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जौनपुर में मिड-डे मील का सच, पानी मिलाकर बच्चों को पिलाया जा रहा दूध

परिषदीय स्कूलों में मिड-डे मील के माध्यम से छात्रों को पूरा पोषण नहीं दिया जा रहा है. मिर्जापुर और सोनभद्र की घटनाओं से अभी भी शिक्षक सबक नहीं ले रहे हैं. ताजा मामला जौनपुर जिले का है, जहां परिषदीय स्कूलों में बच्चों को दूध में पानी मिलाकर दिया जा रहा है.

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Published : Dec 11, 2019, 9:36 PM IST

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जौनपुर में मिड डे मील का सच.

जौनपुर: सरकार मिड-डे मील के माध्यम से बच्चों को बेहतर पोषण आहार देने का प्रयास कर रही है, लेकिन परिषदीय स्कूलों में बच्चों को अधूरा पोषण आहार बांटा जा रहा है. अब जौनपुर के एक परिषदीय स्कूल में ईटीवी भारत की पड़ताल में चौंका देने वाला मामला सामने आया.

देखें वीडियो.

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में मिड-डे मील की जो हकीकत सामने आई, वह चौंका देने वाली थी. सरकोनी ब्लॉक के जगदीशपुर प्राथमिक स्कूल और भूवालापट्टी प्राथमिक स्कूल के मिड-डे मील की हकीकत सामने आई.

60 बच्चों में बांट दिया गया 2 लीटर दूध

भुवालापट्टी प्राथमिक स्कूल में बुधवार को 60 बच्चे उपस्थित थे. बच्चों में दूध और तहरी बांटा गया. स्कूल में मानक को ताक पर रख कर 2 लीटर दूध में पानी मिलाकर 60 बच्चों को पिला दिया गया, जबकि मानक के अनुसार प्रत्येक बच्चे को 100 ग्राम दूध पिलाना अनिवार्य है. वहीं जगदीशपुर प्राथमिक स्कूल में 50 बच्चों के बीच में 2 लीटर दूध बांटा गया. खुद स्कूल की रसोइया मीना देवी का कहना है कि दूध में पानी मिलाती हैं, तब जाकर बच्चों को दूध पूरा पड़ता है.

ये भी पढ़ें: जौनपुर: परिषदीय स्कूल में अब लड़कियां लगा रही हैं क्रिकेट में छक्का-चौका
भूवालापट्टी प्राथमिक स्कूल की रसोइया परमिला ने बताया कि 2 लीटर दूध मंगाया गया था, जिसमें पानी मिलाकर बच्चों को पिलाया गया. वहीं स्कूल की प्रधानाध्यापिका साधना चतुर्वेदी ने बताया कि आज मिड-डे मील में बच्चों को तहरी और दूध का वितरण हुआ है. स्कूल में 60 बच्चे उपस्थित थे, जिनके लिए 2 लीटर दूध मंगाया गया था.

जौनपुर: सरकार मिड-डे मील के माध्यम से बच्चों को बेहतर पोषण आहार देने का प्रयास कर रही है, लेकिन परिषदीय स्कूलों में बच्चों को अधूरा पोषण आहार बांटा जा रहा है. अब जौनपुर के एक परिषदीय स्कूल में ईटीवी भारत की पड़ताल में चौंका देने वाला मामला सामने आया.

देखें वीडियो.

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में मिड-डे मील की जो हकीकत सामने आई, वह चौंका देने वाली थी. सरकोनी ब्लॉक के जगदीशपुर प्राथमिक स्कूल और भूवालापट्टी प्राथमिक स्कूल के मिड-डे मील की हकीकत सामने आई.

60 बच्चों में बांट दिया गया 2 लीटर दूध

भुवालापट्टी प्राथमिक स्कूल में बुधवार को 60 बच्चे उपस्थित थे. बच्चों में दूध और तहरी बांटा गया. स्कूल में मानक को ताक पर रख कर 2 लीटर दूध में पानी मिलाकर 60 बच्चों को पिला दिया गया, जबकि मानक के अनुसार प्रत्येक बच्चे को 100 ग्राम दूध पिलाना अनिवार्य है. वहीं जगदीशपुर प्राथमिक स्कूल में 50 बच्चों के बीच में 2 लीटर दूध बांटा गया. खुद स्कूल की रसोइया मीना देवी का कहना है कि दूध में पानी मिलाती हैं, तब जाकर बच्चों को दूध पूरा पड़ता है.

