झांसी: लखनऊ में दिलकुशा कॉलोनी (Dilkusha Colony) में दीवार गिरने से 9 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 6 लोग झांसी के मऊरानीपुर तहसील क्षेत्र (Mauranipur Tehsil Area) के अंतर्गत आने वाले ग्राम पचवारा के रहने वाले बताए जा रहे हैं. परिवार में बूढ़ी मां के अलावा अब कोई नहीं बचा है. साथ ही परिवार का एक सदस्य लखनऊ के पीजीआई हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है.
जानकारी के मुताबिक, भगवती देवी नामक महिला झांसी के ग्राम पचवारा में झोपड़ी में रहकर अपना गुजर-बसर कर रही है. जबकि उसके बेटे पप्पू, पत्नी मानभुवन, पुत्र प्रदीप और रेशमा पत्नी प्रदीप, नैना पुत्री प्रदीप उम्र 1 वर्ष, गोलू पुत्र पप्पू उम्र 18 वर्ष अपने रिश्तेदार धर्मेंद्र के साथ लखनऊ में मजदूरी करने गए थे, लेकिन अचानक दीवार गिरने से पचवारा के पप्पू ,मान भुवन , प्रदीप , रेशमा, नैना की दर्दनाक मौत हो गई. वहीं, गोलू की हालत गंभीर बनी हुई है, जो लखनऊ के पीजीआई हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है.
ग्राम पचवारा के ग्रामीणों ने बताया कि यह सब आदिवासी हैं, जिनके पास रहने के लिए भी घर नहीं है. पूरा परिवार झोपड़ी में रहता था और दो वक्त की रोटी के लिए इधर उधर काम करने के लिए चले जाया करते थे. परिवार में बस एक बूढ़ी मां है, जो गांव में ही झोपड़ी में रहती है. उक्त लोगों के पास कोई भी जमीन नहीं है. यह अपना भरण-पोषण मजदूरी के सहारे ही किया करते थे. हादसे की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छाया हुआ है. बताया गया है पप्पू अपनी पत्नी और लड़के और बहू को साथ में लेकर मजदूरी करने गया था, जिसमें प्रदीप की 1 साल की मासूम बच्ची भी साथ में रहती थी, जिसकी भी उक्त हादसे में दर्दनाक मौत हो गई है और गोलू की हालत गंभीर बनी हुई है.
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वहीं, घटना की जानकारी लगते ही झांसी जिला प्रशासन के आदेश के बाद मौके पर पहुंचे तहसीलदार ने पचवारा गांव पहुंचकर बूढ़ी मां से बातचीत की और ग्रामीणों से भी वार्ता की. साथ ही रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन को भेजकर सहायता राशि दिलवाए जाने की बात कही. समाजसेवी संदीप सराओगी ने कहा झांसी के साथ-साथ पूरे बुंदेलखंड में बेरोजगारी की बड़ी समस्या है. यह समस्या काफी लंबी है. कई सरकारें आई लेकिन कोई भी सरकार इनके रोजगार की व्यवस्था नहीं कर पाई.