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जौनपुर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला पर राजद्रोह की याचिका दाखिल

जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद देश विरोधी बयान पर यूपी के जौनपुर जिले में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ राजद्रोह की याचिका दाखिल की गई है. इस मामले में सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की गई है.

पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला.
पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला.
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Published : Oct 21, 2020, 6:35 PM IST

जौनपुर: अनुच्छेद-370 और 35ए के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की ओर से दिए गए बयान को लेकर जिले के सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया है. वहीं न्यायालय ने इस पर सुनवाई के लिए पांच दिसंबर की तारीख तय की है.

जौनपुर जिले के दीवानी न्यायालय में कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी अरुण कुमार सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री पर राजद्रोह का परिवाद दायर किया है. इस मामले में सीजेएम ने परिवाद पर सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख तय की है. अरुण कुमार ने सीजेएम कोर्ट में अधिवक्ता रणजंय सिंह के माध्यम से परिवाद दायर किया है. अरुण कुमार ने बताया कि 11 अक्टूबर 2020 को फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 व 35-ए के संबंध में बयान दिया है कि दोनों धाराओं की बहाली में चीन से मदद मिल सकती है.

परिवादी का पक्ष है कि फारूक अब्दुल्ला के देश विरोधी बयान का प्रसारण व प्रकाशन परिवादी व गवाहों ने देखा और सुना. आरोपित ने देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय पटल पर नीचा दिखाने का प्रयास किया है. साथ ही देश की एकता व अखंडता को क्षति पहुंचाई है.

इसे भी पढ़ें- भाजपा प्रत्याशी के नोट बांटने पर गरमाई जौनपुर की सियासत

जौनपुर: अनुच्छेद-370 और 35ए के सिलसिले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की ओर से दिए गए बयान को लेकर जिले के सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर किया है. वहीं न्यायालय ने इस पर सुनवाई के लिए पांच दिसंबर की तारीख तय की है.

जौनपुर जिले के दीवानी न्यायालय में कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी अरुण कुमार सिंह ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री पर राजद्रोह का परिवाद दायर किया है. इस मामले में सीजेएम ने परिवाद पर सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख तय की है. अरुण कुमार ने सीजेएम कोर्ट में अधिवक्ता रणजंय सिंह के माध्यम से परिवाद दायर किया है. अरुण कुमार ने बताया कि 11 अक्टूबर 2020 को फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 व 35-ए के संबंध में बयान दिया है कि दोनों धाराओं की बहाली में चीन से मदद मिल सकती है.

परिवादी का पक्ष है कि फारूक अब्दुल्ला के देश विरोधी बयान का प्रसारण व प्रकाशन परिवादी व गवाहों ने देखा और सुना. आरोपित ने देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय पटल पर नीचा दिखाने का प्रयास किया है. साथ ही देश की एकता व अखंडता को क्षति पहुंचाई है.

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