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जौनपुर के मेडिकल कॉलेज का निर्माण धीमा होने पर डीएम सख्त

जौनपुर के उमानाथ सिंह स्वशासी मेडिकल कालेज (Jaunpur Umanath Singh Medical College) का 8 वर्षों बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. प्रमुख सचिव के आदेश के बाद डीएम ने ठेकेदार व कार्यदाई संस्था की लापरवाही पर कार्यवाही करने की बात कही है.

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उमानाथ सिंह स्वशासी मेडिकल कालेज का निर्माण धीमा होने के पर डीएम हुए सख्त
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Published : Sep 22, 2022, 4:05 PM IST

जौनपुरः जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर साबित हो रही है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि उमानाथ सिंह स्वशासी मेडिकल कॉलेज (Jaunpur Umanath Singh Medical College) के लिए 8 साल से सरकार धीमी गति से काम कर रही है. जबकि पिछले दिनों सीएम ने इस मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश भी दिया था. सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. इस पर उन्होंने मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर डीएम को रिव्यू कर शासन को जानकारी देने की बात कही थी. इसकी जांच पर देरी पर अब डीएम बड़ी कार्यवाही करने की बात कह रहे हैं.


बता दें कि जिले के मेडिकल कालेज के शिलान्यास के लगभग 8 साल पूरे होने वाले हैं. इसका सबसे पहले पीएम मोदी ने वर्चुअल उद्घाटन किया था. इसके बाद 13 सितंबर को सीएम योगी ने भी इस मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया था. इस पर सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव को चिकित्सा स्वास्थ्य ने इस मेडिकल का निरीक्षण किया. इस पर प्रमुख सचिव ने डीएम जौनपुर को मेडिकल कालेज के निर्माण का प्रति सप्ताह रिव्यू कर शासन को अपडेट करने का कहा. इस पर डीएम ने जांच किया तो संस्था द्वारा लापरवाही बरतने व कार्य के अनुरूप न होने पर प्रमुख सचिव को जानकारी दी. वहीं, डीएम ने कहा कि कार्यदायी संस्था अगर इसी तरह से काम करती रही तो मुकदमा दर्ज कर प्रभावी कार्यवाही की जाएगी.

डीएम ने मीडिया को बताया कि मेडिकल कॉलेज का कार्य 8 साल पुराना होने के कारण बार बार समस्या आ रही है. प्रोजेक्ट की अवधि लंबी होने की कार्यदाई संस्था बार-बार हवाला देती है. वहीं कार्यदाई संस्था के पास बजट की कोई कमी नही है. कार्यदाई संस्था के पास लगभग 75 करोड़ रुपये एडवांस हैं. डीएम ने ठेकदार व कार्यदाई संस्था पर लापरवाही की बात स्वीकार की है. दूसरे वर्ष के क्लास चलाने की तैयारियां लगभग पूरी तरह से हो गई हैं. पेशेंट के इलाज व ओपीडी में अभी देरी है. जिसमें डेढ़ से दो माह का समय लगेगा. उसी की डेड लाइन जौनपुर आये प्रमुख सचिव ने तय की थी. इस पर समय निर्धारण होने के बाद भी लापरवाही के कारण ठेकेदार व कार्यदाई संस्था पर कार्यवाही की बात डीएम ने की है.


डीएम मनीष कुमार वर्मा (DM Manish Kumar Verma) ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि प्रमुख सचिव द्वारा निर्देश के क्रम में बुधवार को मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया गया. यहां पर शासन के मंशा के अनुरूप कार्य न होने के कारण निर्माणाधीन कार्यदाई संस्था को ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरतने की बात सामने आई है.


यह भी पढ़ें- महिलाओं को समर्पित रहा यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन

इस मामले में जब मीडिया की टीम ने मजदूरों से बात की तो सभी ने बताया की बालाजी कार्यदाई संस्था द्वारा मरीजों को 4 महीने से न तो सैलरी दी जा रही है और न ही सही से खाना दिया जा रहा है. ऐसे में मजदूरी कैसे करेंगे. मजदूरों के हक पर भी डाका डाला जा रहा है. कार्यदाई संस्था व ठेकेदार पर मजदूरों की सैलरी न देने से मजदूरों पर भी रोजगार का संकट मंडरा रहा है.

