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कोरोना मरीजों के लिए 12 बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं अंकुर जैन

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Published : Apr 23, 2021, 12:42 AM IST

देश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच कुछ लोग मानवता की मिशाल कायम कर रहे हैं. झांसी के कारोबारी अंकुर जैन कोरोना से ठीक होने के बाद 12 बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. वहीं दूसरे कारोबारी हैप्पी चावला 5 बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं. चिकित्सकों का मानना है कि प्लाज्मा दान करके आप सीधे तौर पर लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं.

plasma donation
प्लाज्मा डोनेशन

झांसीः कोरोना काल में लगातार हो रही मौतों के बीच कुछ लोग दूसरों की जिंदगी बचाने में मददगार साबित हो रहे हैं. झांसी के कारोबारी अंकुर जैन और हैप्पी चावला जैसे लोग इस समय मदद की मिशाल कायम कर रहे हैं. इन लोगों ने प्लाज्मा दान करके बहुत सारे लोगों की जिंदगी बचाने का काम किया है. जिले में अंकुर जैन और हैप्पी चावला को देखकर और भी बहुत से लोग सामने आए हैं, लेकिन प्लाज्मा की जितनी जरूरत है उतना मिल नहीं पा रहा है.

कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेशन.

अंकुर जैन 12 बार कर चुके हैं प्लाज्मा डोनेट
शहर के कारोबारी अंकुर जैन बताते हैं कि वे अगस्त 2020 में पॉजिटिव हुए थे. प्लाज्मा थेरेपी से जुड़े समाचार देखकर तय किया कि वे भी प्लाज्मा दान करेंगे. उन्होंने बताया कि वह 5 बार प्लाज्मा दान किए, जिसके बाद उनकी काफी सराहना हुई थी. उसके बाद 7 बार और दान कर चुके हैं. अब एंटीबॉडी कम हो जाने के कारण दान कर पाने में असमर्थ हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि जो लोग संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, उन्हें प्लाज्मा दान करना चाहिए. जिससे संक्रमित लोग जल्द से जल्द बीमारी से निजात पा सकें.

पांच बार प्लाज्मा दे चुके हैं हैप्पी चावला
ईटीवी भारत से बातचीत में हैप्पी चावला ने कहा कि वे पिछले वर्ष 4 नवम्बर को कोविड पॉजिटिव हुए थे. इसके बाद 11 नवंबर को निगेटिव रिपोर्ट आई. चावला ने बताया कि निगेटिव आने के बाद मैने पहली बार पंद्रहवें दिन प्लाज्मा डोनेट किया. पहले दौर में प्लाज्मा की इतनी मांग नहीं थी लेकिन दूसरे स्ट्रेन में प्लाज्मा की मांग बहुत बढ़ गई है. हैप्पी ने बताया कि वे अब तक 5 बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं जो 8 अलग-अलग लोगों को चढ़ा है. कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति निगेटिव होने के बाद हर पन्द्रह दिन में प्लाज्मा डोनेट कर सकता है.

कोरोना हॉस्पिटल.
कोरोना हॉस्पिटल.

जागरूकता की कमी
हैप्पी चावला ने बताया कि प्लाज्मा डोनेशन को लेकर अभी लोगों में बहुत सारी भ्रांतियां हैं. झांसी में 10 हजार से अधिक लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, जबकि प्लाज्मा की जरूरत सिर्फ 100 से 200 लोगों को होगी. बहुत आसानी से इसे पूरा किया जा सकता है लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है. इसके पीछे जागरूकता की कमी है. कई लोग ऐसे भी हैं जो तीन- चार बार प्लाज्मा डोनेट किए हैं.

क्या कहते हैं चिकित्सक
झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर बताते हैं कि शुरुआती दौर में जिन मरीजों में प्लाज्मा का उपयोग हो रहा है, उन्हें फायदा मिल रहा है. हमने मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा बैंक बनाया हुआ है. लोग यहां से ठीक होकर जा रहे हैं, उनसे संपर्क कर हम प्लाज्मा लेते हैं और इलाजरत मरीजों को देते हैं. हम चिकित्सकों को कह रहे हैं कि प्लाज्मा का उपयोग शुरुआती दौर में ही करें क्योंकि मरीज के गम्भीर हो जाने के बाद प्लाज्मा का कोई रोल नहीं रह जाता है.

यह भी पढ़ेंः-कोरोना अपडेट: 24 घंटे में मिले 34,379 नए मरीज, 195 लोगों की मौत

एक व्यक्ति दो यूनिट दे सकता है प्लाज्मा
प्राचार्य ने बताया कि लोग प्लाज्मा दे तो रहे हैं लेकिन कोरोना की वजह से ज्यादातर लोग घर से निकलने से डर रहे हैं. हम यदि दस लोगों को बुलाते हैं तो उनमें से एक या दो लोग ही सामने आते हैं क्योकि उन्हें डर होता है कि कहीं दोबारा कोरोना न हो जाए. ऐसे में हम अटेंडेंट को सूची दे देते हैं, जिससे वे भी व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करें. अभी 50 से 60 लोगों को प्लाज्मा की जरूरत है. उपलब्धता हो जाने पर हम सभी को प्लाज्मा चढ़ाएंगे. एक मरीज को एक दिन में एक यूनिट प्लाज्मा लगता है और एक डोनर एक बार में दो यूनिट प्लाज्मा दे सकता है.

