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अचीवमेंट : यूपी के इस शिक्षक ने देश को दिए 40 से ज्यादा IAS और IPS

जौनपुर के तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इतिहास प्रवक्ता के रूप में काम करने वाले डॉक्टर सजल सिंह के 40 से ज्यादा स्टूडेंट आईएस एवं आईपीएस हैं, जो देश का सम्मान बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. उनके गांव माधोपट्टी को आईएएस-आईपीएस गांव के नाम से जाना जाता है.

डॉक्टर सजल सिंह
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Published : Mar 12, 2019, 4:24 PM IST

जौनपुर : सिरकोनी ब्लाक के माधव पट्टी गांव में एक टीचर डॉक्टर सजल सिंह ने देश को 40 से ज्यादा आईएएस-आईपीएस अधिकारी देने का काम किया है. माधोपट्टी को पूरा आईएएस-आईपीएस गांव के नाम से जाना जाता है, जहां 47 लोग इन सम्माननीय पदों पर तैनात हैं. ये लोग देश के हर हिस्से में काम कर देश की गरिमा बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

सजल सिंह ने दिए देश को 47 आईएएस-आईपीएस

तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इतिहास प्रवक्ता के रूप में काम करने वाले डॉक्टर सजल सिंह के 40 से ज्यादा स्टूडेंट आईएस एवं आईपीएस हैं, जो देश का सम्मान बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. वर्तमान समय में तो कई ऐसे छात्र हैं, जो भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों में काम कर रहे हैं.

डॉक्टर सजल सिंह के पढ़ाए गए स्टूडेंट्स में आईएएस आशा सिंह, उषा सिंह, चंद्रमौली सिंह, इंदु प्रकाश सिंह हैं. वहीं पीसीएस की बात करें तो राममूर्ति सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, प्रवीण सिंह, अशोक कुमार प्रजापति, प्रकाश सिंह, संजीव सिंह, विकास सिंह, नीरज सिंह, वेद प्रकाश सिंह, राजू सिंह देश सेवा कर रहे हैं.

डॉ. सजल कुमार सिंह ने बताया कि 25 जुलाई 1960 को तिलकधारी सिंह इंटर कॉलेज में मेरी नियुक्ति इतिहास प्रवक्ता के रूप में हई. तब से लेकर 2002 तक लगातार उन विद्यार्थियों को, जिनके माता-पिता दोनों नहीं थे. उन विद्यार्थियों को प्रति मेरा अनुराग हुआ करता था. उन्हें लाकर पढ़ाने का काम किया करता था. उन्हें कभी-कभी फाइनेंशियल मदद भी देने का काम किया करता था. जिसका परिणाम यह हुआ कि मेरे पढ़ाई हुए 40 छात्र आईएएस पीसीएस बने.

डॉ. सजल सिंह ने बताया कि मेरे पढ़ाए हुए स्टूडेंट वर्तमान में यशस्वी कुमार, डायरेक्टर ऑफ नेशनल एकडेमी इंस्टिट्यूट, मंसूरी पर तैनात हैं. कुंवर चंद्रमौली सिंह एवं उनकी पत्नी इंदु ऑडिटर जर्नल एवं ज्वाइंट जनरल के पद पर झारखंड में तैनात हैं. कल्पना सिंह एवं अमिताभ सिंह दिल्ली में डायरेक्टर ऑफ पोस्टल सर्विसेस के पद तैनात हैं. इंडिया कोल सेकेटरी पद पर विनय कुमार हैं.

जौनपुर : सिरकोनी ब्लाक के माधव पट्टी गांव में एक टीचर डॉक्टर सजल सिंह ने देश को 40 से ज्यादा आईएएस-आईपीएस अधिकारी देने का काम किया है. माधोपट्टी को पूरा आईएएस-आईपीएस गांव के नाम से जाना जाता है, जहां 47 लोग इन सम्माननीय पदों पर तैनात हैं. ये लोग देश के हर हिस्से में काम कर देश की गरिमा बढ़ाने का काम कर रहे हैं.

सजल सिंह ने दिए देश को 47 आईएएस-आईपीएस

तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इतिहास प्रवक्ता के रूप में काम करने वाले डॉक्टर सजल सिंह के 40 से ज्यादा स्टूडेंट आईएस एवं आईपीएस हैं, जो देश का सम्मान बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. वर्तमान समय में तो कई ऐसे छात्र हैं, जो भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों में काम कर रहे हैं.

डॉक्टर सजल सिंह के पढ़ाए गए स्टूडेंट्स में आईएएस आशा सिंह, उषा सिंह, चंद्रमौली सिंह, इंदु प्रकाश सिंह हैं. वहीं पीसीएस की बात करें तो राममूर्ति सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह, प्रवीण सिंह, अशोक कुमार प्रजापति, प्रकाश सिंह, संजीव सिंह, विकास सिंह, नीरज सिंह, वेद प्रकाश सिंह, राजू सिंह देश सेवा कर रहे हैं.

