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जौनपुर: शहीदों के परिजनों ने कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने पर जताई खुशी - उत्तर प्रदेश समाचार

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में शहीदों के परिजनों ने कश्मीर पुनर्गठन बिल पास होने पर केंद्र सरकार का शुक्रिया अदा किया. शहीदों के परिजनों ने इसे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की मजबूत इच्छाशक्ति बताया है.

कश्मीर पुर्नगठन बिल पास
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Published : Aug 7, 2019, 2:26 PM IST

जौनपुर: जनपद के केराकत क्षेत्र में छह शहीद परिवार हैं, जिनके बेटे और भाई देश के लिए लड़ते हुए कश्मीर में शहीद हो गए थे. शहीद होने के बाद जिस तरीके का सम्मान उन्हें सरकार से मिलना चाहिए था, वह उन्हें नहीं मिला. सरकार के कश्मीर से 370 हटाए जाने के फैसले पर वह खुश नजर आए.

शहीदों के परिजनों में खुशी.

शहीदों के परिजनों में खुशी

  • श्रीनगर और कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में देश के सबसे ज्यादा सैनिक शहीद हुए हैं.
  • आज उन शहीदों के परिवारों को खुशी मिली है.
  • अब कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा बन गया है.
  • अब कश्मीर में एक देश, एक संविधान और एक कानून का राज होगा.
  • शहीद के परिजनों का कहना है कि इससे अब आतंकवाद कम होगा और वहीं देश में शांति रहेगी.

हम सब सरकार के इस फैसले से काफी खुश हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री को और उनकी पूरी टीम को बधाई. अब कश्मीर में आतंक कम होगा.
-श्याम नारायण सिंह, शहीद के पिता

जौनपुर: जनपद के केराकत क्षेत्र में छह शहीद परिवार हैं, जिनके बेटे और भाई देश के लिए लड़ते हुए कश्मीर में शहीद हो गए थे. शहीद होने के बाद जिस तरीके का सम्मान उन्हें सरकार से मिलना चाहिए था, वह उन्हें नहीं मिला. सरकार के कश्मीर से 370 हटाए जाने के फैसले पर वह खुश नजर आए.

शहीदों के परिजनों में खुशी.

शहीदों के परिजनों में खुशी

  • श्रीनगर और कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में देश के सबसे ज्यादा सैनिक शहीद हुए हैं.
  • आज उन शहीदों के परिवारों को खुशी मिली है.
  • अब कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा बन गया है.
  • अब कश्मीर में एक देश, एक संविधान और एक कानून का राज होगा.
  • शहीद के परिजनों का कहना है कि इससे अब आतंकवाद कम होगा और वहीं देश में शांति रहेगी.

हम सब सरकार के इस फैसले से काफी खुश हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री को और उनकी पूरी टीम को बधाई. अब कश्मीर में आतंक कम होगा.
-श्याम नारायण सिंह, शहीद के पिता

Intro:जौनपुर।। जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने की की बात लंबे समय से बीजेपी कर रही थी । अब देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की मजबूत बिन शक्ति के चलते या धारा कश्मीर से हटा दी गई है । इस धारा के हटाने के बाद पूरे देश में खुशियां मनाई जा रही है । वही वहीं कश्मीर के लिए शहीद होने वाले सैनिक के परिजन भी काफी खुश नजर आए। जौनपुर के केराकत क्षेत्र में 6 शहीद हैं जो देश के लिए लड़ते हुए कश्मीर में शहीद हुए थे। शहीद होने के बाद जिस तरीके का सम्मान सरकार द्वारा देना चाहिए था वह नहीं मिल सका फिर भी सरकार के कश्मीर से 370 हटाए जाने के फैसले पर वह खुश नजर आए। शहीद के परिजनों का कहना है कि इससे अब आतंकवाद कम होगा और वही देश में शांति हो रहेगी।


Body:वीओ।। श्रीनगर और कश्मीर के कई इलाके ऐसे हैं जहां पर आतंकवादी घटनाओं में देश के सबसे ज्यादा सैनिक शहीद हुए हैं। आज उन शहीद के परिवार परिवार के लोगों के कलेजे को ठंडक पहुंची है जब सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाई है । अब कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा बन गया है । वहीं एक देश एक संविधान और एक कानून का भी राज होगा। जौनपुर जिले का केराकत क्षेत्र में 6 ऐसे शहीद हैं जिन्होंने देश के लिए अपनी जान की बाजी लगाई। यह शहीद कश्मीर के कई इलाकों में हुए लेकिन सरकार के धारा 370 हटाने पर ईटीवी भारत की टीम ने उनके विचार जानने की कोशिश की। शहीद के परिजन सरकार के इस फैसले से काफी खुश नजर आए और उन्होंने सरकार को इसके लिए बधाई भी दी।


Conclusion:केराकत क्षेत्र की तेज पुर गांव की रहने वाली त्रिभुवन यादव शहीद के भाई है । उनका भाई कारगिल युद्ध में शहीद हुआ था। वहीं अब सरकार द्वारा धारा 370 हटाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला काफी अच्छा है। इससे उनको खुशी पहुंची है क्योंकि उसी कश्मीर के लिए मेरा भाई शहीद हुआ था।

बाइट- त्रिभुवन यादव - शहीद के भाई (खाट पर बैठे हुए)

भंवरा गांव के रहने वाले श्याम नारायण सिंह सीआरपीएफ से रिटायर हो चुके हैं । उन पर भी पुलवामा में आतंकवादियों के हमला हुए थे लेकिन वह बचने के लिए लेकिन फिर 2016 में उनके बेटे संजय सिंह की मौत आतंकवादी हमले में हुई । अब सरकार के इस फैसले से वह काफी खुश हैं उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी लेकिन वही उनका दर छलक पड़ता है। क्योंकि उनकी बेटी के शहीद होने के बाद सरकार ने कई वादे पूरे नहीं किए।

बाइट- श्याम नारायण सिंह -शहीद पिता

कारगिल में ही अपनी जान की बाजी लगाने वाले शहीद जगदीश सिंह अकबरपुर गांव के रहने वाले हैं। वहीं उनकी शहादत के बाद उनकी पत्नी भी सेना में देश की सेवा कर रही है। गांव में उनके परिजन ने बताया इस सरकार का यह फैसला काफी अच्छा है इससे सीमा पर आतंकवाद अब कम होगा।

बाइट-पवन सिंह-शहीद परिजन( टी शर्ट पहने हुए युवा)


पीटीसी


Dharmendra singh
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