जौनपुरः जिले का आरटीओ कार्यालय हमेशा सुर्खियों में बना रहता है. ताजा मामला यहां पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के औचक निरीक्षण के बाद आया. लाइसेंस के लिए आवेदन करने आए एक व्यक्ति ने बताया कि बिचौलिए ने उससे 3500 रुपये लाइसेंस बनवाने के नाम पर लिए हैं. जिलाधिकारी ने तुरंत बिचौलियों की पहचान कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं.
पहुंचे थे औचक निरीक्षण के लिए
जौनपुर के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में जिला अधिकारी मनीष कुमार ने सोमवार को औचक निरीक्षण किया. इससे हड़कंप मच गया. निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यालय में पंजीयन सर्वर रूम, पंजीयन अनुभाग और पुराने वाहनों के पंजीयन कक्ष का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने आरआई अशोक श्रीवास्तव से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बारे में भी जानकारी प्राप्त की. आरआई अशोक श्रीवास्तव ने बताया कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने का निर्देश जारी किया गया है. उसी के अनुरूप काम भी किया जा रहा है.
लोगों से बातचीत
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने वहां पर लाइसेंस के लिए आवेदन करने आए लोगों से भी बातचीत की. उन्होंने आवेदकों से पूछा कि लाइसेंस बनवाने के लिए कितने रुपए लग रहे हैं. इस बाबत आवेदनकर्ता मंगल प्रजापति ने बताया कि उनका लाइसेंस बनाने के लिए बिचौलिए ने 3500 रुपये लिए हैं. इस बाबत जिलाधिकारी ने कड़े तेवर अख्तियार करते हुए आरआई को निर्देश दिया कि उक्त बिचौलिया की पहचान कर उसके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाए. इसके अलावा अन्य आवेदनकर्ताओं ने बताया कि लाइसेंस बनवाने के लिए प्रक्रिया ऑनलाइन है जिसकी फीस 350 रुपये निर्धारित की गई है. लेकिन बाहर दुकानों पर इसके एवज में 500 रुपये शुल्क लिया जा रहा है.
जांच होगी
जिलाधिकारी ने आरआई अशोक श्रीवास्तव को निर्देश दिए कि जिन दुकानों से लोगों के ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हैं, उनकी जांच कराई जाए. जो दुकानदार निर्धारित शुल्क से ज्यादा पैसे ले रहे हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.