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भूवालापट्टी प्राथमिक स्कूल की रसोइया परमिला ने बताया कि 2 लीटर दूध मंगाया गया था, जिसमें पानी मिलाकर बच्चों को पिलाया गया. वहीं स्कूल की प्रधानाध्यापिका साधना चतुर्वेदी ने बताया कि आज मिड-डे मील में बच्चों को तहरी और दूध का वितरण हुआ है. स्कूल में 60 बच्चे उपस्थित थे, जिनके लिए 2 लीटर दूध मंगाया गया था.

Intro:जौनपुर।। सरकार मिड डे मील के माध्यम से बच्चों को बेहतर पोषण देने के लिए प्रयास कर रही है लेकिन वही परिषदीय स्कूलों में मिड डे मील के माध्यम से बच्चों को अधूरा पोषण बांटा जा रहा है। कभी मिर्जापुर के परिषदीय स्कूल में मिड डे मील में नमक और प्याज का वितरण सुर्खियों में था तो फिर सोनभद्र के के स्कूल में 1 लीटर में 80 बच्चों को दूध पिलाया गया। जिसके बाद प्रदेश की योगी सरकार ने कार्रवाई भी की। लेकिन फिर भी परिषदीय स्कूल के शिक्षक सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब जौनपुर के एक परिषदीय स्कूल में ईटीवी भारत की पड़ताल में चौका देने वाला मामला सामने आया । भुवालापट्टी प्राथमिक स्कूल में आज 60 बच्चों उपस्थित थे जिनको मिड डे मील में दूध व तहरी का वितरण हुआ। स्कूल में मानक को ताक पर रख कर आज 2 लीटर दूध में 60 बच्चों को पिला दिया गया। जबकि मानक के अनुसार प्रत्येक बच्चे को 100 ग्राम दूध पिलाना अनिवार्य है । अगर इसी तरीके से अधूरा पोषण होगा तो कैसे यह बच्चे स्वस्थ होंगे।


Body:वीओ।। परिषदीय स्कूल में मिड डे मील के माध्यम से छात्रों को पूरा पोषण नहीं दिया जा रहा है । मिर्जापुर और सोनभद्र की घटनाओं से अभी भी शिक्षक सबक नहीं ले रहे हैं बल्कि मिड डे मील में छात्रों को अधूरा पोषण दे रहे हैं । स्कूलों में आज बच्चों को उत्तरी और दूध दिया गया। दूध के माध्यम से सरकार जहां बच्चों को बेहतर पोषण देकर उन्हें कुपोषण की जंग को जीतना चाहती है लेकिन जौनपुर में आज भी परिषदीय स्कूल में बच्चों को अधूरा पोषण ही दिया जा रहा है।

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में मिड डे मील की जो हकीकत सामने आई वह चौका देने वाली थी । सरकोनी ब्लॉक के जगदीशपुर प्राथमिक स्कूल और भूवालापट्टी प्राथमिक स्कूल के मिड डे मील की हकीकत सामने आई। भूवालापट्टी प्राथमिक स्कूल में आज 60 बच्चे उपस्थित थे जिन को तहरी और दूध बांटा गया लेकिन मानकों को ताक पर रखकर 60 बच्चों के लिए केवल 2 लीटर दूध ही मंगाया गया था। वही इस दूध में पानी मिलाकर बच्चों को बांट दिया गया । जबकि जगदीशपुर प्राथमिक स्कूल में 50 बच्चों के बीच में 2 लीटर दूध बांटा गया। खुद स्कूल की रसोईया मीना देवी का कहना है कि वह 1 लीटर में 3 लीटर पानी मिल आती है तब जाकर बच्चों को दूध पूरा पड़ता है। जबकि मानक के हिसाब से प्रत्येक बच्चे को 100 ग्राम दूध देना अनिवार्य है।

बाइट-मीना देवी - रसोईया प्राथमिक विद्यालय जगदीशपुर




Conclusion:भूवालापट्टी प्राथमिक स्कूल की रसोईया परमिला ने बताया कि आज 2 लीटर दूध मंगाया गया था जिसमें पानी मिलाकर बच्चों को पिलाया गया । हालांकि वह बच्चों की संख्या नहीं बता पाई।

बाइट-परमिला - रसोईया भूवालापट्टी प्राथमिक स्कूल


भूवालापट्टी प्राथमिक स्कूल की प्रधानाध्यापिका साधना चतुर्वेदी ने बताया कि आज मिड डे मील में बच्चों को तहरी और दूध का वितरण हुआ है। वही आज स्कूल में 60 बच्चे उपस्थित थे जिनके लिए 2 लीटर दूध मगाया गया था।

बाइट-साधना चतुर्वेदी - प्रधानाध्यापिका

पीटीसी


Dharmendra singh
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