जौनपुर: नए मोटर व्हीकल एक्ट पारित होने के बाद वाहन स्वामियों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य हो गया है. अब दोपहिया और चार पहिया वाहन स्वामियों के लिए अपने वाहन के धुएं की जांच कर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेकर चलना अनिवार्य है, नहीं तो इसके लिए 1000 रुपये का जुर्माना भरना होगा. इसी के चलते जिले के लोग जुर्माने से बचने के लिए पांच प्रदूषण जांच केंद्र पर सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनों में लग जाते हैं. जहां भीड़ को देखकर प्रदूषण जांच केंद्र बिना वाहन की जांच किए ही प्रदूषण का सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं वो भी दोगने दाम में. वहीं जब इस मामले में ईटीवी भारत ने आरटीओ हरिशंकर सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा अगर ऐसा हो रहा है तो सर्टिफिकेट बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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बिना वाहनों के जांच के ही बनाए जा रहे हैं प्रदूषण सर्टिफिकेट
नए मोटर व्हीकल एक्ट पास होने के बाद पूरे देश में वाहन स्वामियों में हड़कंप मचा हुआ है. दोपहिया वाहन चालक नए नियमों के चलते काफी परेशान हैं, हालांकि अभी जौनपुर में पुराने नियमों के मुताबिक ही चालान काटे जा रहे हैं. वहीं इन दिनों जौनपुर में प्रदूषण सर्टिफिकेट के लिए सुबह से ही प्रदूषण जांच केंद्र पर लाइन लग रही है. वहीं यह प्रदूषण केंद्र नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मानक के विपरीत बिना धुएं की जांच किए ही सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं, जबकि सरकार की मंशा है कि वाहन के धुएं की जांच कर पॉल्यूशन का सर्टिफिकेट जारी किया जाए, जिससे की वातावरण सही रहे, लेकिन यह जांच केंद्र किसी भी वाहन के धुएं की जांच नहीं कर रहे हैं और जिले के परिवहन अधिकारी मौन हैं.
अधिक शुल्क वसूल रहे हैं प्रदूषण जांच केंद्र
सरकार ने दोपहिया वाहन के लिए प्रदूषण जांच का रेट 30 रुपये रखा है, जबकि चार पहिया वाहन के लिए 60 रुपये है, जबकि जिले के प्रदूषण जांच केंद्र दोपहिया वाहन के लिए 60 रुपये और 100 रुपये चार पहिया का लेकर प्रदूषण सर्टिफिकेट बना रहे हैं. वहीं इस मामले में ईटीवी भारत ने वाराणसी मंडल के आरटीओ हरिशंकर सिंह से बातचीत कि तो उन्होंने बताया कि इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी जांच केंद्र ऐसा करता हुआ पाया जाएगा तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा.