जौनपुर: विकास को सड़क, पानी और बिजली से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन आज भी ग्रामीण भारत के कई क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. गांव, शहर और कस्बों को जोड़ने के लिए सड़कों की सबसे ज्यादा जरूरत होती है क्योंकि सड़कें ही एक-दूसरे को मुख्य मार्गों से जोड़ती हैं.
मिरसादपुर-हिम्मतपुर रोड जर्जर
जिले के बदलापुर क्षेत्र के मिरसादपुर से हिम्मतपुर जाने वाली सड़क का निर्माण 10 साल पहले विश्व बैंक की सहायता से हुआ था, लेकिन मरम्मत और स्थानीय रोजनेताओं की उपेक्षा की शिकार ये सड़क अब पूरी तरह से टूट गई है. आलम यह है कि पूरे सड़क पर उखड़े हुए पत्थर ही पत्थर दिखाई देते हैं. इस बदहाल सड़क पर पैदल और साइकिल से चलना दूभर हो रहा है. राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
MP, MLA की उपेक्षा से रोड का नहीं हुआ कायाकल्प
10 साल पहले विश्व बैंक की मदद से इस सड़क को बनाया गया था, लेकिन प्रदेश की सरकारों ने इसके कायाकल्प के लिए कोई योजना नहीं बनाई. मरम्मत के अभाव में यह पूरी तरह टूट चुकी है. इस सड़क के टूटने से करीब दर्जन भर से ज्यादा गांव प्रभावित हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र के विधायक और सांसद इसी सड़क से गुजरते हैं. पर इसकी मरम्मत कराना उचित नहीं समझते.
सड़क का निर्माण विश्व बैंक की मदद से हुआ था, लेकिन लंबे समय से इसकी मरम्मत न होने के कारण यह सड़क पूरी तरह से टूट गई है. इस बदहाल सड़क से अब ग्रामीण परेशान हैं.
अभिमन्यु यादव, ग्रामीण