झांसीः कोरोना काल में लगातार हो रही मौतों के बीच कुछ लोग दूसरों की जिंदगी बचाने में मददगार साबित हो रहे हैं. झांसी के कारोबारी अंकुर जैन और हैप्पी चावला जैसे लोग इस समय मदद की मिशाल कायम कर रहे हैं. इन लोगों ने प्लाज्मा दान करके बहुत सारे लोगों की जिंदगी बचाने का काम किया है. जिले में अंकुर जैन और हैप्पी चावला को देखकर और भी बहुत से लोग सामने आए हैं, लेकिन प्लाज्मा की जितनी जरूरत है उतना मिल नहीं पा रहा है.

कोरोना मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेशन.

अंकुर जैन 12 बार कर चुके हैं प्लाज्मा डोनेट
शहर के कारोबारी अंकुर जैन बताते हैं कि वे अगस्त 2020 में पॉजिटिव हुए थे. प्लाज्मा थेरेपी से जुड़े समाचार देखकर तय किया कि वे भी प्लाज्मा दान करेंगे. उन्होंने बताया कि वह 5 बार प्लाज्मा दान किए, जिसके बाद उनकी काफी सराहना हुई थी. उसके बाद 7 बार और दान कर चुके हैं. अब एंटीबॉडी कम हो जाने के कारण दान कर पाने में असमर्थ हैं. उन्होंने लोगों से अपील की है कि जो लोग संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, उन्हें प्लाज्मा दान करना चाहिए. जिससे संक्रमित लोग जल्द से जल्द बीमारी से निजात पा सकें.

पांच बार प्लाज्मा दे चुके हैं हैप्पी चावला
ईटीवी भारत से बातचीत में हैप्पी चावला ने कहा कि वे पिछले वर्ष 4 नवम्बर को कोविड पॉजिटिव हुए थे. इसके बाद 11 नवंबर को निगेटिव रिपोर्ट आई. चावला ने बताया कि निगेटिव आने के बाद मैने पहली बार पंद्रहवें दिन प्लाज्मा डोनेट किया. पहले दौर में प्लाज्मा की इतनी मांग नहीं थी लेकिन दूसरे स्ट्रेन में प्लाज्मा की मांग बहुत बढ़ गई है. हैप्पी ने बताया कि वे अब तक 5 बार प्लाज्मा डोनेट कर चुके हैं जो 8 अलग-अलग लोगों को चढ़ा है. कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति निगेटिव होने के बाद हर पन्द्रह दिन में प्लाज्मा डोनेट कर सकता है.

कोरोना हॉस्पिटल.
कोरोना हॉस्पिटल.

जागरूकता की कमी
हैप्पी चावला ने बताया कि प्लाज्मा डोनेशन को लेकर अभी लोगों में बहुत सारी भ्रांतियां हैं. झांसी में 10 हजार से अधिक लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं, जबकि प्लाज्मा की जरूरत सिर्फ 100 से 200 लोगों को होगी. बहुत आसानी से इसे पूरा किया जा सकता है लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा है. इसके पीछे जागरूकता की कमी है. कई लोग ऐसे भी हैं जो तीन- चार बार प्लाज्मा डोनेट किए हैं.

क्या कहते हैं चिकित्सक
झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर बताते हैं कि शुरुआती दौर में जिन मरीजों में प्लाज्मा का उपयोग हो रहा है, उन्हें फायदा मिल रहा है. हमने मेडिकल कॉलेज में प्लाज्मा बैंक बनाया हुआ है. लोग यहां से ठीक होकर जा रहे हैं, उनसे संपर्क कर हम प्लाज्मा लेते हैं और इलाजरत मरीजों को देते हैं. हम चिकित्सकों को कह रहे हैं कि प्लाज्मा का उपयोग शुरुआती दौर में ही करें क्योंकि मरीज के गम्भीर हो जाने के बाद प्लाज्मा का कोई रोल नहीं रह जाता है.

यह भी पढ़ेंः-कोरोना अपडेट: 24 घंटे में मिले 34,379 नए मरीज, 195 लोगों की मौत

एक व्यक्ति दो यूनिट दे सकता है प्लाज्मा
प्राचार्य ने बताया कि लोग प्लाज्मा दे तो रहे हैं लेकिन कोरोना की वजह से ज्यादातर लोग घर से निकलने से डर रहे हैं. हम यदि दस लोगों को बुलाते हैं तो उनमें से एक या दो लोग ही सामने आते हैं क्योकि उन्हें डर होता है कि कहीं दोबारा कोरोना न हो जाए. ऐसे में हम अटेंडेंट को सूची दे देते हैं, जिससे वे भी व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास करें. अभी 50 से 60 लोगों को प्लाज्मा की जरूरत है. उपलब्धता हो जाने पर हम सभी को प्लाज्मा चढ़ाएंगे. एक मरीज को एक दिन में एक यूनिट प्लाज्मा लगता है और एक डोनर एक बार में दो यूनिट प्लाज्मा दे सकता है.

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