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जालौन: एक जिला एक उत्पाद योजना को लेकर डीएम ने तैयार की रूपरेखा - उत्तर प्रदेश समाचार

जालौन में जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर की अध्यक्षता में उद्योगपतियों की बैठक हुई. बैठक में उरई फैक्ट्री एरिया में खाली पड़े प्लॉटों को निरस्त कर सस्ते दामों में फिर आवंटित करने की मांग उठाई गई.

one district one product in jalaun
डीएम की अध्यक्षता में उद्योग बंधु समिति की हुई बैठक
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Published : Aug 21, 2020, 8:27 AM IST

जालौन: जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने उद्योग बंधु समिति की बैठक में उपायुक्त उद्योग योगेश कामेश्वर की देखरेख में रूपरेखा तैयार की गयी. उपायुक्त योगेश कामेश्वर ने मौजूद सभी जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों और अधिकारियों को बताया कि सभी उद्यमी निवेश मित्र योजना के तहत पंजीकरण करा कर सिंगल विंडो योजना का लाभ उठा सकते हैं.

विभिन्न विभागों से क्लीयरेंस और अनुमोदन समय से ऑनलाइन दिया जाएगा. इसके साथ ही उपायुक्त श्रम उद्योग में बताया शासन द्वारा भौतिक लक्ष्य के रूप में 75 करोड़ का बजट अनुमोदित है, जिसके लिए सारी प्रक्रिया योजना अंतर्गत ऑनलाइन करा दी गई है.

कोरोना महामारी के कारण लंबित पांच आवेदन पत्रों पर इस वित्तीय वर्ष में विभिन्न उद्योगों के लिए 45 लाख का ऋण उद्यमियों को वितरित करा दिया गया है. उद्यमियों की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहे दिलीप सेठ ने डीएम से कहा कि उरई औद्योगिक क्षेत्र में वर्षों से खाली पड़े प्लाट को निरस्त कर उन्हें कम दर पर देने की प्रक्रिया की जाए.

जिलाधिकारी डॉक्टर मन्नान अख्तर ने बताया कि कोरोना के बाद उद्योग बंधु की बैठक पहली बार आयोजित की जा रही है, जिसमें उद्यमियों ने अपनी समस्याएं बतायी हैं. अपर जिला अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि खाली प्लॉटों के मालिकों को नोटिस भेजकर उस जगह पर फैक्ट्री बनाने के कार्य शुरू किया जाए. अन्यथा 15 दिन के अंदर उनका प्लॉट कैंसिलेशन प्रक्रिया में शामिल कर अलॉट कर दिया जाएगा.

जालौन: जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने उद्योग बंधु समिति की बैठक में उपायुक्त उद्योग योगेश कामेश्वर की देखरेख में रूपरेखा तैयार की गयी. उपायुक्त योगेश कामेश्वर ने मौजूद सभी जनप्रतिनिधियों, उद्यमियों और अधिकारियों को बताया कि सभी उद्यमी निवेश मित्र योजना के तहत पंजीकरण करा कर सिंगल विंडो योजना का लाभ उठा सकते हैं.

विभिन्न विभागों से क्लीयरेंस और अनुमोदन समय से ऑनलाइन दिया जाएगा. इसके साथ ही उपायुक्त श्रम उद्योग में बताया शासन द्वारा भौतिक लक्ष्य के रूप में 75 करोड़ का बजट अनुमोदित है, जिसके लिए सारी प्रक्रिया योजना अंतर्गत ऑनलाइन करा दी गई है.

कोरोना महामारी के कारण लंबित पांच आवेदन पत्रों पर इस वित्तीय वर्ष में विभिन्न उद्योगों के लिए 45 लाख का ऋण उद्यमियों को वितरित करा दिया गया है. उद्यमियों की तरफ से प्रतिनिधित्व कर रहे दिलीप सेठ ने डीएम से कहा कि उरई औद्योगिक क्षेत्र में वर्षों से खाली पड़े प्लाट को निरस्त कर उन्हें कम दर पर देने की प्रक्रिया की जाए.

जिलाधिकारी डॉक्टर मन्नान अख्तर ने बताया कि कोरोना के बाद उद्योग बंधु की बैठक पहली बार आयोजित की जा रही है, जिसमें उद्यमियों ने अपनी समस्याएं बतायी हैं. अपर जिला अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि खाली प्लॉटों के मालिकों को नोटिस भेजकर उस जगह पर फैक्ट्री बनाने के कार्य शुरू किया जाए. अन्यथा 15 दिन के अंदर उनका प्लॉट कैंसिलेशन प्रक्रिया में शामिल कर अलॉट कर दिया जाएगा.

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