जौनपुर: जनपद में एक व्यक्ति के कलेजे में छह दिनों से फंसे 6 सेंटीमीटर के चाकू को (Jaunpur Removed knife stuck in liver for 6 days) डॉक्टर ने 11 नवंबर को ऑपरेशन कर बाहर निकाल लिया. डॉक्टरों की टीम ने करीब डेढ़ घंटे तक ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाने में सफलता हासिल की है. पिता को दोबारा जीवन दान मिलने के बाद बेटे समेत पूरे परिवार ने राहत की सांस ली है.
केराकत थाना क्षेत्र के बासबारी गांव की रहने वाले रामाधीन की बेटी की 6 नवंबर को गोदभराई थी. इस समारोह में डीजे पर डांस करने को लेकर एक युवक से विवाद हो गया, जिसके कारण उसे वहां भगा दिया गया. उसके बाद वह युवक कुछ दूरी पर जाकर रामधीन के परिवार के लोगों को गालियां देने लगा, जिसको लेकर दोनों पक्षों में मारपीट होने गई. वहीं, आरोप है कि इसी गांव के मनसाराम बीच बिचाव करने गए थे. तभी आरोपी युवक ने मनसाराम पर चाकू से हमला कर दिया.
परिजन घायल मनसाराम को पास के एक अस्पताल ले गए थे. लेकिन, डॉक्टरों ने (Doctor pulled out knife after rescuing in jaunpur) पीड़ित की हालत नाजुक होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया. पीड़ित के बेटे के मुताबिक उसने घायल पिता को जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. लेकिन, वहां ठीक से इलाज नहीं किया गया. जिसके कारण उसके पिता की हालत बिगड़ती जा रही थी. इसके बाद 11 नवंबर की शाम उनको नगर के वाजिदपुर तिराहा स्थित अस्पताल ले जाया गया.
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डॉ. सिद्धार्थ ने (Doctor removes knife stuck in liver in Jaunpur) बताया कि उन्होंने पहले मरीज का एक्सरे कराया था, जिसमें हार्ट के नीचे लीवर में चाकू फंसा दिखाई दिया और पेट के अंदर खून भरा हुआ था. उसके बाद तुरंत ऑपरेशन करना चाहा, लेकिन मरीज के परिजन खून की व्यवस्था ही नहीं कर पाए. वहीं, शनिवार को ब्लड मिलने के बाद पीड़ित का ऑपरेशन किया गया. करीब डेढ़ घंटे के ऑपरेशन के बाद छह सेंटीमीटर का चाकू बाहर (Jaunpur doctor rescues knife stuck in liver) निकाला गया. डॉक्टर सिद्धार्थ का कहना है कि मरीज अब खतरे से बाहर है, लेकिन सामान्य स्थिति होने में तीन से चार दिन का समय लगेगा. पीड़ित के परिजनों ने इसके लिए डॉक्टर को धन्यवाद किया.
इस मामले में पीड़ित के बेटे ने बताया कि घटना वाले दिन ही वह एफआईआर दर्ज कराने थानागद्दी पुलिस चौकी गया था. लेकिन वहां से पुलिस ने उसे केराकत कोतवाली भेज दिया और जब वह कोतवाली पहुंचा तो वहां मौजूद सिपाहियों ने कह दिया कि तुम लोग दारू पीकर आए दिन झगड़ा करते हो. सिपाहियों ने बोलकर पीड़ित को वहां से भगा दिया.
इस मामले में पुलिस महकमा और स्वास्थ विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. क्योंकि इतनी बड़ी घटना होने के बाद न तो पुलिस ने कोई मुकदमा दर्ज किया था. वहीं, करीब 6 दिन तक जिला अस्पताल में मरीज की हालत गंभीर होते हुए भी डाक्टरों ने कोई सुध तक नहीं ली. डॉक्टरों ने मरीज का एक्सरे कराने की जहमत तक नहीं उठाई.
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