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जौनपुर के इस गांव में भगवान राम ने गोमती नदी में किया था स्नान, जानें महत्व

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Published : Aug 5, 2020, 10:25 AM IST

यूपी के जौनपुर जिले में भगवान राम के वन गमन के दौरान की कई कहानियां सुनने को मिलती हैं. इन्हीं कहानियों में जौनपुर जिले में भी भगवान राम के रुकने और गोमती में स्नान करने की बात कही जाती है.

जौनपुर में भगवान राम का ऐतिहासिक मंदिर
जौनपुर में भगवान राम का ऐतिहासिक मंदिर.

जौनपुर: आज पूरा देश अयोध्या में भगवान राम के विशाल मंदिर के लिए भूमि पूजन की खुशियां मना रहा है. वहीं जौनपुर के तिलवारी गांव के पिलकिच्छा घाट पर भी खुशियों का माहौल है. जनपद के इस स्थान की विशेष धार्मिक मान्यता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान रामचंद्र जब वनवास के लिए अयोध्या से निकले थे, तो वे माता सीता और लक्ष्मण के साथ कुछ क्षणों के लिए इस स्थान पर रुके हुए थे. यहां पर आकर स्नान करके जल भी ग्रहण किया था. तब से इस जगह का विशेष महत्व है. यहां पर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर एक विशाल मेला भी लगता है और यह जगह तिलवारी के नाम से पूरे पूर्वांचल में प्रसिद्ध है.

जौनपुर में भगवान राम का ऐतिहासिक मंदिर.

यहां गोमती नदी के किनारे ही भगवान राम का एक विशाल मंदिर भी बना हुआ है, जहां पर दूर-दराज से भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. आज यहां पर दीपोत्सव का कार्यक्रम भी होगा. पूरे गांव में लोग दिए जलाकर भूमि पूजन की खुशी मनाएंगे.

मंदिर के पुजारी लालता प्रसाद उपाध्याय बताते हैं कि गोमती नदी के किनारे पिलकिच्छा का यह घाट विशेष महत्व रखता है. इसकी धार्मिक मान्यता है कि भगवान रामचंद्र जी वनवास जाते समय यहां पर कुछ क्षणों के लिए रुके थे. तब से यह स्थान धार्मिक रूप से दूर-दूर तक विख्यात हो गया.

वहीं गांव की ही महिला माधुरी उपाध्याय बताती हैं कि यहां पर भगवान श्री राम का मंदिर है. इस जगह का विशेष धार्मिक महत्व है. क्योंकि यहां भगवान रामचंद्र जी वनवास जाते समय कुछ क्षणों के लिए रुके थे, इसलिए यहां पर मंदिर में लोग पूजा पाठ करने के लिए आते हैं.

क्षेत्र के ही विद्वान रामधारी शर्मा बताते हैं कि यहां पर वह नियमित रूप से आते हैं, क्योंकि यहां पर पूजा पाठ करने और बैठने से ही मन की शांति मिलती है. इसी वजह से यहां पर कई लोग आते हैं. यह जगह भगवान श्री राम के वनवास जाते समय रुकने के कारण विशेष महत्व रखता है. आज अयोध्या में भूमि पूजन है, इसको लेकर बहुत खुशी है. आज यहां पर दीपोत्सव का कार्यक्रम भी किया जाएगा.

जौनपुर: आज पूरा देश अयोध्या में भगवान राम के विशाल मंदिर के लिए भूमि पूजन की खुशियां मना रहा है. वहीं जौनपुर के तिलवारी गांव के पिलकिच्छा घाट पर भी खुशियों का माहौल है. जनपद के इस स्थान की विशेष धार्मिक मान्यता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान रामचंद्र जब वनवास के लिए अयोध्या से निकले थे, तो वे माता सीता और लक्ष्मण के साथ कुछ क्षणों के लिए इस स्थान पर रुके हुए थे. यहां पर आकर स्नान करके जल भी ग्रहण किया था. तब से इस जगह का विशेष महत्व है. यहां पर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर एक विशाल मेला भी लगता है और यह जगह तिलवारी के नाम से पूरे पूर्वांचल में प्रसिद्ध है.

जौनपुर में भगवान राम का ऐतिहासिक मंदिर.

यहां गोमती नदी के किनारे ही भगवान राम का एक विशाल मंदिर भी बना हुआ है, जहां पर दूर-दराज से भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं. आज यहां पर दीपोत्सव का कार्यक्रम भी होगा. पूरे गांव में लोग दिए जलाकर भूमि पूजन की खुशी मनाएंगे.

मंदिर के पुजारी लालता प्रसाद उपाध्याय बताते हैं कि गोमती नदी के किनारे पिलकिच्छा का यह घाट विशेष महत्व रखता है. इसकी धार्मिक मान्यता है कि भगवान रामचंद्र जी वनवास जाते समय यहां पर कुछ क्षणों के लिए रुके थे. तब से यह स्थान धार्मिक रूप से दूर-दूर तक विख्यात हो गया.

वहीं गांव की ही महिला माधुरी उपाध्याय बताती हैं कि यहां पर भगवान श्री राम का मंदिर है. इस जगह का विशेष धार्मिक महत्व है. क्योंकि यहां भगवान रामचंद्र जी वनवास जाते समय कुछ क्षणों के लिए रुके थे, इसलिए यहां पर मंदिर में लोग पूजा पाठ करने के लिए आते हैं.

क्षेत्र के ही विद्वान रामधारी शर्मा बताते हैं कि यहां पर वह नियमित रूप से आते हैं, क्योंकि यहां पर पूजा पाठ करने और बैठने से ही मन की शांति मिलती है. इसी वजह से यहां पर कई लोग आते हैं. यह जगह भगवान श्री राम के वनवास जाते समय रुकने के कारण विशेष महत्व रखता है. आज अयोध्या में भूमि पूजन है, इसको लेकर बहुत खुशी है. आज यहां पर दीपोत्सव का कार्यक्रम भी किया जाएगा.

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