जौनपुर: पुलिस कस्टडी में 25 वर्षीय कृष्णा यादव की मौत के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है. जौनपुर में रविवार को मृतक के घर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी पहुंचे. योगी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून का इकबाल खत्म हो चुका है. प्रदेश में अब तक तीन हजार से अधिक यादव और अन्य पिछड़ी जाति के लोगों की या तो हत्या कर दी गई है या एनकाउंटर हो गया है.
जनपद जौनपुर के बक्सा थाना अंतर्गत 25 वर्षीय कृष्णा यादव उर्फ पुजारी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. घटना को संज्ञान में लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने एसओजी टीम सहित बक्सा एसओ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. इस मामले में परिजनों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया था. परिजनों को समझाने गई पुलिस बल पर भी पथराव हुआ था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी रविवार को बक्शा थाना क्षेत्र के चकमिर्जापुर में पहुंचकर पुलिस अभिरक्षा में मृत कृष्णा यादव के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की. रामगोविंद चौधरी ने परिजनों को आश्वासन दिया कि इस बाबत समाजवादी पार्टी न्याय की लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने कहा कि तत्काल प्रभाव से इसमें आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए. पूरे मामले में किसी भी तरह की लीपापोती न हो तो ही अच्छा है. इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि पूरे मामले की हाईकोर्ट के जज से जांच कराई जाए.
योगी सरकार पर हमला बोलते हुए रामगोविंद चौधरी ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है. सरकार का इकबाल भी समाप्त हो गया है. इस सरकार का ध्यान सिर्फ एक वर्ग विशेष के ऊपर है. उन्होंने कहा कि इस सरकार में तीन से अधिक बेगुनाह यादवों की या तो हत्या कर दी गई या फिर एनकाउंटर कर दिया गया.
कृष्णा यादव उर्फ पुजारी की कस्टोडियल डेथ पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस ने पूरे मामले में लापरवाही की है. पुलिस द्वारा कृष्णा यादव को बेरहमी से मारा गया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस जबरन घर में घुस गई और कृष्णा यादव की मां को भद्दी गालियां भी दी. इसके अलावा पुलिस द्वारा घर में बक्से से पैसों की लूट भी की गई.
रामगोविंद चौधरी ने मांग की कि जितने भी लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, उनकी तत्काल प्रभाव से गिरफ्तारी हो. इसके साथ ही इस मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराई जाए. इतना ही नहीं उन्होंने मामले में ठोस कार्रवाई नहीं होने तक सदन नहीं चलने देने की भी बात कही. उन्होंने मृतक के परिजनों को 20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की.