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जौनपुर: लॉकडाउन में राशन की कमी ने बढ़ाई लोगों की समस्या

यूपी के जौनपुर जिले में लॉकडाउन के चलते मजदूरों को काफी समस्या हो रही है. लॉकडाउन के चलते रोजगार बंद पड़े हुए हैं. मजदूरों का कहना है कि एक हजार रुपये की सरकारी मदद से घर नहीं चल पा रहा है.

राशन लेती महिलाएं.
राशन लेती महिलाएं.
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Published : Apr 30, 2020, 1:31 PM IST

जौनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों का जीना दुष्वार कर दिया है. इसकी रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है. मेहनत मजदूरी करके पेट भरने वाले मजदूरों का जीना दुष्वार हो गया है. इनकी तकलीफों पर मरहम लगाने के लिए सरकार ने महिलाओं के जनधन खातों में 500 रुपये और पंजीकृत मजदूरों के खातों में एक हजार रुपये भेज रही है, लेकिन इतने कम पैसों में मजदूरों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है. इसके लिए मजदूरों की भीड़ राशन की दुकानों पर देखी जा रही है.

लॉकडाउन में समस्या बताते ग्रामीण.

लॉकडाउन से मजदूरों की बढ़ी समस्या

लॉकडाउन से सबसे ज्यादा समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में मेहनत मजदूरी करनेवालों को हो रही है. सरकार उनका पेट भरने के लिए राशन तो मुहैया करा रही है, लेकिन ये राशन की मात्रा बहुत ही कम है. सरकार ने वादा किया था कि प्रत्येक राशन कार्ड धारक को 1 किलो दाल भी दी जाएगी, लेकिन इसे बदलकर बाद में चना कर दिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन से उन्हें बहुत परेशानियां झेलनी पड़ रही है. घर में खाने के लिए राशन नहीं है. पैसे खत्म हो गए हैं. सरकार जो राशन दे भी रही है. उसकी मात्रा बहुत ही कम है, जिससे परिवार चलना कठिन हो गया है.

लॉकडाउन में सता रही राशन की कमी

लोगों को लॉकडाउन में सबसे ज्यादा तकलीफ राशन जुटाने में हो रही है. लॉकडाउन के चलते रोजगार बंद है. पैसे खत्म होते जा रहे है. पैसे न होने से लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा. इससे घर चलाना दुष्वार हो गया. बेरोजगारी के चलते लोग घर बैठने को मजबूर है. सरकार की तरफ से जो मदद भी मिल रही है. वो भी मामूली सी. महिलाओं ने बताया कि लॉकडाउन से वे घर में बंद रहने को मजबूर है. रोजगार भी बंद है. राशन भी नहीं खरीद पा रहे हैं. सरकार की 500 रुपये की मदद से घर चलना मुश्किल हो गया है.

इसे भी पढ़ें- जौनपुर: लॉकडाउन में मजदूर हुए परेशान, नमक-रोटी और प्याज खाकर चला रहे काम

सरकारी दाल अभी तक आई नहीं है. कब तक आएगी यह भी नहीं पता. सरकारी तंत्र में दुविधा के कारण राशन वितरण में भी समस्या आ रही है.
सुभाष यादव, कोटेदार

जौनपुर: वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों का जीना दुष्वार कर दिया है. इसकी रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया गया है. मेहनत मजदूरी करके पेट भरने वाले मजदूरों का जीना दुष्वार हो गया है. इनकी तकलीफों पर मरहम लगाने के लिए सरकार ने महिलाओं के जनधन खातों में 500 रुपये और पंजीकृत मजदूरों के खातों में एक हजार रुपये भेज रही है, लेकिन इतने कम पैसों में मजदूरों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है. इसके लिए मजदूरों की भीड़ राशन की दुकानों पर देखी जा रही है.

लॉकडाउन में समस्या बताते ग्रामीण.

लॉकडाउन से मजदूरों की बढ़ी समस्या

लॉकडाउन से सबसे ज्यादा समस्या ग्रामीण क्षेत्रों में मेहनत मजदूरी करनेवालों को हो रही है. सरकार उनका पेट भरने के लिए राशन तो मुहैया करा रही है, लेकिन ये राशन की मात्रा बहुत ही कम है. सरकार ने वादा किया था कि प्रत्येक राशन कार्ड धारक को 1 किलो दाल भी दी जाएगी, लेकिन इसे बदलकर बाद में चना कर दिया गया. ग्रामीणों का कहना है कि लॉकडाउन से उन्हें बहुत परेशानियां झेलनी पड़ रही है. घर में खाने के लिए राशन नहीं है. पैसे खत्म हो गए हैं. सरकार जो राशन दे भी रही है. उसकी मात्रा बहुत ही कम है, जिससे परिवार चलना कठिन हो गया है.

लॉकडाउन में सता रही राशन की कमी

लोगों को लॉकडाउन में सबसे ज्यादा तकलीफ राशन जुटाने में हो रही है. लॉकडाउन के चलते रोजगार बंद है. पैसे खत्म होते जा रहे है. पैसे न होने से लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा. इससे घर चलाना दुष्वार हो गया. बेरोजगारी के चलते लोग घर बैठने को मजबूर है. सरकार की तरफ से जो मदद भी मिल रही है. वो भी मामूली सी. महिलाओं ने बताया कि लॉकडाउन से वे घर में बंद रहने को मजबूर है. रोजगार भी बंद है. राशन भी नहीं खरीद पा रहे हैं. सरकार की 500 रुपये की मदद से घर चलना मुश्किल हो गया है.

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सरकारी दाल अभी तक आई नहीं है. कब तक आएगी यह भी नहीं पता. सरकारी तंत्र में दुविधा के कारण राशन वितरण में भी समस्या आ रही है.
सुभाष यादव, कोटेदार

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