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सीवर खुदाई से क्षतिग्रस्त पानी और टेलीफोन लाइन को भी दुरुस्त करेगा जल निगम

यूपी के जौनपुर में सीवर पाइप बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त हुई पानी और टेलीफोन लाइन की मरम्मत जल निगम कराएगा. डीपीआर में संशोधन करके क्षतिपूर्ति की राशि भी बढ़ाई जाएगी.

सीवर खुदाई
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Published : Feb 24, 2021, 6:52 PM IST

जौनपुर: जिले में अमृत योजना के अंतर्गत सीवर पाइप बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त हुई पानी और टेलीफोन लाइन की मरम्मत का जिम्मा भी जल निगम का होगा. संबंधित विभागों द्वारा हर्जाना मांगने के बाद अब जल निगम इसकी मरम्मत की तैयारी में है. डीपीआर में संशोधन कर क्षतिपूर्ति की राशि को भी शामिल किया जाएगा.

अमृत योजना के अंतर्गत जनपद जौनपुर में सीवर लाइन बिछाने का काम वृहद स्तर पर किया जा रहा है. सीवर लाइन बिछाने के लिए मुख्य मार्गों से लेकर मोहल्लों तक को खोद दिया गया है. इस खुदाई के कारण कई जगहों पर पानी और टेलीफोन लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिसके चलते इनकी सेवाएं बाधित हैं. लगातार उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद संबंधित विभाग जल निगम से मरम्मत का दबाव बना रहे थे. जल निगम का कहना था कि इस बाबत बजट पर्याप्त नहीं है और डीपीआर में इसकी व्यवस्था न होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर सकते. क्षतिपूर्ति देने में उन्हें काफी चपत लग जाती है. इस समस्या को दूर करने के लिए कार्यदाई संस्था जल निगम अब डीपीआर में संशोधन की तैयारी में है. इसमें सीवर पाइप लाइन डालने के समय क्षतिग्रस्त नालियों और पेयजल पाइप को बनाने के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान भी किया जाएगा.

इस बाबत जल निगम के एक्सईएन संजय गुप्ता ने बताया कि डीपीआर में टेलीफोन लाइन, नाली और पेयजल पाइप टूटने पर बनाने की सुविधा उपलब्ध नहीं है. जिस कारण से वह मरम्मत नहीं करा पा रहे थे. डीपीआर में संशोधन किया जाएगा जिससे क्षतिग्रस्त नाली और पेयजल पाइप को बनाने का भी प्रबंध जल्दी कर दिया जाएगा.

जौनपुर: जिले में अमृत योजना के अंतर्गत सीवर पाइप बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त हुई पानी और टेलीफोन लाइन की मरम्मत का जिम्मा भी जल निगम का होगा. संबंधित विभागों द्वारा हर्जाना मांगने के बाद अब जल निगम इसकी मरम्मत की तैयारी में है. डीपीआर में संशोधन कर क्षतिपूर्ति की राशि को भी शामिल किया जाएगा.

अमृत योजना के अंतर्गत जनपद जौनपुर में सीवर लाइन बिछाने का काम वृहद स्तर पर किया जा रहा है. सीवर लाइन बिछाने के लिए मुख्य मार्गों से लेकर मोहल्लों तक को खोद दिया गया है. इस खुदाई के कारण कई जगहों पर पानी और टेलीफोन लाइन भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं. जिसके चलते इनकी सेवाएं बाधित हैं. लगातार उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद संबंधित विभाग जल निगम से मरम्मत का दबाव बना रहे थे. जल निगम का कहना था कि इस बाबत बजट पर्याप्त नहीं है और डीपीआर में इसकी व्यवस्था न होने की वजह से वह ऐसा नहीं कर सकते. क्षतिपूर्ति देने में उन्हें काफी चपत लग जाती है. इस समस्या को दूर करने के लिए कार्यदाई संस्था जल निगम अब डीपीआर में संशोधन की तैयारी में है. इसमें सीवर पाइप लाइन डालने के समय क्षतिग्रस्त नालियों और पेयजल पाइप को बनाने के लिए अतिरिक्त बजट का प्रावधान भी किया जाएगा.

इस बाबत जल निगम के एक्सईएन संजय गुप्ता ने बताया कि डीपीआर में टेलीफोन लाइन, नाली और पेयजल पाइप टूटने पर बनाने की सुविधा उपलब्ध नहीं है. जिस कारण से वह मरम्मत नहीं करा पा रहे थे. डीपीआर में संशोधन किया जाएगा जिससे क्षतिग्रस्त नाली और पेयजल पाइप को बनाने का भी प्रबंध जल्दी कर दिया जाएगा.

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