जौनपुरः कोतवाली थाना अंतर्गत अहियापुर निवासी आशीष कुमार श्रीवास्तव को भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम के लिए मुख्य चयनकर्ता बनाया गया है. मुख्य चयनकर्ता के रूप में चयन होने से पूरे देश को उम्मीद मिली है कि वह एक अच्छे चयनकर्ता की भूमिका निभाकर, दिव्यांग क्रिकेट टीम को ऊंचाइयों पर ले जाने का काम करेंगे.
सामाजिक उदासीनता के चलते दिव्यांग क्रिकेट को नहीं मिली है ज्यादा पहचान
आशीष कुमार श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि दिव्यांग क्रिकेट टीम को पहचान न मिल पाने का मुख्य कारण सामाजिक और सरकार की उदासीनता है.
सबसे बड़ी बात यह है कि सब कुछ कमर्शियल है जो दिखता है वही बिकता है. उन्होंने कहा कि अभी दिव्यांग क्रिकेट टीम को बहुत ही ज्यादा मदद की जरूरत है, पर धीरे-धीरे करते हुए आज एक अच्छे मुकाम पर पहुंच गई है.
सरकार की उपेक्षा भी कम नहीं
आशीष ने बताया कि सरकार में दिव्यांग क्रिकेट टीम की उपेक्षा इतनी है कि आप इस चीज से समझ सकते हैं कि दिव्यांग खेल जो है, वह समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत आता है और जबकि इसे खेल विभाग के अंतर्गत आना चाहिए. सुविधाएं हमें खेल मंत्रालय से चाहिए होती हैं और हमारा फंड समाज कल्याण विभाग को देना होता है. इसके चलते हम न इधर के होते हैं न उधर के होते हैं.
IWPL से खिलाड़ियों को मिली आर्थिक मदद
उन्होंने बताया कि अभी व्हीलचेयर क्रिकेट के प्रति लोगों की सोच है कि व्हीलचेयर से बैठे-बैठे गेंद फेंक दी जाती है और बल्लेबाज व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे मार देता है. ऐसा नहीं है प्रत्येक खिलाड़ी दिन में 4 घंटे अपने आप को फिट करने के लिए प्रैक्टिस करता है.
आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि व्हीलचेयर दिव्यांग क्रिकेट (आईडब्ल्यूपीएल) में कुछ लोगों ने अपनी-अपनी टीमों को एडाप्ट किया. उनके लिए रहने, खाने, कपड़े एवं खेल का सारा प्रबंधन किया, लेकिन सरकार से जितनी मदद की आस है उतनी नहीं मिल पा रही है.