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जौनपुर: जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में मरीजों की खून की हो रही है बर्बादी

उत्तर प्रदेश के जौनपुर के जिला अस्पताल के पैथोलाॅजी में मरीजों के खून बर्बाद किए जाने का मामला सामने आया है. मामला संज्ञान में आने पर अधिकारियों ने गंभीरता से जांच कराने की बात कही है.

जिला अस्पताल जौनपुर
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Published : Sep 7, 2019, 12:26 PM IST

जौनपुर: खून की कीमत वह व्यक्ति समझ सकता है जो खून की कमी से जूझ रहा हो. हमारे देश में लाखों लोग की खून सही समय पर न मिलने के कारण मौत हो जाती है. वहीं जौनपुर के जिला अस्पताल में इस खून की कीमत को नहीं समझा जा रहा है. जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में रोज मरीजों का खून बर्बाद किया जा रहा है.

मरीजों के खून की हो रही है बर्बादी.

जानिए क्या है पूरा मामला -

  • जनपद के जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में हर दिन ढाई सौ से 300 मरीजों की खून की जांच होती है.
  • वही खून की जांच के नाम पर मरीज के शरीर से 5 एमएल खून निकाला जाता है.
  • इस खून में से 3 से 4 एमएल खून ही प्रयोग में लिया जाता है.
  • बाकी खून सिरिंज में छोड़कर डस्टबिन में डाल दिया जाता है.
  • ईटीवी की खास पड़ताल में पैथोलॉजी कर्मियों की लापरवाही सामने आई है.
  • यहां प्रतिदिन लगभग एक यूनिट खून रोज बर्बाद हो रहा है.
  • मामला संज्ञान में आने पर अधिकारियों ने जांच कराने की बात कही है.

इसे भी पढ़ें - जौनपुर: जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, मुर्दों के भी बन रहे हैं मेडिकल सर्टिफिकेट!

ऐसा मामला मीडिया के द्वारा संज्ञान में आया है. जो गंभीर बात है. इस मामले में जांच कराई जाएगी. अगर कोई दोषी होगा तो निश्चित तौर पर उस पर कार्रवाई की जाएगी.
- डॉ. अभिमन्यु कुमार, जिला अस्पताल अधीक्षक

जौनपुर: खून की कीमत वह व्यक्ति समझ सकता है जो खून की कमी से जूझ रहा हो. हमारे देश में लाखों लोग की खून सही समय पर न मिलने के कारण मौत हो जाती है. वहीं जौनपुर के जिला अस्पताल में इस खून की कीमत को नहीं समझा जा रहा है. जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में रोज मरीजों का खून बर्बाद किया जा रहा है.

मरीजों के खून की हो रही है बर्बादी.

जानिए क्या है पूरा मामला -

  • जनपद के जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में हर दिन ढाई सौ से 300 मरीजों की खून की जांच होती है.
  • वही खून की जांच के नाम पर मरीज के शरीर से 5 एमएल खून निकाला जाता है.
  • इस खून में से 3 से 4 एमएल खून ही प्रयोग में लिया जाता है.
  • बाकी खून सिरिंज में छोड़कर डस्टबिन में डाल दिया जाता है.
  • ईटीवी की खास पड़ताल में पैथोलॉजी कर्मियों की लापरवाही सामने आई है.
  • यहां प्रतिदिन लगभग एक यूनिट खून रोज बर्बाद हो रहा है.
  • मामला संज्ञान में आने पर अधिकारियों ने जांच कराने की बात कही है.

इसे भी पढ़ें - जौनपुर: जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही, मुर्दों के भी बन रहे हैं मेडिकल सर्टिफिकेट!

ऐसा मामला मीडिया के द्वारा संज्ञान में आया है. जो गंभीर बात है. इस मामले में जांच कराई जाएगी. अगर कोई दोषी होगा तो निश्चित तौर पर उस पर कार्रवाई की जाएगी.
- डॉ. अभिमन्यु कुमार, जिला अस्पताल अधीक्षक

Intro:जौनपुर।। खून की कीमत वह व्यक्ति समझ सकता है जो खून की कमी से जूझ रहा हो या जिसे अपनी जान बचाने के लिए किसी के खून की जरूरत हो। जौनपुर में ब्लड बैंक खून की कमी से जूझ रहै है। यहां जरूरत के मुताबिक लोगों को खून नहीं मिल पाता है । वही जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में रोज मरीजों का खून बर्बाद किया जा रहा है । पैथोलॉजी में हर दिन ढाई सौ से 300 मरीजों की खून की जांच होती है। वही खून की जांच के नाम पर मरीज के शरीर से 5 एमएम खून निकाला जाता है। 5 एम एल खून मे से 3 से 4 एम एल खून का ही प्रयोग जांच के लिए किया जा रहा है । जबकि बाकी खून सिरिंज में ही छोड़ दिया जाता है । ईटीवी की खास पड़ताल में पैथोलॉजी कर्मियों की लापरवाही सामने आई है। पूरे दिन में अगर देखा जाए तो लगभग एक यूनिट के बराबर खून बर्बाद हो रहा है। वही अधिकारी अब इस मामले को गंभीरता से लेकर जांच की बात कही है।


Body:वीओ।। हमारे देश में लाखों लोग की खून सही समय पर ना मिलने के कारण मौत हो जाती है। वही जौनपुर के जिला अस्पताल में इस खून की कीमत को नहीं समझा जा रहा है। अस्पताल की पैथोलॉजी में रोज ढाई सौ से 300 मरीजों की खून की जांच होती है और हर मरीज के शरीर से 5ml खून सिरिंज में निकाला जाता है । इस खून में से तीन से चार एम एल खून ही प्रयोग में लेकर बाकी खून सिरिंज में छोड़कर डस्टबिन में डाल दिया जाता है । इस खून की हो रही बर्बादी के लिए पैथोलॉजी में काम कर रहे कर्मचारि जिम्मेदार है। उतना ही अस्पताल का प्रशासन भी है। ईटीवी की खास पड़ताल में खून की बर्बादी का मामला प्रकाश में आया है । यहां लगभग एक यूनिट खून रोज बर्बाद हो रहा है। अगर बात की जाए तो पूरे साल में सैकड़ों यूनिट खून बेकार में बर्बाद कर दिया जाता है। जबकि हमारे ब्लड बैंक में खून की कमी बनी रहती है।


Conclusion:जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अभिमन्यु कुमार ने बताया की ऐसा मामला आपके द्वारा संज्ञान में लाया गया है जो गंभीर प्रतीत होता है। इस मामले में जांच कराई जाएगी अगर कोई दोषी होगा तो निश्चित तौर पर उस पर कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- डॉ अभिमन्यु कुमार- जिला अस्पताल अधीक्षक


पीटीसी

Dharmendra singh
jaunpur
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