जौनपुर: जिले को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है. दरअसल दो सालों से चार से ज्यादा सामुदायिक शौचालय बनकर पूरी तरह तैयार खड़े हैं, लेकिन शौचालय पर अभी तक ताला लटका हुआ है, जिसके चलते लोग खुले में शौच जाने को मजबूर हैं. वहीं राष्ट्रीय सफाई आयोग की सदस्य मंजू दिलेर ने बंद शौचालयों को खोलने के निर्देश दिये हैं.
जिले को कागजों में तो खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है, लेकिन फिर भी गोमती किनारे आज भी लोग सुबह खुले में शौच करने को मजबूर हैं. दरअसल इन बंद पड़े शौचालयों में नगर पालिका के विकास निधि का करोड़ों रुपया फंसा हुआ है. बन चुके सामुदायिक शौचालयों से फायदे का सौदा नहीं दिखाई दे रहा है, क्योंकि इन शौचालयों में लोग पैसा देकर नहीं जाना चाहते हैं. इस वजह से ताला लगा दिया गया है.
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शौचालयों पर ताला लटका नहीं होना चाहिए. अगर ताला बंद है तो इनको जल्द से जल्द खोला जाएगा. यह शौचालय आम लोगों के लिए ही बनाए गए हैं.
-मंजू दिलेर, सदस्य, राष्ट्रीय सफाई आयोगजनपद में चार सामुदायिक शौचालय हैं, जिन पर ताला लटका हुआ है. वहीं एक शौचालय अधूरा बना हुआ है. इन शौचालयों की दोबारा से टेंडर प्रक्रिया की जा रही है.
-आर. पी. मिश्रा, अपर जिलाधिकारी