जालौनः प्रदेश की योगी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को तीन महीने की राशन सामग्री कोटेदारों के जरिए उपलब्ध कराई गई है. साथ ही गैर प्रान्त से लौटे मजदूरों को जिला पूर्ति विभाग की देखरेख में कोटेदारों के जरिए खाद्यान्न का वितरण करवाया गया, लेकिन कई कोटेदारों ने खाद्यान्न का वितरण पात्रों को न देकर अनाज माफियाओं के जरिए कालाबाजारी के लिए बेचा जाने लगा. इसका खुलासा तब हुआ जब ट्रक से 150 बोरी सरकारी चावल को पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर पकड़ कर इसकी जानकारी माधौगढ़ एसडीएम को दी.
पूरा मामला उरई मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर माधौगढ़ तहसील के अंतर्गत रेंडर थाना क्षेत्र का है. जहां मिनी ट्रक के जरिए गरीबों का राशन कालाबाजारी के लिए माधौगढ़ से जालौन जा रहा था. तभी रेंडर थाना पुलिस टीम को मुखबिर की सटीक सूचना पर कमसेरा मोड़ के पास ट्रक को आते देखा. जिसमें 150 बोरी चावल लदा हुआ था जो कालाबाजारी के लिए जालौन होते हुए औरैया मंडी बेचने के लिए खाद्यान्न माफिया ले जा रहे थे.
एसडीएम के आदेश पर मौके पर पहुंचे सप्लाई इंस्पेक्टर कमल सिंह ने बताया 150 बोरी सरकारी चावल को पकड़ लिया गया है जो कालाबाजारी कर मंडी में बेचने जा रहे थे. विभाग और पुलिस टीम मिलकर इस बात का पता लगा रही है कि यह सरकारी चावल कहां से उठाया गया और इस कालाबाजारी में कौन लोग शामिल हैं.
उप जिलाधिकारी सालिकराम ने बताया मुखबिर की सूचना पर रेंडर थाना प्रभारी ने ट्रक को रोककर जांच की जिसमें सरकारी राशन पाया गया. वहीं पुलिस को चकमा देकर चालक भाग निकला. पुलिस ने ट्रक को थाना परिसर में खड़ा कर लिया है और पूर्ति अधिकारी कमल सिंह मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है.
मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया गरीबों को दिए जाने वाले राशन की किसी भी कीमत पर कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी. जिला पूर्ति अधिकारी को सख्त निर्देश देते हुए टीमों को लगा दिया गया है और हर कोटेदार से मिलान की जा रही है. साथ ही गांव में पात्रों से पूछा जा रहा है कि उन्हें समय से खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध हो रही है या नहीं. जिस कोटेदार के खिलाफ राशन सामग्री वितरण में अनियमितता पाई जाएगी. उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत करते हुए विभाग द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.