जालौन: माधौगढ़ ब्लाक के गड़ेरना गांव में प्रधान द्वारा कराए गए कार्यों में अनियमितताओं की जांच करने पहुंचे अधिकारियों ने जनसुनवाई की. इस दौरान प्रधान के दबंग बेटे ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके चलते रेंडर थाना की पुलिस को बुलाया गया और मामले को शांत कराया गया. मामला बढ़ता देख अधिकारी जांच को अधूरा छोड़कर चलते बने, जिस पर ग्राम वासियों ने अधिकारियों पर प्रधान के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया.
क्या है पूरा मामला:
- मामला उरई मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर गड़ेरना गांव का है.
- ग्रामीणों ने प्रधान के द्वारा कराए गए सभी कार्यों की जांच के लिए जिलाधिकारी डॉक्टर मन्नान अख्तर से शिकायत की थी.
- शिकायत के बाद डीएम ने जांच टीम गठित कर दी.
- डिप्टी डायरेक्टर कृषि विभाग आरके तिवारी और पीडब्ल्यूडी असिस्टेंट इंजीनियर वीरेंद्र कुमार गांव में जांच करने पहुंचे.
- अधिकारियों ने सबसे पहले मनरेगा के तहत किए गए कार्यों की सूची गांव वालों के सामने रखी.
- इस सूची में आधे से ज्यादा काम हुए ही नहीं.
प्रधान के द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की खुली पोल
- प्रधान ने कागजों पर बिना कराए गए कार्यों का भी भुगतान कर दिया.
- मनरेगा के तहत मिलने वाले रोजगार में प्रधान ने भारी भ्रष्टाचार किया.
- अपने ही खास लोगों को मनरेगा के तहत काम दिया गया.
- लोगों को बिना काम किए ही उसका भुगतान कर दिया गया.
- भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद प्रधान पुत्र ने ग्रामवासियों के सामने हंगामा करना शुरू कर दिया.
- जांच टीम ने सुरक्षा को देखते हुए थाना रेंडर को फोन किया.
- मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया.
- प्रधान के पुत्र के बवाल मचाने के कारण अधिकारियों को जांच को अधूरा छोड़ कर ही भागना पड़ा.
ग्राम प्रधान ने पिछले 3 वित्तीय वर्ष में गांव में बिना विकास कराए ही सारे पैसे निकाल लिए और कागजों पर उन कामों को दर्शा दिया गया.
-नितिन, शिकायतकर्ता
जांच अधिकारी, आरके तिवारी ने बताया कि डीएम के निर्देश पर प्रधान के कार्यो की जांच के लिए यहां भेजा गया था, जिस पर गांव वालों की आपसी अव्यवस्थाओं के चलते जांच को बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा है. इसकी रिपोर्ट डीएम साहब को लिखित में दी जाएगी.