्षित स्मारकों का अस्तित्व खतरे के पड़ता नजर आ रहा है.

झांसी किले के निकट मिनर्वा चौराहे पर झांसी विकास प्राधिकरण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रोक के बावजूद यहां बहुमंजिला व्यावसायिक भवन निर्मित हो गया, जबकि यहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से बोर्ड लगाया गया है कि यहां दो सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता. इसके अलावा पुरानी तहसील के निकट गांधी भवन के सामने भी व्यावसायिक भवन का निर्माण किले की बाउंड्री के करीब किया जा रहा है. अधिकांश मामलों की जानकारी विभागीय अफसरों को होने के बावजूद राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण अफसर कार्रवाई करने से पीछे हट जाते हैं और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर दी जाती है. दूसरी ओर सरकार लगातार दावे करती है कि ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

ऐतिहासिक धरोहरों के पास धड़ल्ले से बन रहे बहुमंजिला भवन

इसे भी पढ़ें-पीएम मोदी के बारे में ये क्या बोल गए योगी के मंत्री !

इस तरह के अवैध रूप से हो रहे निर्माणों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी अभिषेक कुमार से कार्रवाई को लेकर जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे में कोई भी जानकारी लखनऊ कार्यालय में तैनात अधिकारी ही दे सकेंगे. दूसरी ओर झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित ने बताया कि यह मामला अभी संज्ञान में लाया गया है कि एक तीन मंजिला कम्प्लेक्स बनाया जा रहा है. अभी टीम भेज दी है और इस मामले में कार्रवाई करेंगे. यह भी आश्चर्यजनक है कि कोरोना काल में या किस समय यह बनी है. इसकी भी जांच कराएंगे कि इसमें कार्रवाई क्यों नहीं हुई अभी तक. बिल्डिंग पर भी कार्रवाई होगी और जो हमारा कर्मचारी दोषी होगा, उस पर भी कार्रवाई करेंगे.

झांसी: ऐतिहासिक झांसी किला और रानी महल के निकट भले ही नए भवनों के निर्माण पर रोक लगी हो, लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और झांसी विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता के कारण लगातार व्यावसायिक और बहुमंजिला भवनों का निर्माण धड़ल्ले से किया जा रहा है. एक ओर जहां ऐतिहासिक महत्व की धरोहरों को संरक्षित करने के दावे प्रशासन लगातार कर रहा है, तो दूसरी ओर शहर के रसूखदार लोग नियमों का उल्लंघन करते हुए बहुमंजिला भवनों का निर्माण कर रहे हैं, जिसके कारण ऐतिहासिक स्थलों के अस्तित्व पर लगातार खतरा मंडराता नजर आ रहा है. लगातार हो रहे अवैध निर्माणों के कारण इन संरक्षित स्मारकों का अस्तित्व खतरे के पड़ता नजर आ रहा है.

झांसी किले के निकट मिनर्वा चौराहे पर झांसी विकास प्राधिकरण और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रोक के बावजूद यहां बहुमंजिला व्यावसायिक भवन निर्मित हो गया, जबकि यहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से बोर्ड लगाया गया है कि यहां दो सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता. इसके अलावा पुरानी तहसील के निकट गांधी भवन के सामने भी व्यावसायिक भवन का निर्माण किले की बाउंड्री के करीब किया जा रहा है. अधिकांश मामलों की जानकारी विभागीय अफसरों को होने के बावजूद राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण अफसर कार्रवाई करने से पीछे हट जाते हैं और कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर दी जाती है. दूसरी ओर सरकार लगातार दावे करती है कि ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

ऐतिहासिक धरोहरों के पास धड़ल्ले से बन रहे बहुमंजिला भवन

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इस तरह के अवैध रूप से हो रहे निर्माणों पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारी अभिषेक कुमार से कार्रवाई को लेकर जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि इस बारे में कोई भी जानकारी लखनऊ कार्यालय में तैनात अधिकारी ही दे सकेंगे. दूसरी ओर झांसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष सर्वेश कुमार दीक्षित ने बताया कि यह मामला अभी संज्ञान में लाया गया है कि एक तीन मंजिला कम्प्लेक्स बनाया जा रहा है. अभी टीम भेज दी है और इस मामले में कार्रवाई करेंगे. यह भी आश्चर्यजनक है कि कोरोना काल में या किस समय यह बनी है. इसकी भी जांच कराएंगे कि इसमें कार्रवाई क्यों नहीं हुई अभी तक. बिल्डिंग पर भी कार्रवाई होगी और जो हमारा कर्मचारी दोषी होगा, उस पर भी कार्रवाई करेंगे.

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