जौनपुर: प्रदेश में अभी भी ऐसे कई सरकारी अस्पताल हैं, जो बिना किसी डॉक्टर की देख-रेख में चल रहे हैं. योगी सरकार लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सरकारी अस्पतालों में संसाधन को विकसित करने में जुटी है, लेकिन सरकार का यह प्रयास डॉक्टरों की कमी के चलते अधूरा साबित हो रहा है. जौनपुर जनपद की जनसंख्या 45 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है, लेकिन जनसंख्या के मुकाबले जनपद में पर्याप्त डॉक्टरों की संख्या नहीं हैं.
सरकारी अस्पतालों को है डॉक्टरों के आने की आश
जिले में सरकारी अस्पतालों की संख्या तो पर्याप्त है, लेकिन इन सरकारी अस्पतालों में मरीजों के इलाज करने वाले डॉक्टर ही मौजूद नहीं हैं. ऐसे में कई सरकारी अस्पताल डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों के बोझ से दबे हुए हैं. ऐसे में मरीजों को भी बेहतर इलाज की सुविधा नहीं मिल पा रही है. जनपद में जनसंख्या के मुकाबले पर्याप्त सरकारी अस्पताल तो बनाए गए हैं, लेकिन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी बनी हुई है.
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मरीजों के बोझ से दबे डॉक्टर
जनपद में 264 डॉक्टरों के पद हैं, जिसमें से 117 डॉक्टरों के पद अभी भी खाली हैं. वहीं इन डॉक्टरों में भी कुछ ऐसे डॉक्टर है जो पोस्टग्रेजुएट कोर्स करने के लिए छुट्टी पर हैं. ऐसे में जौनपुर जनपद की 45 लाख जनसंख्या को कैसे अच्छा इलाज मिल सकेगा. जनपद के सरकारी अस्पताल इन दिनों डॉक्टरों की कमी के चलते मरीजों के बोझ से दबे हुए हैं, क्योंकि डॉक्टर कम होने पर मरीजों का बोझ उपलब्ध डॉक्टरों पर ही बढ़ रहा है, जिसके कारण मरीजों को भी बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है. वहीं शासन के द्वारा डॉक्टरों की कमी को दूर करने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राम जी पांडे ने बताया कि जनपद में डॉक्टरों की कमी लंबे समय से बनी हुई है. जनपद में कुल डॉक्टरों के 264 पद हैं, जिनमें 117 डॉक्टर के पद खाली हैं.