जौनपुर: जनपद में मेडिकल कॉलेज की मांग काफी लंबे समय से की जाती रही है. इस मेडिकल कॉलेज की आधारशिला 2014 में सपा शासनकाल में अखिलेश यादव ने रखी थी. इसका निर्माण भी सपा शासनकाल में ही 2015 में तेजी से शुरू हो गया था, लेकिन 2017 में बीजेपी की सरकार आते ही इसके निर्माण कार्य की गति धीमी हो गई.
बीजेपी की सरकार में मेडिकल कॉलेज का नाम तो बदल दिया गया, लेकिन काम सुस्त हो गया. इस मेडिकल कॉलेज को 2021 में पूरा होना है, लेकिन अभी तक इसका 41 फ़ीसदी ही काम पूरा हुआ है. धीमी प्रगति और सरकार के द्वारा भुगतान में देरी के चलते अब यहां काम करने वाले ठेकेदार और सप्लायर भी कर्ज में डूब रहे हैं.
लाखों का भुगतान बकाया
जनपद में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या ज्यादा है. ऐसे में यह मेडिकल कॉलेज अगर चालू होता तो निश्चित रूप से यहां के लोगों को बड़ी मदद मिलती. मेडिकल कॉलेज में एलुमिनियम का काम करने वाले फ्यूचर सप्लायर नाम के वेंडर का 41 लाख रुपए का भुगतान पिछले डेढ़ साल से नहीं हुआ है. ऐसे में वह परेशान होकर अपना सामान निकालकर ले जाने लगा तो उसे रोक लिया गया. यही हाल एक दूसरे सप्लायर सुनील यादव का भी है, जिसका मेडिकल कॉलेज में समान का एक करोड़ 65 लाख रुपया बकाया है. इस वजह से मेडिकल कॉलेज में काम करने वाले ठेकेदार भी अपना काम बंद कर चुके हैं, यहां अब केवल 17 मजदूर ही काम कर रहे हैं.
कंक्रीट, बालू और सीमेंट की सप्लाई करते हैं. हमारा एक करोड़ 65 लाख का भुगतान लंबित है. काफी लंबे समय से भुगतान नहीं मिला है, जिसके कारण काम भी रुक गया है.
- सुनील यादव, सप्लायर
मेडिकल कॉलेज में काम 41 फीसदी पूरा हुआ है. इसमें काम करने वाले फ्यूचर सप्लायर का 41 लाख का भुगतान लंबित है, जिसके कारण सामान समेट कर ले जाने वाली गाड़ी को रोक दिया गया है.
- राजेश कुमार, जूनियर इंजीनियर राजकीय निर्माण निगम