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जौनपुर: वाहनों की जांच किए बिना बनाया जा रहा पॉल्यूशन सर्टिफिकेट, प्रशासन बेखबर - Jaunpur pollution certificate

यूपी के जौनपुर में बिना वाहनों के जांच के ही प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाने का मामला सामने आया है. वहीं प्रदूषण जांच केंद्र वाहन स्वामियों से जांच के लिए अधिक पैसे भी वसूल रहे हैं.

हरिशंकर सिंह आरटीओ बनारस मंडल
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Published : Sep 15, 2019, 11:40 AM IST

जौनपुर: नए मोटर व्हीकल एक्ट पारित होने के बाद वाहन स्वामियों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य हो गया है. अब दोपहिया और चार पहिया वाहन स्वामियों के लिए अपने वाहन के धुएं की जांच कर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेकर चलना अनिवार्य है, नहीं तो इसके लिए 1000 रुपये का जुर्माना भरना होगा. इसी के चलते जिले के लोग जुर्माने से बचने के लिए पांच प्रदूषण जांच केंद्र पर सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनों में लग जाते हैं. जहां भीड़ को देखकर प्रदूषण जांच केंद्र बिना वाहन की जांच किए ही प्रदूषण का सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं वो भी दोगने दाम में. वहीं जब इस मामले में ईटीवी भारत ने आरटीओ हरिशंकर सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा अगर ऐसा हो रहा है तो सर्टिफिकेट बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

लोगों से बातचीत करते संवाददाता.

पढ़ें: जौनपुर हिन्दी दिवस: कलेक्ट्रेट परिसर की दीवारों पर लिखी गई है अशुद्ध हिंदी, मिलीं त्रुटियां

बिना वाहनों के जांच के ही बनाए जा रहे हैं प्रदूषण सर्टिफिकेट
नए मोटर व्हीकल एक्ट पास होने के बाद पूरे देश में वाहन स्वामियों में हड़कंप मचा हुआ है. दोपहिया वाहन चालक नए नियमों के चलते काफी परेशान हैं, हालांकि अभी जौनपुर में पुराने नियमों के मुताबिक ही चालान काटे जा रहे हैं. वहीं इन दिनों जौनपुर में प्रदूषण सर्टिफिकेट के लिए सुबह से ही प्रदूषण जांच केंद्र पर लाइन लग रही है. वहीं यह प्रदूषण केंद्र नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मानक के विपरीत बिना धुएं की जांच किए ही सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं, जबकि सरकार की मंशा है कि वाहन के धुएं की जांच कर पॉल्यूशन का सर्टिफिकेट जारी किया जाए, जिससे की वातावरण सही रहे, लेकिन यह जांच केंद्र किसी भी वाहन के धुएं की जांच नहीं कर रहे हैं और जिले के परिवहन अधिकारी मौन हैं.

अधिक शुल्क वसूल रहे हैं प्रदूषण जांच केंद्र
सरकार ने दोपहिया वाहन के लिए प्रदूषण जांच का रेट 30 रुपये रखा है, जबकि चार पहिया वाहन के लिए 60 रुपये है, जबकि जिले के प्रदूषण जांच केंद्र दोपहिया वाहन के लिए 60 रुपये और 100 रुपये चार पहिया का लेकर प्रदूषण सर्टिफिकेट बना रहे हैं. वहीं इस मामले में ईटीवी भारत ने वाराणसी मंडल के आरटीओ हरिशंकर सिंह से बातचीत कि तो उन्होंने बताया कि इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी जांच केंद्र ऐसा करता हुआ पाया जाएगा तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा.

जौनपुर: नए मोटर व्हीकल एक्ट पारित होने के बाद वाहन स्वामियों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाना अनिवार्य हो गया है. अब दोपहिया और चार पहिया वाहन स्वामियों के लिए अपने वाहन के धुएं की जांच कर पॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेकर चलना अनिवार्य है, नहीं तो इसके लिए 1000 रुपये का जुर्माना भरना होगा. इसी के चलते जिले के लोग जुर्माने से बचने के लिए पांच प्रदूषण जांच केंद्र पर सुबह से ही लंबी-लंबी लाइनों में लग जाते हैं. जहां भीड़ को देखकर प्रदूषण जांच केंद्र बिना वाहन की जांच किए ही प्रदूषण का सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं वो भी दोगने दाम में. वहीं जब इस मामले में ईटीवी भारत ने आरटीओ हरिशंकर सिंह से बातचीत की तो उन्होंने कहा अगर ऐसा हो रहा है तो सर्टिफिकेट बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

लोगों से बातचीत करते संवाददाता.

