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शिक्षिका ने फेंका एससी रसोईया के हाथ का बना खाना, अभिभावकों ने किया हंगामा - teacher threw mid day meal food

जौनपुर जिले में शिक्षिका ने अनुसूचित जाति के रसोइया के हाथों बना मिड डे मील भोजन फेंक दिया. विद्यालय परिसर में हंगामे के बाद पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी ने शिक्षिका से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है.

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आदर्श प्राथमिक विद्यालय मड़ियाहूं प्रथम
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Published : Dec 14, 2022, 9:09 AM IST

जौनपुरः रामनगर विकासखंड के आदर्श प्राथमिक विद्यालय मड़ियाहूं प्रथम (Adarsh ​​Primary School Madiyahun Pratham) में मंगलवार को शिक्षिका ने अनुसूचित जाति के रसोइया के हाथों बना मिड डे मील भोजन फेंक दिया. मौके पर पहुंचे अभिभावकों ने विद्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और एबीएसए ने घटना की जांच करते हुए घटना को दुःखद बताया. इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी से जानने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कहा कि आरोपी शिक्षक से इस बात को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

खंड शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह

मड़ियाहूं तहसील के आदर्श प्राथमिक विद्यालय प्रथम में मिड डे मील का भोजन बनाने के लिए अनुसूचित जाति के पासी समाज की महिला संतरा देवी रसोइया रखी गई हैं. मंगलवार की सुबह दो सौ बच्चों के लिए मेन्यू के हिसाब से चावल एवं दाल बनाया गया था. आरोप है कि विद्यालय की सहायक अध्यापिका सपना सिंह (assistant teacher sapna singh) रसोईघर में पहुंची और रसोईया संतरा देवी को जातिसूचक शब्दों से कहते हुए खाने के लिए बनाया गया दाल और चावल को जमीन पर पलट दिया. साथ ही कह कि दलित समाज के हाथों कोई भी बच्चा और न तो अध्यापक खाना खाएंगे. इसके बाद विद्यालय परिसर में बवाल मच गया. सूचना पर कई अध्यापक अभिभावक भी विद्यालय परिसर में पहुंचकर सहायक अध्यापक के इस करतूत की निंदा करने लगे. भूख से बिलबिला रहे बच्चे भी विद्यालय परिसर में चिल्लाना शुरू कर दिया.

विद्यालय में बवाल बढ़ता देख किसी अध्यापक ने ग्राम प्रधान पति राणा पुष्पेश यादव को सूचना दी. प्रधान पति ने मौके पर पहुंचकर पारले बिस्कुट लाकर बच्चे को खिलाया. इसके बाद सूचना नायब तहसीलदार संतोष कुमार सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह को दी. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार ने भूख से रो रहे बच्चों को छुट्टी करवा कर घर भेज दिया.

जब इस संबंध में अध्यापिका सपना सिंह से पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपनी बात पर कायम रखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी से अभिभावकों के सामने ही भिड़ गई और महिला को प्रताड़ित करने की धमकी खंड शिक्षाधिकारी को देने लगी. इसके बाद खंड शिक्षाधिकारी ने उनसे लिखित स्पष्टीकरण देने की बात कही. सहायक अध्यापक सपना सिंह ने इस संबंध में बताया कि खाना मैंने फेंका है, इसका जो भी भुगतान होगा अधिकारी कहेंगे तो हम भर देंगे, लेकिन जातिवाद की जो भी आरोप लगाई जा रही है वह सरासर गलत है.

वहीं, इस मामले में मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने कहा कि लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है, जो भी विद्यालय परिसर में घटना हुई वह गलत है. छात्रों से भेदभाव बर्दाश्त नहीं है. हम पूरी रिपोर्ट बेसिक शिक्षाधिकारी एवं जिला अधिकारी को दे देंगे कार्रवाई उन्हीं के द्वारा होगी.

पढ़ेंः सरकारी स्कूल में पढ़ने आए बच्चों से गुरु जी ने उठवाया कूड़ा, वीडियो वायरल

जौनपुरः रामनगर विकासखंड के आदर्श प्राथमिक विद्यालय मड़ियाहूं प्रथम (Adarsh ​​Primary School Madiyahun Pratham) में मंगलवार को शिक्षिका ने अनुसूचित जाति के रसोइया के हाथों बना मिड डे मील भोजन फेंक दिया. मौके पर पहुंचे अभिभावकों ने विद्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार और एबीएसए ने घटना की जांच करते हुए घटना को दुःखद बताया. इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी से जानने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कहा कि आरोपी शिक्षक से इस बात को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है.

खंड शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह

मड़ियाहूं तहसील के आदर्श प्राथमिक विद्यालय प्रथम में मिड डे मील का भोजन बनाने के लिए अनुसूचित जाति के पासी समाज की महिला संतरा देवी रसोइया रखी गई हैं. मंगलवार की सुबह दो सौ बच्चों के लिए मेन्यू के हिसाब से चावल एवं दाल बनाया गया था. आरोप है कि विद्यालय की सहायक अध्यापिका सपना सिंह (assistant teacher sapna singh) रसोईघर में पहुंची और रसोईया संतरा देवी को जातिसूचक शब्दों से कहते हुए खाने के लिए बनाया गया दाल और चावल को जमीन पर पलट दिया. साथ ही कह कि दलित समाज के हाथों कोई भी बच्चा और न तो अध्यापक खाना खाएंगे. इसके बाद विद्यालय परिसर में बवाल मच गया. सूचना पर कई अध्यापक अभिभावक भी विद्यालय परिसर में पहुंचकर सहायक अध्यापक के इस करतूत की निंदा करने लगे. भूख से बिलबिला रहे बच्चे भी विद्यालय परिसर में चिल्लाना शुरू कर दिया.

विद्यालय में बवाल बढ़ता देख किसी अध्यापक ने ग्राम प्रधान पति राणा पुष्पेश यादव को सूचना दी. प्रधान पति ने मौके पर पहुंचकर पारले बिस्कुट लाकर बच्चे को खिलाया. इसके बाद सूचना नायब तहसीलदार संतोष कुमार सिंह और खंड शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह को दी. मौके पर पहुंचे नायब तहसीलदार ने भूख से रो रहे बच्चों को छुट्टी करवा कर घर भेज दिया.

जब इस संबंध में अध्यापिका सपना सिंह से पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपनी बात पर कायम रखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी से अभिभावकों के सामने ही भिड़ गई और महिला को प्रताड़ित करने की धमकी खंड शिक्षाधिकारी को देने लगी. इसके बाद खंड शिक्षाधिकारी ने उनसे लिखित स्पष्टीकरण देने की बात कही. सहायक अध्यापक सपना सिंह ने इस संबंध में बताया कि खाना मैंने फेंका है, इसका जो भी भुगतान होगा अधिकारी कहेंगे तो हम भर देंगे, लेकिन जातिवाद की जो भी आरोप लगाई जा रही है वह सरासर गलत है.

वहीं, इस मामले में मीडिया के सामने अपना पक्ष रखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी अजीत कुमार सिंह ने कहा कि लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया है, जो भी विद्यालय परिसर में घटना हुई वह गलत है. छात्रों से भेदभाव बर्दाश्त नहीं है. हम पूरी रिपोर्ट बेसिक शिक्षाधिकारी एवं जिला अधिकारी को दे देंगे कार्रवाई उन्हीं के द्वारा होगी.

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