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जौनपुर:आशीष कुमार श्रीवास्तव बनाए गए भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के मुख्य चयनकर्ता - IWPL

जौनपुर के आशीष कुमार श्रीवास्तव को भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम का मुख्य चयनकर्ता बनाया गया है. मुख्य चयनकर्ता बनने के बाद ईटीवी भारत से उन्होंने बातचीत की.

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आशीष कुमार श्रीवास्तव भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम का मुख्य चयनकर्ता.
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Published : Dec 14, 2019, 11:13 PM IST

जौनपुरः कोतवाली थाना अंतर्गत अहियापुर निवासी आशीष कुमार श्रीवास्तव को भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के लिए मुख्य चयनकर्ता बनाया गया है. मुख्य चयनकर्ता के रूप में चयन होने से पूरे देश को उम्मीद मिली है कि वह एक अच्छे चयनकर्ता की भूमिका निभाकर, दिव्यांग क्रिकेट टीम को ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगे.

आशीष कुमार श्रीवास्तव से बातचीत.

सामाजिक उदासीनता के चलते दिव्यांग क्रिकेट को नहीं मिली है ज्यादा पहचान
आशीष कुमार श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि दिव्यांग क्रिकेट टीम को पहचान न मिल पाने का मुख्य कारण सामाजिक और सरकार की उदासीनता है.

सबसे बड़ी बात यह है कि सब कुछ कमर्शियल है जो दिखता है वही बिकता है. उन्होंने कहा कि अभी दिव्यांग क्रिकेट टीम को बहुत ही ज्यादा मदद की जरूरत है, पर धीरे-धीरे करते हुए आज एक अच्छे मुकाम पर पहुंच गई है.

सरकार की उपेक्षा भी कम नहीं
आशीष ने बताया कि सरकार में दिव्यांग क्रिकेट टीम की उपेक्षा इतनी है कि आप इस चीज से समझ सकते हैं कि दिव्यांग खेल जो है, वह समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है और जबकि इसे खेल विभाग के अंतर्गत आना चाहिए. सुविधाएं हमें खेल मंत्रालय से चाहिए होती हैं और हमारा फंड समाज कल्याण विभाग को देना होता है. इसके चलते हम न इधर के होते हैं न उधर के होते हैं.

IWPL से खिलाड़ियों को मिली आर्थिक मदद
उन्होंने बताया कि अभी व्हीलचेयर क्रिकेट के प्रति लोगों की सोच है कि व्हीलचेयर से बैठे-बैठे गेंद फेंक दी जाती है और बल्लेबाज व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे मार देता है. ऐसा नहीं है प्रत्येक खिलाड़ी दिन में 4 घंटे अपने आप को फिट करने के लिए प्रैक्टिस करता है.

आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि व्हीलचेयर दिव्यांग क्रिकेट (आईडब्ल्यूपीएल) में कुछ लोगों ने अपनी-अपनी टीमों को एडाप्ट किया. उनके लिए रहने, खाने, कपड़े एवं खेल का सारा प्रबंधन किया, लेकिन सरकार से जितनी मदद की आस है उतनी नहीं मिल पा रही है.

जौनपुरः कोतवाली थाना अंतर्गत अहियापुर निवासी आशीष कुमार श्रीवास्तव को भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के लिए मुख्य चयनकर्ता बनाया गया है. मुख्य चयनकर्ता के रूप में चयन होने से पूरे देश को उम्मीद मिली है कि वह एक अच्छे चयनकर्ता की भूमिका निभाकर, दिव्यांग क्रिकेट टीम को ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगे.

आशीष कुमार श्रीवास्तव से बातचीत.

सामाजिक उदासीनता के चलते दिव्यांग क्रिकेट को नहीं मिली है ज्यादा पहचान
आशीष कुमार श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि दिव्यांग क्रिकेट टीम को पहचान न मिल पाने का मुख्य कारण सामाजिक और सरकार की उदासीनता है.

सबसे बड़ी बात यह है कि सब कुछ कमर्शियल है जो दिखता है वही बिकता है. उन्होंने कहा कि अभी दिव्यांग क्रिकेट टीम को बहुत ही ज्यादा मदद की जरूरत है, पर धीरे-धीरे करते हुए आज एक अच्छे मुकाम पर पहुंच गई है.

सरकार की उपेक्षा भी कम नहीं
आशीष ने बताया कि सरकार में दिव्यांग क्रिकेट टीम की उपेक्षा इतनी है कि आप इस चीज से समझ सकते हैं कि दिव्यांग खेल जो है, वह समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है और जबकि इसे खेल विभाग के अंतर्गत आना चाहिए. सुविधाएं हमें खेल मंत्रालय से चाहिए होती हैं और हमारा फंड समाज कल्याण विभाग को देना होता है. इसके चलते हम न इधर के होते हैं न उधर के होते हैं.

IWPL से खिलाड़ियों को मिली आर्थिक मदद
उन्होंने बताया कि अभी व्हीलचेयर क्रिकेट के प्रति लोगों की सोच है कि व्हीलचेयर से बैठे-बैठे गेंद फेंक दी जाती है और बल्लेबाज व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे मार देता है. ऐसा नहीं है प्रत्येक खिलाड़ी दिन में 4 घंटे अपने आप को फिट करने के लिए प्रैक्टिस करता है.

आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि व्हीलचेयर दिव्यांग क्रिकेट (आईडब्ल्यूपीएल) में कुछ लोगों ने अपनी-अपनी टीमों को एडाप्ट किया. उनके लिए रहने, खाने, कपड़े एवं खेल का सारा प्रबंधन किया, लेकिन सरकार से जितनी मदद की आस है उतनी नहीं मिल पा रही है.

