जौनपुर: कोरोना की वैश्विक महामारी के चलते कई सारी सरकारी सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं, जिनमें से एक टीकाकरण भी है. जनपद में कई अस्पतालों की ओपीडी सेवा भी बंद कर दी गई है. जौनपुर में जन्म से लेकर 5 साल तक के बच्चों के टीकाकरण के लिए मिशन इंद्रधनुष का कार्यक्रम चलाया जाता है, लेकिन यह कार्य इन दिनों कोरोना के चलते प्रभावित हुआ है. ऐसे क्षेत्र जहां पर कोरोना वायरस के मरीज पाए जा रहे हैं उन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है और वहां पर टीकाकरण रोक दिया गया है. ऐसी स्थिति में माता-पिता अपने बच्चों को टीका लगाने के लिए एएनएम के भरोसे ही बैठे हैं. जिला अस्पताल में टीका लगवाने के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या भी अब एक तिहाई रह गई है.
नहीं हो पा रहा टीकाकरण
जौनपुर जनपद में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 2500 के पार हो गई है. कोरोना वायरस के चलते जहां अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं तो वहीं बच्चों को लगने वाले टीकाकरण का कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जनपद में पहले डेढ़ महीनों तक टीकाकरण नहीं हो पाया था, लेकिन मई माह में टीकाकरण का कार्य शुरू किया गया. दोबारा से टीकाकरण शुरू तो हुआ, लेकिन वह केवल अस्पतालों तक ही सीमित रहा क्योंकि ग्रामीण इलाकों में कोरोना के मरीज मिलने के कारण वहां टीकाकरण रोक दिया गया है. शहर के ऐसे इलाके जो कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं, वहां भी अब टीकाकरण नहीं हो पा रहा है. इसके कारण बच्चों को समय से लगने वाला टीका अब देर से लग पा रहा है. इस कारण बच्चों के माता-पिता भी काफी चिंतित हैं.
नौनिहालों के माता-पिता चिंतित
टीका ना लगने से परेशान एक बच्चे कि पिता ने बताया कि जब से लॉकडाउन लगा है तब से उनके बच्चे को कोई भी टीका नहीं लग पाया है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के पहले टीका लगा था, ऐसे में टीका ना लगने से उनके बच्चे को खतरा भी है. 6 माह के बच्चे के पिता सूरज ने बताया कि जन्म के समय ही उनके बच्चे को टीका लगा था. इधर 3 महीनों से उनके बच्चे को कोई टीका नहीं लग पाया है.
टीकाकरण कराने वालों की संख्या में भारी गिरावट
टीका लगाने वाली एएनएम सुनीता यादव ने जानकारी दी कि आजकल कोरोना के चलते टीकाकरण का कार्य प्रभावित हुआ है. जिन क्षेत्रों में कोरोना के मरीज निकल रहे हैं, वहां पर टीकाकरण नहीं हो रहा है. एएनएम आशा देवी ने बताया कि उनके यहां टीकाकरण कराने वालों की संख्या में भारी गिरावट आई है. लॉकडाउन के पहले जहां प्रतिदिन डेढ़ सौ की संख्या में टीकाकरण होता था, इन दिनों 30-35 लोग ही टीका कराने के लिए आ रहे हैं क्योंकि कोरोना के चलते लोग डरे हुए हैं.
टीकाकरण न होने से बच्चों को कोई खतरा नहीं
जौनपुर जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने जानकारी दी कि इस समय कोरोना के चलते टीकाकरण प्रभावित हुआ है, लेकिन उन क्षेत्रों में टीकाकरण कराया जा रहा है जहां पर कोरोना वायरस नहीं है. उन्होंने बताया कि टीकाकरण न होने से बच्चों को कोई खतरा नहीं है क्योंकि 1 महीने तक टीकाकरण न भी हो तो बच्चों को कोई स्वास्थ संबंधी दिक्कत नहीं होगी.