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बिना वाहनों के जांच के ही बनाए जा रहे हैं प्रदूषण सर्टिफिकेट
नए मोटर व्हीकल एक्ट पास होने के बाद पूरे देश में वाहन स्वामियों में हड़कंप मचा हुआ है. दोपहिया वाहन चालक नए नियमों के चलते काफी परेशान हैं, हालांकि अभी जौनपुर में पुराने नियमों के मुताबिक ही चालान काटे जा रहे हैं. वहीं इन दिनों जौनपुर में प्रदूषण सर्टिफिकेट के लिए सुबह से ही प्रदूषण जांच केंद्र पर लाइन लग रही है. वहीं यह प्रदूषण केंद्र नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मानक के विपरीत बिना धुएं की जांच किए ही सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं, जबकि सरकार की मंशा है कि वाहन के धुएं की जांच कर पॉल्यूशन का सर्टिफिकेट जारी किया जाए, जिससे की वातावरण सही रहे, लेकिन यह जांच केंद्र किसी भी वाहन के धुएं की जांच नहीं कर रहे हैं और जिले के परिवहन अधिकारी मौन हैं.

अधिक शुल्क वसूल रहे हैं प्रदूषण जांच केंद्र
सरकार ने दोपहिया वाहन के लिए प्रदूषण जांच का रेट 30 रुपये रखा है, जबकि चार पहिया वाहन के लिए 60 रुपये है, जबकि जिले के प्रदूषण जांच केंद्र दोपहिया वाहन के लिए 60 रुपये और 100 रुपये चार पहिया का लेकर प्रदूषण सर्टिफिकेट बना रहे हैं. वहीं इस मामले में ईटीवी भारत ने वाराणसी मंडल के आरटीओ हरिशंकर सिंह से बातचीत कि तो उन्होंने बताया कि इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी जांच केंद्र ऐसा करता हुआ पाया जाएगा तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा.

Intro:जौनपुर।। सरकार ने नए मोटर व्हीकल एक्ट में वाहन स्वामियों के लिए पॉल्यूशन सर्टिफिकेट अनिवार्य हो गया है । अब दोपहिया और चार पहिया वाहन स्वामियों के लिए अपने वाहन के धुंआ की जांच कर वॉल्यूशन सर्टिफिकेट लेकर चलना अनिवार्य है। नहीं तो इसके लिए ₹1000 का जुर्माना भरना होगा । वही लोग जुर्माने से बचने के लिए जौनपुर के पांच प्रदूषण जांच केंद्र पर सुबह से ही लंबी लंबी लाइनें लग जाती है । भीड़ को देखकर प्रदूषण जांच केंद्र बिना भूमि की जांच कर ही प्रदूषण का सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं वह भी दुगने दाम में। सरकार ने दोपहिया वाहन के लिए प्रदूषण जांच का रेट ₹30 रखा है जबकि चार पहिया वाहन के लिए ₹60 है जबकि जौनपुर में ₹60 दो पहिया वाहन का और ₹100 चार पहिया वाहन का प्रदूषण जांच सर्टिफिकेट का रेट है। अधिकारियों की नाक के नीचे सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले यह केंद्र खुलेआम संचालित हो रहे हैं।


Body:वीओ।। सरकार के नए मोटर व्हीकल एक्ट के चलते पूरे देश में वाहन स्वामियों में हड़कंप मचा हुआ है। दुपहिया वाहन चालक नए नियमों के चलते काफी परेशान है ।हालांकि अभी जौनपुर में पुराने नियमों के मुताबिक ही चालान काटे जा रहे हैं । इन दिनों जौनपुर में प्रदूषण सर्टिफिकेट के लिए सुबह से ही प्रदूषण जांच केंद्र पर लाइन लग रही है। वहीं यह प्रदूषण केंद्र नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मानक के विपरीत बिना धुए की जांच कर ही सर्टिफिकेट जारी कर रहे हैं । जबकि सरकार की मंशा है कि वाहन के धुए की जांच कर पॉल्यूशन का सर्टिफिकेट जारी किया जाए जिससे कि वातावरण सही रहे, लेकिन यह जांच केंद्र किसी भी वाहन के धुएं की जांच नहीं कर रहे हैं । प्रदूषण जांच केंद्र सरकार के नियमों की धज्जियां खुले आम उड़ा रहे हैं लेकिन जिले के परिवहन अधिकारी मौन है.। वहीं वाहन चालकों से मनमाना पैसा भी वसूल हैं। बनारस मंडल के आरटीओ हरिशंकर सिंह ने बताया कि इसकी जांच कराई जाएगी और जो भी जांच केंद्र ऐसा करता हुआ पाया जाएगा उसके लाइसेंस के निरस्तीकरण के लिए भेजा जाएगा।


Conclusion:बाइट-असरुदीन- वाहन स्वामी
बाइट- विकास चतुर्वेदी -वाहन स्वामी

बाइट- हरिशंकर सिंह आरटीओ बनारस मंडल

पीटीसी

Dharmendra singh
jaunpur
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