जौनपुर: सरकार अपने वादों पर खरे उतरने का दावा करती है, लेकिन कई मामले ऐसे सामने आते हैं जिससे सरकार की पोल खुल जाती है. जिले से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने सरकार के खोखले वादों की पोल खोल दी.
कश्मीर के लिए अपनी जान की कुर्बानी लगाने वाले केराकत क्षेत्र के तेजपुर गांव के शहीद धीरेंद्र यादव के परिवार से सरकार ने कई वादें किए थे. वहीं उन वादों को सरकार अभी तक पूरा नहीं कर पाई है. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 26 दिसंबर 2000 को धीरेंद्र यादव शहीद हुए थे. उनके शहीद होने के बाद राज्य सरकार की तरफ से गांव में शहीद द्वार बनाने, शहीद के नाम पर सड़क बनवाने और शहीद की मूर्ति लगाने का वादा किया गया था.
सरकार ने वादे तो कर दिए थे, लेकिन यह तीनों ही वादे पूरे नहीं हुए. शहीद की मूर्ति परिवार ने अपने पैसे लगाकर बनवाई, तो वहीं आज तक गांव में जाने के लिए रास्ता कीचड़ से भरा नजर आता है. बारिश के दिनों में कीचड़ भरे रास्तों से गुजरने के लिए लोग मजबूर हैं.
शहीद परिवार को इस बात का कष्ट है कि सरकार शहादत के समय बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन उन वादों का पूरा करने नहीं आती. शहीद परिवार में 100 साल की बूढ़ी मां जिंदा है, जिनको अपने बेटे को खोने का कष्ट तो है लेकिन उससे भी बड़ा कष्ट सरकार की वादाखिलाफी का है.