यह भी पढ़ें-AMU की हिंदू छात्रा लव जिहाद का शिकार, पिता की तहरीर पर युवक के खिलाफ मुकदमा

जौनपुरः जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था लचर साबित हो रही है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि उमानाथ सिंह स्वशासी मेडिकल कॉलेज (Jaunpur Umanath Singh Medical College) के लिए 8 साल से सरकार धीमी गति से काम कर रही है. जबकि पिछले दिनों सीएम ने इस मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश भी दिया था. सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया था. इस पर उन्होंने मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर डीएम को रिव्यू कर शासन को जानकारी देने की बात कही थी. इसकी जांच पर देरी पर अब डीएम बड़ी कार्यवाही करने की बात कह रहे हैं.


बता दें कि जिले के मेडिकल कालेज के शिलान्यास के लगभग 8 साल पूरे होने वाले हैं. इसका सबसे पहले पीएम मोदी ने वर्चुअल उद्घाटन किया था. इसके बाद 13 सितंबर को सीएम योगी ने भी इस मेडिकल कालेज का निरीक्षण किया था. इस पर सीएम के निर्देश पर प्रमुख सचिव को चिकित्सा स्वास्थ्य ने इस मेडिकल का निरीक्षण किया. इस पर प्रमुख सचिव ने डीएम जौनपुर को मेडिकल कालेज के निर्माण का प्रति सप्ताह रिव्यू कर शासन को अपडेट करने का कहा. इस पर डीएम ने जांच किया तो संस्था द्वारा लापरवाही बरतने व कार्य के अनुरूप न होने पर प्रमुख सचिव को जानकारी दी. वहीं, डीएम ने कहा कि कार्यदायी संस्था अगर इसी तरह से काम करती रही तो मुकदमा दर्ज कर प्रभावी कार्यवाही की जाएगी.

डीएम ने मीडिया को बताया कि मेडिकल कॉलेज का कार्य 8 साल पुराना होने के कारण बार बार समस्या आ रही है. प्रोजेक्ट की अवधि लंबी होने की कार्यदाई संस्था बार-बार हवाला देती है. वहीं कार्यदाई संस्था के पास बजट की कोई कमी नही है. कार्यदाई संस्था के पास लगभग 75 करोड़ रुपये एडवांस हैं. डीएम ने ठेकदार व कार्यदाई संस्था पर लापरवाही की बात स्वीकार की है. दूसरे वर्ष के क्लास चलाने की तैयारियां लगभग पूरी तरह से हो गई हैं. पेशेंट के इलाज व ओपीडी में अभी देरी है. जिसमें डेढ़ से दो माह का समय लगेगा. उसी की डेड लाइन जौनपुर आये प्रमुख सचिव ने तय की थी. इस पर समय निर्धारण होने के बाद भी लापरवाही के कारण ठेकेदार व कार्यदाई संस्था पर कार्यवाही की बात डीएम ने की है.


डीएम मनीष कुमार वर्मा (DM Manish Kumar Verma) ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि प्रमुख सचिव द्वारा निर्देश के क्रम में बुधवार को मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया गया. यहां पर शासन के मंशा के अनुरूप कार्य न होने के कारण निर्माणाधीन कार्यदाई संस्था को ठेकेदार द्वारा लापरवाही बरतने की बात सामने आई है.


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इस मामले में जब मीडिया की टीम ने मजदूरों से बात की तो सभी ने बताया की बालाजी कार्यदाई संस्था द्वारा मरीजों को 4 महीने से न तो सैलरी दी जा रही है और न ही सही से खाना दिया जा रहा है. ऐसे में मजदूरी कैसे करेंगे. मजदूरों के हक पर भी डाका डाला जा रहा है. कार्यदाई संस्था व ठेकेदार पर मजदूरों की सैलरी न देने से मजदूरों पर भी रोजगार का संकट मंडरा रहा है.

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