जौनपुर: जिले में पिछले 12 घंटे में सोशल मीडिया में एक तस्वीर चर्चा का विषय बनी हुई है. जौनपुर के रामघाट पर आज एक ऐसा दृश्य सामने आया, जिसे देखने के बाद सभी की आंखें नम हो गईं. दरअसल, रामघाट पर आज एक महिला एक नवजवान युवक को मुखाग्नि दे रही थी. महिला जिसे मुखाग्नि दे रही थी वो नवजवान कोई और नहीं बल्कि उसका एकलौता बेटा था. सोमवार को मां को बेटे की चिता में आग लगाते देख वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं.
हमेशा देखा जाता है कि जरूरत पड़ने पर ही पत्नी अपने पति की चिता को आग देती है या फिर बेटियां अपने माता -पिता की चिता को आग देती है. लेकिन, आज पहली बार ऐसी तस्वीर सामने आई, जिसमें एक मां अपने बेटे की चिता को आग दे रही है. चिता को आग लगा रही महिला का नाम अंजू पाठक है. अंजू जौनपुर की शहर कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली है. अंजू किशोरी न्याय बोर्ड की सदस्य भी है. समाजसेवी अंजू पाठक को जिले में एक तेज तर्रार और व्यवहार कुशल महिला के रूप में जाना जाता है. पति की मौत के बाद एकलौता बेटा हिमांशु ही अंजू का सहारा था. 32 वर्षीय हिमांशु, उसकी पत्नी और एक पोती के साथ अंजू पाठक खुशी-खुशी अपना जीवन गुजार रही थी.
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इसी बीच एक दिन लखनऊ में हिमांशु का एक्सीडेंट हो गया. दुर्घटान में घायल हिमांशु को लखनऊ के एक हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. आरोप है कि वहां इलाज के दौरान जो दवाइयां हिमांशु को दी गई थीं, वह ज्यादा हार्ड थीं. इसके कारण हिमांशु का लिवर खराब हो गया था. इसके चलते सोमवार को हिमांशु की मौत हो गई थी. बेटे की मौत की खबर सुनने के बाद मां अंजू पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. मृतक के रिश्तेदार ने बताया कि इस परिवार में कोई पुरुष नहीं है. इसलिए मां अंजू ने अपने एकलौते बेटे हिमांशु को मुखाग्नि दी.
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