जौनपुर: जिले के माधोपट्टी गांव का नाम यूं तो पूरे देश में मशहूर है. इस गांव को अधिकारियों के गांव के नाम से जाना जाता है. इस गांव के 75 घर में आज 51 से ज्यादा आईएएस और आईपीएस जैसे बड़े अधिकारी पैदा हो चुके हैं, लेकिन यह गांव आज पलायन का दंश झेल रहा है. गांव के 75 घरों में आधे से ज्यादा घरों में आज ताला लटका हुआ है. वजह साफ है कि अधिकारी बनने के बाद वह गांव को तो छोड़ कर गए साथ में और भी लोगों को अपने साथ बाहर ले गए.
IAS और IPS अधिकारियों का गांव
- जनपद के माधोपट्टी गांव को किसी पहचान की दरकार नहीं है.
- इस गांव की पहचान पूरे देश में अधिकारियों वाले गांव के नाम से होती है.
- पूरे प्रदेश का यह एकलौता गांव है, जिसने देश को 51 से ज्यादा आईएएस और आईपीएस अधिकारी दिए हैं.
- यह अधिकारी देश-विदेश सेवा से लेकर कई क्षेत्रों में सेवा के जरिए अपना नाम कमा रहे हैं.
- इस गांव के लोग आज मायूसी झेल रहे हैं. गांव के 75 घरों में से ज्यादातर घरों में ताले लटके हुए हैं, क्योंकि इन घरों में आज कोई रहने वाला नहीं है.
- अधिकारी बनने के बाद लोग गांव को ही छोड़ कर चले गए.
- इस गांव का जिस तरीके से विकास होना चाहिए था वह नहीं हो पाया.
- इस गांव की मिट्टी से अधिकारी बनकर निकले लोगों ने अपने गांव को ही भुला दिया.
माधोपट्टी गांव के रहने वाले सजल सिंह जिनके चार भाई आईएस हैं, वह खुद बताते हैं कि यहां से अधिकारी बनकर जो लोग निकले उन लोगों ने गांव को ही भुला दिया है. इस गांव में जिस तरीके का विकास होना था वह नहीं हो पाया.
गांव के आधे से ज्यादा घरों पर ताला लटका हुआ है क्योंकि अधिकारी बनने के बाद वह गांव को छोड़ कर चले गए.
-राहुल, समाजसेवी