जौनपुर: स्थानीय निकाय चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है. इस बात का खुलासा सूचना के अधिकार के तहत पूर्व सभासद शाहिद मेहंदी ने किया है. इस बात को लेकर राज्य सूचना आयोग ने तहसीलदार सदर को तलब किया है.
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कई मतदाताओं के नाम गायब
गुरुवार को जौनपुर के शाही किले पर ईटीवी से बातचीत करते हुए पूर्व सभासद शाहिद मेहंदी ने बताया कि 2012 के नगर पालिका परिषद चुनाव में वार्ड 26 में मतदाताओं की संख्या 6751 थी. 2017 में जब स्थानीय निकाय चुनाव हुआ तो अचानक 1648 मतदाताओं का नाम सूची से गायब कर दिया गया. 2017 के स्थानीय निकाय चुनाव में 5103 मतदाता का ही नाम दर्ज था.
नहीं दी गई जानकारी
इस मामले में जब उन्होंने तत्कालीन एसडीएम से जानकारी मांगी तो उनकी तरफ से हीला-हवाली शुरू हो गई. आखिरकार उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जब जवाब मांगा तो उन्हें यह आंकड़ा तत्कालीन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने 14 मार्च 2018 को सौंपा. मतदाता सूची से बड़ी संख्या में नाम हटाए जाने के बारे में जब जानकारी मांगी गई, तो एसडीएम ने कहा कि इसकी जानकारी तहसीलदार सदर द्वारा प्रदान की जाएगी.
दोबारा मांगी जानकारी
सूचना के अधिकार का फिर से प्रयोग करते हुए शाहिद ने तहसीलदार सदर से इसकी जानकारी मांगी. सदर तहसीलदार द्वारा इस मामले में जानकारी नहीं प्रदान की गई. जिसके बाद सभासद ने इस बार सूचना आयोग में अपील कर दी. संज्ञान में लेते हुए आयोग ने तहसीलदार सदर को 5 अप्रैल को सुनवाई के लिए तलब करने का नोटिस जारी कर दिया. इस बात से महकमे में हड़कंप मच गया है.
हटाए गए नाम
शाहिद मेहंदी का आरोप है कि निकाय चुनाव में कुछ लोगों ने फर्जी बीएलओ की रिपोर्ट तैयार कर कई वार्डों में वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाए, बल्कि धांधली कर लोगों को चुनाव जिताने में भी मदद की. पूर्व सभासद शाहिद मेहंदी ने आरोप लगाया कि 2012 में वोटर लिस्ट में हेराफेरी का काम शुरू कर दिया गया था. जिसके बाद कई वार्ड में इस तरह से फर्जी हस्ताक्षर के जरिए कई नाम हटा दिए गए.