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पं. नेहरू का जौनपुर से था खास लगाव, इस स्वतंत्रता सेनानी के घर हुई कई बार बैठकें

आजादी के आंदोलन में जौनपुर की खास भूमिका रही है. यहां के स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर सिंह ने अपने पूरे घर को आंदोलन का एक बड़े केंद्र के रूप में स्थापित किया था. रामेश्वर सिंह के घर पर कई बार नेहरू जी का आना हुआ. सिर्फ नेहरू ही नहीं बल्कि महात्मा गांधी, सरोजनी नायडू, मदन मोहन मालवीय जैसी महान विभूतियों ने यहां से स्वतंत्रता आंदोलन की अलख जगाई.

पं. जवाहर लाल नेहरू.
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Published : Nov 14, 2019, 9:49 AM IST

जौनपुर: सिराज-ए-हिंद के नाम से मशहूर जौनपुर की धरती का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. तर्की के शासकों द्वारा बसाए जौनपुर ने आजादी के दौरान विभिन्न आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश को आजाद कराने तक यहां सैकड़ों लोगों ने अपने जान की बाजी लगाई. इतना ही नहीं महात्मा गांधी से लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू तक का भी यहां की धरती से खास लगाव रहा है.

इस घर में रुकते थे पं. जवाहर लाल नेहरू.

पंडित नेहरू पहली बार 1922 में स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर सिंह के घर पर रुके थे. इसके बाद वह 1937 में दोबारा यहां आए और उन्हीं के यहां रहकर आजादी के आंदोलन को गति दी. आज भी रामेश्वर सिंह के घर पर लगे पत्थर में उनके और उनके पिता मोतीलाल नेहरू के घर में ठहरने की तारीख दर्ज है. रामेश्वर सिंह के घर पर महात्मा गांधी से लेकर मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू जैसी महान विभूतियां रुक चुकी हैं.

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जौनपुर से लगाव-
जौनपुर में पंडित जवाहरलाल नेहरू का प्रथम बार आगमन 1922 में हुआ था. उनके लिए रामेश्वर सिंह ने अपने घर में एक अलग कमरा बनवाया, जिसमें अंग्रेजी किस्म का शौचालय भी लगा हुआ था. स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर सिंह की पत्नी महाराजी देवी आज भी जिंदा हैं, जिनकी उम्र 110 साल हो चुकी है. वह आज भी उस दौर में महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के आने का जिक्र करती हैं.

इसे भी पढ़ें- सीएम योगी का एलान, यूपी के किसानों की पराली खरीदेगी सरकार

महाराजी देवी बताती हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू का उस दौरान यहां 5 से 6 बार आना हुआ. उनके लिए तीन कमरे घर में दिए गए थे. एक में वह सोते थे, दूसरे उनके नहाने के लिए बनाया गया था और एक कमरा लोगों से मुलाकात करने और बैठक करने के लिए था.

जौनपुर: सिराज-ए-हिंद के नाम से मशहूर जौनपुर की धरती का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है. तर्की के शासकों द्वारा बसाए जौनपुर ने आजादी के दौरान विभिन्न आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश को आजाद कराने तक यहां सैकड़ों लोगों ने अपने जान की बाजी लगाई. इतना ही नहीं महात्मा गांधी से लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू तक का भी यहां की धरती से खास लगाव रहा है.

इस घर में रुकते थे पं. जवाहर लाल नेहरू.

पंडित नेहरू पहली बार 1922 में स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर सिंह के घर पर रुके थे. इसके बाद वह 1937 में दोबारा यहां आए और उन्हीं के यहां रहकर आजादी के आंदोलन को गति दी. आज भी रामेश्वर सिंह के घर पर लगे पत्थर में उनके और उनके पिता मोतीलाल नेहरू के घर में ठहरने की तारीख दर्ज है. रामेश्वर सिंह के घर पर महात्मा गांधी से लेकर मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू जैसी महान विभूतियां रुक चुकी हैं.

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जौनपुर से लगाव-
जौनपुर में पंडित जवाहरलाल नेहरू का प्रथम बार आगमन 1922 में हुआ था. उनके लिए रामेश्वर सिंह ने अपने घर में एक अलग कमरा बनवाया, जिसमें अंग्रेजी किस्म का शौचालय भी लगा हुआ था. स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर सिंह की पत्नी महाराजी देवी आज भी जिंदा हैं, जिनकी उम्र 110 साल हो चुकी है. वह आज भी उस दौर में महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के आने का जिक्र करती हैं.

