ETV Bharat / state

जौनपुर: शहीद के परिवार से सरकार ने किए थे खोखले वादे

author img

By

Published : Sep 14, 2019, 11:51 AM IST

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में सरकार द्वारा किए गए खोखले वादों की पोल खुल गई है. कश्मीर के लिए अपनी जान की कुर्बानी देने वाले शहीद धीरेंद्र यादव के परिवार से सरकार ने कई वादें किए थे, जिसे वह अभी तक पूरा नहीं कर पाई है.

सरकार नहीं खरी उतर पा रही अपने ही वादों पर.

जौनपुर: सरकार अपने वादों पर खरे उतरने का दावा करती है, लेकिन कई मामले ऐसे सामने आते हैं जिससे सरकार की पोल खुल जाती है. जिले से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने सरकार के खोखले वादों की पोल खोल दी.

सरकार नहीं खरी उतर पा रही अपने ही वादों पर.

कश्मीर के लिए अपनी जान की कुर्बानी लगाने वाले केराकत क्षेत्र के तेजपुर गांव के शहीद धीरेंद्र यादव के परिवार से सरकार ने कई वादें किए थे. वहीं उन वादों को सरकार अभी तक पूरा नहीं कर पाई है. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 26 दिसंबर 2000 को धीरेंद्र यादव शहीद हुए थे. उनके शहीद होने के बाद राज्य सरकार की तरफ से गांव में शहीद द्वार बनाने, शहीद के नाम पर सड़क बनवाने और शहीद की मूर्ति लगाने का वादा किया गया था.

सरकार ने वादे तो कर दिए थे, लेकिन यह तीनों ही वादे पूरे नहीं हुए. शहीद की मूर्ति परिवार ने अपने पैसे लगाकर बनवाई, तो वहीं आज तक गांव में जाने के लिए रास्ता कीचड़ से भरा नजर आता है. बारिश के दिनों में कीचड़ भरे रास्तों से गुजरने के लिए लोग मजबूर हैं.

शहीद परिवार को इस बात का कष्ट है कि सरकार शहादत के समय बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन उन वादों का पूरा करने नहीं आती. शहीद परिवार में 100 साल की बूढ़ी मां जिंदा है, जिनको अपने बेटे को खोने का कष्ट तो है लेकिन उससे भी बड़ा कष्ट सरकार की वादाखिलाफी का है.

जौनपुर: सरकार अपने वादों पर खरे उतरने का दावा करती है, लेकिन कई मामले ऐसे सामने आते हैं जिससे सरकार की पोल खुल जाती है. जिले से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने सरकार के खोखले वादों की पोल खोल दी.

सरकार नहीं खरी उतर पा रही अपने ही वादों पर.

कश्मीर के लिए अपनी जान की कुर्बानी लगाने वाले केराकत क्षेत्र के तेजपुर गांव के शहीद धीरेंद्र यादव के परिवार से सरकार ने कई वादें किए थे. वहीं उन वादों को सरकार अभी तक पूरा नहीं कर पाई है. जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 26 दिसंबर 2000 को धीरेंद्र यादव शहीद हुए थे. उनके शहीद होने के बाद राज्य सरकार की तरफ से गांव में शहीद द्वार बनाने, शहीद के नाम पर सड़क बनवाने और शहीद की मूर्ति लगाने का वादा किया गया था.

सरकार ने वादे तो कर दिए थे, लेकिन यह तीनों ही वादे पूरे नहीं हुए. शहीद की मूर्ति परिवार ने अपने पैसे लगाकर बनवाई, तो वहीं आज तक गांव में जाने के लिए रास्ता कीचड़ से भरा नजर आता है. बारिश के दिनों में कीचड़ भरे रास्तों से गुजरने के लिए लोग मजबूर हैं.

शहीद परिवार को इस बात का कष्ट है कि सरकार शहादत के समय बड़े-बड़े वादे करती है, लेकिन उन वादों का पूरा करने नहीं आती. शहीद परिवार में 100 साल की बूढ़ी मां जिंदा है, जिनको अपने बेटे को खोने का कष्ट तो है लेकिन उससे भी बड़ा कष्ट सरकार की वादाखिलाफी का है.

Intro:जौनपुर।। कश्मीर के लिए अपनी जान की कुर्बानी लगाने वाले केराकत क्षेत्र के तेजपुर गांव के शहीद धीरेंद्र यादव के परिवार से किए गए वादों को अब तक पूरा नहीं कर सकी। सरकार शहीद धीरेंद्र यादव जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में 26 दिसंबर 2000 को शहीद हुए थे। उनके शहीद होने के बाद राज्य सरकार की तरफ से गांव में शहीद द्वार बनाने, शहीद के नाम पर सड़क बनवाने और शहीद की मूर्ति लगाने का वादा किया गया था। लेकिन यह तीनों ही वादे पूरे नहीं हुए। शहीद की मूर्ति परिवार ने अपने पैसे से लगाकर बनवाई तो वही आज तक गांव में जाने के लिए रास्ता कीचड़ भरा है । बारिश के दिनों में कीचड़ भरे रास्तों से गुजरने को लोग मजबूर हैं। आज शहीद परिवार को इस बात का कष्ट है कि सरकार शहादत के समय बड़े बड़े वादे करती है लेकिन उन वादों का क्या।


Body:वीओ।। जौनपुर केराकत क्षेत्र में आधा दर्जन ऐसे शहीद है जो जम्मू कश्मीर की आतंकवादी घटनाओं में अपनी जान गवाई। वही 26 दिसंबर 2000 को क्षेत्र के तेज पुर गांव के रहने वाले धीरेंद्र यादव भी शहीद हुए । शहीद होने के बाद धीरेंद्र यादव के परिवार से राज्य सरकार ने कई वादे तो किए लेकिन समय के साथ उन वादों को भुला दिया गया। गांव को न तो शहीद गांव का दर्जा दिया गया और ना ही शहीद द्वार बनवाया गया। यहां तक कि गांव में जाने के लिए कोई पक्की सड़क तक नहीं बनवाई गई। आज भी लोग कीचड़ भरे रास्तों से गुजरने को मजबूर है। शहीद की मूर्ति भी परिवार ने अपने पैसे से बनवाई है। आज शहीद परिवार में 100 साल की बूढ़ी मां जिंदा है जिनको अपने बेटे को खोने का कष्ट तो है लेकिन उससे भी बड़ा कष्ट सरकार की वादाखिलाफी का है।


Conclusion:शहीद धीरेंद्र यादव की मां की उम्र 100 साल हो चुकी है। उनकी मां सिरतजि देवी कहती हैं कि कुछ नहीं हुआ , कोई वादा पूरा नहीं किया गया।

बाइट-सिरतजी देवी-शहीद की माँ

बाइट-त्रिभुवन यादव-शहीद भाई


पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
9044681067
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.