Intro: जौनपुर | कोतवाली थाना अंतर्गत अहियापुर निवासी आशीष कुमार श्रीवास्तव को भारत क्रिकेट डिसएबल टीम के लिए मुख्य चयनकर्ता बनाया गया है. आशीष श्रीवास्तव पर एशिया कप को देखते हुए एक बड़ी जिम्मेदारी मानी जा रही है . मुख्य चयनकर्ता के रूप में चयन से आशीष ने जौनपुर ही नहीं पूरे देश को उम्मीद बनी है कि वह एक अच्छे चयनकर्ता की भूमिका निभाकर डिसएबल क्रिकेट टीम को ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगे. मुख्य चयनकर्ता बनने के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि एक कप्तान की जितनी बड़ी जिम्मेदारी एक टीम को मैदान में जिताने की होती है उससे बड़ी जिम्मेदारी एक चयनकर्ता की होती है कि वह एक बेहतरीन टीम चयन करके दें. जिससे देश का नाम रोशन हो सके, देश को आगे ले जा सके व देश के झंडे को बुलंद किया जा सके. मैं कोशिश करूंगा कि मैं अपने जिम्मेदारियों को सही से ढंग से निर्वहन कर सकूँ और देश को सही बेहतरीन टीम चुनकर सबके सामने रखूं जो देश को एशिया कप के विजेता टीम के रूप में मिले.

Body:भारतीय क्रिकेट टीम की तरह भारतीय डिसएबल क्रिकेट टीम को पहचान न मिल पाने पर आशीष कुमार श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा की इसका मुख्य कारण सामाजिक सरकार की उदासीनता है सबसे बड़ी बात यह है कि सब कुछ कमर्शियल है जो दिखता है वही बिकता है.
जिन चीजों को किसी को खास लाभ नहीं है .उसके प्रति समाज का अंदाज उदासीन है. जो अभी दिव्यांग क्रिकेट टीम को बहुत ही मदद की जरूरत है पर धीरे-धीरे करते हुए आज एक अच्छे मुकाम पर पहुंच गई है और आगे उम्मीद है कि एक बड़े मुकाम को हासिल कर जाएगी. जिस प्रकार पांच-छह सालों में बदलाव आया है लेकिन अभी भी सरकारी मदद की आवश्यकता है.

सरकार द्वारा दिव्यांग क्रिकेट टीम की उपेक्षा इतनी है कि आप इस चीज से समझ सकते हैं दिव्यांग खेल जो है वह समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है और जबकि इसे खेल विभाग के अंतर्गत आना चाहिए. सुविधाएं हमें खेल मंत्रालय चाहिए होती है और हमारे फंड समाज कल्याण विभाग को देना होता है . सारा मामला रुक जाता और वह न इधर के होते हैं ना उधर के होते हैं.

डिसएबल क्रिकेट महंगा होने के सवाल पर कहा कि डिसएबल क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों की खर्चा ज्यादा होते हैं जो कैपिपल लड़के होते हैं, जो गरीब बच्चे रहते हैं उनकी मदद किया जाता है. कुछ सामाजिक संगठन के लोग जो चंदा देते हैं, कुछ एकेडमी है जो फ्री में ट्रेनिंग देते है. कुछ होटल वाले मुफ्त में रखते हैं और खिलाड़ियों को मदद करने में आगे हैं.

आशीष कुमार श्रीवास्तव ने आगे बताया की
दिव्यांग के लिए व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन दिल्ली के द्वारिका में कराया गया. जिस तरह उसमें फंडिंग आनी चाहिए वह नहीं आया. अभी व्हीलचेयर क्रिकेट के प्रति लोगों की सोच है कि व्हीलचेयर से फेंक दिया जाता है वह खेल लेते हैं. जो कि ऐसा नहीं वह दिन में 4 घंटे प्रैक्टिस करते है अपने आप को फिट करने के लिए किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा लेकर प्रदर्शन करते हैं

Conclusion:आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया की व्हील चेयर दिव्यांग क्रिकेट (आईपीएल) में कुछ लोगों ने अपने-अपने टीमों को एडाप्ट किया .उनको रहने ,खाने ,कपड़े एवं खेल का सारा प्रबंधन किया. जिस तरह से खेल का फंड उनको मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है. हम लोग उम्मीद करते हैं समाज, सरकार ,लोग आगे आएंगे और अच्छा रहेगा.
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आशीष ने बताया की भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है पर आर्थिक कमजोरी एवं मदद के अभाव के कारण जो प्रतिभाएं सामने आई चाहिए वह सामने नहीं आ पा रही हैं. भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. भारत ऐसा देश है जो सैकड़ों मेडल ला सकता है. आशीष श्रीवास्तव ने भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे खेलो इंडिया की जमकर तारीफ किया कहा की प्रधानमंत्री द्वारा चलाए जा रहा है यह अभियान बहुत ही सराहनीय कार्य है पर जो मशीनरी है वह पूरी तरह से काम सही से नहीं कर पा रही हैं अभी दिव्यांग खेलों के लिए जो गांव के स्तर पर काम करना चाहिए वह भी नहीं हो पाया है इसी और आगे ले जाने की जरूरत है.

Notes - interview - ashish kumar shrivastava ( india disabled cricket chief selector )

Thanks & Regards
Surendra Kumar Gupta
8052323232, 749907743
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