जालौनः जिले में शनिवार से ऊर्जा भवन में विद्युत विभाग के संविदा और आउटसोर्सिंग पर तैनात कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है. यह हड़ताल पिछले 3 माह से वेतन न दिए जाने के विरोध में शुरू की गई हैं. इस दौरान विद्युत कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल पर जाने से जनपद में विद्युत व्यवस्था चरमरा सकती है.
शनिवार को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा संविदा कर्मचारी संघ के जिला अध्यक्ष सुनील कुमार प्रजापति और मीडिया प्रभारी आशीष पाठक के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारी कालपी रोड स्थित ऊर्जा भवन पहुंचे. यहां उन्होंने 3 माह से वेतन न दिए जाने के विरोध में हड़ताल शुरू कर दी. कर्मचारियों ने कार्यालय के बाहर तंबू लगाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मानदेय दिलाए जाने की मांग की है. हड़ताल कर प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जनवरी, फरवरी और मार्च माह का उन्हें मानदेय अभी तक नहीं दिया गया है. इस कारण सभी कर्मचारी भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं.
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कर्मचारियों ने बताया कि 16 मार्च को मानदेय के लिए विद्युत विभाग के उच्च अधिकारियों को ज्ञापन दिया था. अधिकारी सिर्फ तारीख पर तारीख देते रहे. इसके बाद 8 अप्रैल को जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया था. इसमें जिलाधिकारी को अवगत कराया था कि यदि 15 अप्रैल तक उनका वेतन नहीं दिया गया. वह 16 अप्रैल से हड़ताल पर चले जाएंगे. वेतन न मिलने के कारण यह हड़ताल शुरू की गई है. हड़ताल शुरू होने से जनपद में विद्युत व्यवस्था चरमरा सकती है क्योंकि इन्हीं आउटसोर्सिंग और संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों के भरोसे जालौन का पूरा विद्युत विभाग चल रहा है.
कहीं भी फाल्ट होता है तो यह कर्मचारी पहले पहुंचकर उसे सही करते हैं लेकिन इनके हड़ताल पर जाने से जनपद की विद्युत व्यवस्था चरमरा सकती है. हड़ताल के दौरान उपाध्यक्ष पवन पटेल सुरेंद्र कुशवाहा, महामंत्री वीर सिंह यादव, कोषाध्यक्ष बृजेश विश्वकर्मा, संयुक्त मंत्री अरुण द्विवेदी, जिला संगठन मंत्री कृष्ण कुमार, जिला सचिव शैलेंद्र सोनी, विष्णु प्रताप सहित सैकड़ों कर्मचारी मौजूद रहे.
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