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जौनपुरः 60 फीसदी से ज्यादा प्रसूताएं हैं एनीमिया की शिकार

केन्द्र सरकार प्रसूताओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मातृ वंदन योजना का संचालन कर रही है, लेकिन इसके बाद भी महिलाओं के स्वास्थ्य पर उसका कोई असर होता नहीं दिख रहा है. जौनपुर के जिला अस्पताल में भर्ती 60 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं.

जिला महिला अस्पताल
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Published : Nov 19, 2019, 12:56 PM IST

जौनपुरः सरकार प्रसूताओं के लिए मातृ वंदन जैसी योजनाएं संचालित कर रही है. इस योजना के तहत प्रसूता महिला को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए सरकार 6 हजार की सहायता राशि भी दे रही है, लेकिन जनपद में इस योजना के चलने के बाद भी जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती प्रसूता महिलाओं में खून की कमी पाई जा रही है.

जानकारी देते संवाददाता.
  • जिला महिला चिकित्सालय में प्रसव के लिए आने वाली 60 से 65 फीसदी महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं.
  • एक ओर सरकार प्रसूता महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मातृ वंदन योजना का संचालन कर रही है.
  • जिला महिला चिकित्सालय में प्रतिदिन 30 से 50 महिलाएं प्रसव के लिए आती है.
  • वहीं कई महिलाओं को खून की कमी ज्यादा होने पर उन्हें ब्लड की जरूरत पड़ती है.
  • इस योजना के जरिए प्रसूता महिलाओं को गर्भधारण से लेकर प्रसव तक 6 हजार रुपये दिया जा रहा है.
  • जिससे प्रसूता महिला के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके और जिससे बच्चा भी स्वस्थ होगा.
  • जनपद में प्रसूता महिलाओं के स्वास्थ्य में ज्यादा फायदा दिखाई नहीं दे रहा है.
  • महिलाओं की हालत ऐसी रहती है, कि उन्हें अतिरिक्त खून चढ़ाने की जरूरत भी पड़ती है.

अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली ज्यादातर महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है. वहीं कई महिलाओं को तो ज्यादा कमी होने पर अतिरिक्त खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है.
-डॉ. आर.एस. सरोज, प्रभारी अधीक्षक, जिला महिला अस्पताल

जौनपुरः सरकार प्रसूताओं के लिए मातृ वंदन जैसी योजनाएं संचालित कर रही है. इस योजना के तहत प्रसूता महिला को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए सरकार 6 हजार की सहायता राशि भी दे रही है, लेकिन जनपद में इस योजना के चलने के बाद भी जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती प्रसूता महिलाओं में खून की कमी पाई जा रही है.

जानकारी देते संवाददाता.
  • जिला महिला चिकित्सालय में प्रसव के लिए आने वाली 60 से 65 फीसदी महिलाएं एनीमिया की शिकार हैं.
  • एक ओर सरकार प्रसूता महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मातृ वंदन योजना का संचालन कर रही है.
  • जिला महिला चिकित्सालय में प्रतिदिन 30 से 50 महिलाएं प्रसव के लिए आती है.
  • वहीं कई महिलाओं को खून की कमी ज्यादा होने पर उन्हें ब्लड की जरूरत पड़ती है.
  • इस योजना के जरिए प्रसूता महिलाओं को गर्भधारण से लेकर प्रसव तक 6 हजार रुपये दिया जा रहा है.
  • जिससे प्रसूता महिला के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके और जिससे बच्चा भी स्वस्थ होगा.
  • जनपद में प्रसूता महिलाओं के स्वास्थ्य में ज्यादा फायदा दिखाई नहीं दे रहा है.
  • महिलाओं की हालत ऐसी रहती है, कि उन्हें अतिरिक्त खून चढ़ाने की जरूरत भी पड़ती है.

अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली ज्यादातर महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है. वहीं कई महिलाओं को तो ज्यादा कमी होने पर अतिरिक्त खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है.
-डॉ. आर.एस. सरोज, प्रभारी अधीक्षक, जिला महिला अस्पताल

Intro:जौनपुर।। सरकार का उद्देश्य है कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव कराया जाए। वही प्रसूता महिलाओं के लिए सरकार मातृ वंदना जैसी योजना का संचालन भी कर रही है। इस योजना का लक्ष्य है कि प्रसूता महिला को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के लिए सरकार उन्हें ₹6000 की सहायता दे रही है। लेकिन जौनपुर में इस योजना के चलने के बाद भी जिला महिला चिकित्सालय में भर्ती हो रही प्रसूता महिलाओं में खून की कमी बनी हुई है। जिला महिला चिकित्सालय में प्रसव के लिए आने वाली 60 से 65 फ़ीसदी महिलाएं एनीमिया की शिकार होती हैं। वहीं कई महिलाओं को खून की कमी ज्यादा होने पर उन्हें ब्लड की जरूरत ही पड़ती है।


Body:वीओ।। सरकार प्रसूता महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मातृ वंदना जैसी योजना का संचालन कर रही है। इस योजना के जरिए जौनपुर में प्रसूता महिलाओं को गर्भधारण से लेकर प्रसव तक ₹6000 दिया जा रहा है। जिससे कि प्रसूता महिला के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके और जिससे बच्चा भी स्वस्थ होगा। लेकिन जौनपुर में प्रसूता महिलाओं के स्वास्थ्य में ज्यादा बड़ा फायदा दिखाई नहीं दे रहा है। जिला महिला चिकित्सालय में प्रतिदिन 30 से लेकर 50 तक महिलाएं प्रसव के लिए आती है। वहीं यह आंकड़ा महीने में 500 से ऊपर तक होता है लेकिन ज्यादातर महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है । प्रसव के लिए भर्ती होने वाली 60 से 65 फ़ीसदी महिलाओं में खून की कमी मिल रही है। वहीं कई महिलाओं की हालत तो ऐसी रहती है कि उन्हें अतिरिक्त खून चढ़ाने की जरूरत भी पड़ती है।


Conclusion:जिला महिला चिकित्सालय की प्रभारी अधीक्षक डॉ आर एस सरोज ने बताया कि उनके अस्पताल में प्रसव के लिए आने वाली ज्यादातर महिलाओं में खून की कमी पाई जाती है । वहीं अगर आंकड़ों पर गौर करें तो 60 से 65 फ़ीसदी महिलाओं में खून की कमी होती है। वहीं कई महिलाओं को तो ज्यादा कमी होने पर अतिरिक्त खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है।

बाइट-डॉ आर एस सरोज- अधीक्षक जिला महिला अस्पताल जौनपुर


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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