डॉ. सजल कुमार सिंह ने बताया कि 25 जुलाई 1960 को तिलकधारी सिंह इंटर कॉलेज में मेरी नियुक्ति इतिहास प्रवक्ता के रूप में हई. तब से लेकर 2002 तक लगातार उन विद्यार्थियों को, जिनके माता-पिता दोनों नहीं थे. उन विद्यार्थियों को प्रति मेरा अनुराग हुआ करता था. उन्हें लाकर पढ़ाने का काम किया करता था. उन्हें कभी-कभी फाइनेंशियल मदद भी देने का काम किया करता था. जिसका परिणाम यह हुआ कि मेरे पढ़ाई हुए 40 छात्र आईएएस पीसीएस बने.

डॉ. सजल सिंह ने बताया कि मेरे पढ़ाए हुए स्टूडेंट वर्तमान में यशस्वी कुमार, डायरेक्टर ऑफ नेशनल एकडेमी इंस्टिट्यूट, मंसूरी पर तैनात हैं. कुंवर चंद्रमौली सिंह एवं उनकी पत्नी इंदु ऑडिटर जर्नल एवं ज्वाइंट जनरल के पद पर झारखंड में तैनात हैं. कल्पना सिंह एवं अमिताभ सिंह दिल्ली में डायरेक्टर ऑफ पोस्टल सर्विसेस के पद तैनात हैं. इंडिया कोल सेकेटरी पद पर विनय कुमार हैं.

Intro:जौनपुर ( 12 मार्च) सिरकोनी ब्लाक के माधव पट्टी गांव में एक टीचर जिसने देश को 40 से ज्यादा आईएएस आईपीएस अधिकारी देने का कार्य किया. माधव पट्टी गांव को ही पूरा आईएएस ,आईपीएस गांव के नाम से जाना जाता है. जहां 47 आईएएस आईपीएस है | देश के हर हिस्से में कार्य कर देश की गरिमा बढ़ाने का काम कर रहे हैं .वर्तमान समय में भी कई ऐसे छात्र हैं जो भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों में काम कर रहे हैं|


Body:वीओ --तिलकधारी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इतिहास प्रवक्ता के रूप में काम करने वाले डॉक्टर सजल सिंह के 40 से ज्यादा स्टूडेंट आईएस एवं आईपीएस है. जो देश का सम्मान बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं. वर्तमान समय में भी भारत सरकार की प्रमुख संस्थानों में उच्च पद पर कायम है. डॉक्टर सजल सिंह के पास देश में शायद पहले टीचर होंगे जीने या सम्मान प्राप्त है.

डॉक्टर सर्जल सिंह द्वारा पढ़ाए गए स्टूडेंट जो आईएएस एवं आईपीएस का बने है.आशा सिंह, उषा सिंह,चंद्रमौली सिंह उनकी पत्नी इंदु सिंह ,इंदु प्रकाश सिंह, पीसीएस की बात करें तो राममूर्ति सिंह, महेंद्र प्रताप सिंह,प्रवीण सिंह, अशोक कुमार प्रजापति ,प्रकाश सिंह, संजीव सिंह, विकास सिंह,नीरज सिंह ,वेद प्रकाश सिंह ,राजू सिंह इत्यादि है|




Conclusion:डॉ सज्जन कुमार सिंह ने बताया कि 25 जुलाई 1960 को तिलकधारी सिंह इंटर कॉलेज में मेरा नियुक्ति इतिहास प्रवक्ता के रूप में हुआ कब से लेकर 2002 तक लगातार उन विद्यार्थियों को जो बहुत ही अच्छे थे जिनके माता-पिता दोनों नहीं थे.उन विद्यार्थियों को प्रति मेरा अनुराग हुआ करता था. उन्हें लाकर पढ़ाने का काम किया करता था. उन्हें कभी कभी फाइनेंशियल मदद भी देने का काम किया करता था. जिसका परिणाम यह हुआ कि मेरे पढ़ाई हुए 40 छात्र आईएएस पीसीएस बने.

डॉ सज्जन सिंह ने बताया कि मेरे पढ़ाई हुए स्टूडेंट वर्तमान में यशस्वी कुमार डायरेक्टर आफ नेशनल एकडेमी इंस्टिट्यूट मंसूरी पर तैनात है| कुँवर चंद्रमौली सिंह एवं उनकी पत्नी इंदु ऑडिटर जर्नल एवं ज्वाइंट जनरल के पद पर झारखंड पर तैनात है| कल्पना सिंह एवं अमिताभ सिंह दिल्ली में डायरेक्टर ऑफ पोस्टल सर्विसेस के पद तैनात है| इंडिया कोल सेकेटरी पद पर विनय कुमार है|

बाईट -- डॉक्टर सजल सिंह ( पूर्व टीचर)

Thanks & Regards
Surendra Kumar Gupta
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