जौनपुरः जिले के केराकत सीचसी में तैनात अधीक्षक डॉक्टर राजेश कुमार ने राम मंदिर निर्माण में चंदा न देने की वजह से पद से हटाये जाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि उनसे ढाई लाख रुपये चंदे की मांग की गयी थी. कुछ लोगों ने मछलीशहर सांसद के नाम से दबाव बनाकर उनसे चंदा मांगा था. हालांकि इस पूरे आरोप को मछलीशहर के सांसद ने सिरे से खारिज कर दिया है.
ये है मामला
केराकत सीएचसी में तैनात डॉक्टर राजेश कुमार को सीएमओ ने अधीक्षक पद से हटा दिया है. अब ये जिम्मेदारी डॉक्टर संतोष कुमार सिंह को मिली है. पूर्व अधीक्षक डॉक्टर राजेश पर आरोप है कि उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद के कुछ पदाधिकारियों के साथ अभद्रता की थी. इस बाबत सीएमओ डॉक्टर राजेश कुमार ने जांच कर उनके खिलाफ कार्रवाई की है.
पद से हटाये जाने की बात पर डॉक्टर राजेश कुमार ने राम मंदिर निर्माण में चंदा न देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग सांसद के प्रतिनिधि बनकर उनसे ढाई लाख रुपये राम मंदिर निर्माण के लिए चंदे की मांग कर रहे थे. उन्होंने फोन पर सांसद से बात भी करवायी, जिसपर डॉक्टर ने चंदा देने में अमर्थता जतायी थी. डॉक्टर राजेश ने बताया कि इसी प्रकरण को लेकर उन्हें पद से हटाया गया था.
इस बाबत जब मछलीशहर के बीजेपी सांसद से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि किसी भी शख्स को उन्होंने प्रतिनिधि नहीं बनाया है. क्षेत्र की जनता ही उनकी प्रतिनिधि है. उन्होंने कहा कि वे सदन की कार्रवाई में दिल्ली में मौजूद हैं. इस पूरे मामले से उनका कोई वास्ता नहीं है. सीएचसी अधीक्षक के मामले पर उन्होंने कहा कि उस डॉक्टर पर पहले से ही कई आरोप लगे थे, जिसके तहत सीएमओ ने जांच कर कार्रवाई की है.