झांसी : रेलवे स्टेशन का नाम बदले जाने के बाद अब धीरे-धीरे लोगों के विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. हर जगह से यही मांग उठ रही है कि नए नाम के आगे झांसी भी जोड़ा जाए. इसी क्रम में बुधवार को रानी लक्ष्मी बाई पार्क में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें शहर के सभी व्यापारी संगठन, धर्मगुरुओं व सपा के पूर्व विधायक कैलाश साहू, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, बार एसोसिएशन के पदाधिकारी, कर्मचारी संगठन के कई पदाधिकारियों ने शामिल होकर बदले हुए नाम में झांसी का नाम ना होने का विरोध जताया. आगे किस तरीके का आंदोलन इसके लिए किया जाए इस पर भी सुझाव दिए गए.
वहीं, सांसद अनुराग शर्मा (MP Anurag Sharma) ने पूर्व महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी को बैठक में भेज कर यह जानकारी भिजवाई की यह एक टेक्निकल गलती है जिसको जल्द ही सुधार दिया जाएगा.
बुंदेलखंड में कहावत है 'करे कोई भरे कोई' ऐसा ही कुछ हाल झांसी के स्टेशन का नाम बदलने को लेकर हो रहा है. स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई किये जाने के बाद जो विरोध की हवा चली तो भाजपा के होश फाख्ता हो गए. वहीं, सांसद को इस बात का एहसास हो गया कि उन्होंने जो प्रस्ताव भेजा वह कितना गलत पड़ गया. इसके लिए वे सार्वजनिक रूप से क्या कहें, इसलिए टेक्निकल गलती है शब्दों का प्रयोग कर इस मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया. हालांकि अब विरोध रंग लाया है और कहा गया है कि जल्द ही स्टेशन के नाम से झांसी जुड़ जाएगा. रानी लक्ष्मी पार्क में सर्वदलीय बैठक धर्मगुरु की मौजूदगी में हुई जिसमें सभी ने एक स्वर से स्टेशन का नाम से झांसी हटाए जाने का पुरजोर विरोध किया.
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सभी ने कहा कि झांसी स्टेशन की पहचान झांसी से है. हालांकि सभी इस बात पर सहमत थे कि झांसी का नाम यदि स्टेशन से जोड़ा जाए तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. पिछले दिनों से लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शन हस्ताक्षर अभियान समेत तमाम संगठन की आवाज इतनी तेज हो गई थी कि अब भारतीय जनता पार्टी को चुनावी माहौल में यह मुद्दा गले की फांस बनता नजर आ रहा है. यही कारण है कि सांसद की ओर से तो कोई बयान नहीं आया लेकिन पूर्व महानगर अध्यक्ष प्रदीप सराओगी ने इस बात को बताया कि सांसद ने स्टेशन के नाम के आगे झांसी ना जुड़ने को लेकर जो जानकारी दिए हैं, वह हैरान करने वाली है.
उन्होंने बताया कि सांसद ने झांसी स्टेशन का नाम वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी के नाम पर करने का प्रस्ताव भेजा था यह कहीं ना कहीं टेक्निकल गलती है, जिसकी जांच की जा रही है. उन्होंने इस मामले में रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, उत्तर प्रदेश सरकार से बात की है. प्रदीप सराओगी ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही स्टेशन के नाम के साथ झांसी जोड़ दिया जाएगा.
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