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महाराजी देवी बताती हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू का उस दौरान यहां 5 से 6 बार आना हुआ. उनके लिए तीन कमरे घर में दिए गए थे. एक में वह सोते थे, दूसरे उनके नहाने के लिए बनाया गया था और एक कमरा लोगों से मुलाकात करने और बैठक करने के लिए था.

Intro:जौनपुर।। शिराज ए हिंद के नाम से मशहूर जौनपुर की धरती का इतिहास काफी गौरवशाली है । शर्की शासकों के द्वारा बसाया हुआ जौनपुर ने आजादी के दौरान बढ़-चढ़कर आंदोलनों में हिस्सा लिया। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश को आजाद कराने के लिए यहां सैकड़ों लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाई तो वही यहां की धरती से महात्मा गांधी से लेकर पंडित जवाहरलाल नेहरू का भी खास लगाव भी रहा है। आजादी के आंदोलन के दौरान देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु जौनपुर की धरती पर दो बार आए थे। पहली बार वह 1922 में स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर सिंह के घर पर रुके थे फिर 1937 में भी उन्ही के यहाँ रहकर कर आजादी के आंदोलन को गति दी। आज भी रामेश्वर सिंह के घर पर लगा हुआ पत्थर में उनके और उनके पिताजी मोतीलाल नेहरू के घर में ठहरने की तारीख खुदी हुई है।


Body:वीओ।। देश की आजादी के आंदोलन में जौनपुर का खासा योगदान रहा है। आजादी के दौरान जौनपुर आंदोलन का एक बड़ा केंद्र था जिसके लिए यहां महात्मा गांधी भी दो बार आ चुके हैं ।वहीं पंडित जवाहरलाल नेहरु भी जौनपुर की धरती पर आकर आंदोलन को गति देने का काम किया था।जनपद के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामेश्वर सिंह का घर आजादी के आंदोलन का एक बड़ा केंद्र बन चुका था क्योंकि उनके घर पर महात्मा गांधी से लेकर मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू ,सरोजिनी नायडू जैसे महान विभूतियां रुक चुकी थी और यहां से आजादी के आंदोलन की गतिविधियों को आगे बढ़ाया ।

पंडित जवाहरलाल नेहरू का जौनपुर से लगाव-

जौनपुर में पंडित जवाहरलाल नेहरू का प्रथम बार आगमन 1922 को हुआ। उनके लिए रामेश्वर सिंह ने अपने घर में एक अलग कमरा बनवाया जिसमें अंग्रेजी किस्म का शौचालय भी लगा हुआ था । स्वतंत्रता सेनानी रामेश्वर सिंह की पत्नी महाराजी देवी आज भी जिंदा है जिनकी उम्र 110 साल हो चुकी है। वह आज भी उस दौर में महात्मा गांधी और पंडित जवाहरलाल नेहरू के आने का जिक्र करती हैं । वह बताती हैं कि पंडित जवाहरलाल नेहरू का उस दौरान उनके यहां 5 से 6 बार आना हुआ । उनके लिए तीन कमरे घर में दिए गए थे । एक में वह सोते थे दूसरे में वह नहाने के लिए बनाया गया था और एक कमरा लोगों से मुलाकात करने और बैठक करने के लिए था।


Conclusion:आजादी के आंदोलन में जौनपुर की खास भूमिका रही है ।वहीं यहां के स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय रामेश्वर सिंह ने अपने पूरे घर को आंदोलन का एक बड़ा केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया था। उनकी पत्नी महाराजी देवी आज भी जिंदा है जिनकी उम्र 110 साल की हो चुकी है । वे आज भी आजादी के दौरान की यादों को बड़े फक्र से बताती हैं कि उनके यहां महात्मा गांधी और जवाहरलाल नेहरू जैसी बड़ी शख्सियत आकर रुक चुके हैं।

बाइट- महाराजी देवी -स्वतंत्रता सेनानी स्व रामेश्वर सिंह की पत्नी

पीटीसी


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