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जालौन में खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना, प्राथमिक स्कूल की बिल्डिंग डूबी

जालौन (jalaun) में शुक्रवार की सुबह से यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर लगातार बढ़ता जा रहा है. यमुना के आसपास के निचले इलाकों को एहतियातन खाली करवा दिया गया है. जिलाधिकारी ने गांव के लोगों को ऊंची जगह पर अस्थाई तौर पर बसा दिया है.

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जालौन में यमुना की बाढ़ में प्राथमिक स्कूल की बिल्डिंग डूबी
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Published : Aug 26, 2022, 5:27 PM IST

Updated : Aug 26, 2022, 6:15 PM IST

जालौनः जिले में यमुना ने शुक्रवार को खतरे के निशान 108 मीटर को पार कर लिया है. इससे यमुना पट्टी के गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. जिलाधिकारी चांदनी सिंह (DM Chandni Singh) ने एसडीएम अंकुर कौशिक (SDM Ankur Kaushik) के साथ मिलकर राहत बचाव टीम के साथ गांवों में जाकर हालातों का जायजा लिया गया. इन प्रभावित क्षेत्रों में रामपुरा ब्लॉक के स्कूल की बिल्डिंग पानी में समा गई है. जिसके बाद प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए गांव के लोगों को ऊंची जगह पर अस्थाई तौर पर बसा दिया है.

बता दें कि उरई मुख्यालय (Orai Headquarters) से 70 किलोमीटर दूर माधौगढ़ तहसील के छह गांवों जिसमें डिकोली, नीनावली, जागीर , बेरा, मोहब्बत पुरा गांव में यमुना का पानी आ गया है. जिसमें मोहब्बतपुर प्राथमिक स्कूल तो यमुना के पानी में पूरी तरह समा गया है. जिसे देखते हुए प्रशासन ने रेस्क्यू टीम को लगाकर ग्रामीणों को अस्थाई तौर पर ऊंचे इलाकों में शिफ्ट करना शुरू किया.

यह भी पढ़ें- बनारस में लगातार बढ़ रहे गंगा जलस्तर से बाढ़ का खतरा, PM मोदी ने ली हालात की जानकारी

यमुना के लगातार जलस्तर बढ़ने की आशंका पर जिलाधिकारी ने सभी बाढ़ राहत चौकियों को हाई अलर्ट पर कर दिया है. मदारपुर, देवकली, जकसिया, सुरौली, सोरेला, गौलीली, मंगरोल, नरहन और धर्मपुर समेत करीब 24 से अधिक गांवों का मुख्यालय से संपर्क कट गया है. उन गांवों में लेखपालों और सचिवों को कैंप करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं. संक्रामक रोगों को देखते हुए 12 से अधिक गांवों में स्वास्थ्य टीम को तैनात कर दिया गया है, जिससे गांव के लोगों को आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें- नशे में पति ने पत्नी को लाठी डंडों से पीटकर उतारा मौत के घाट, आरोपी गिरफ्तार

जालौनः जिले में यमुना ने शुक्रवार को खतरे के निशान 108 मीटर को पार कर लिया है. इससे यमुना पट्टी के गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. जिलाधिकारी चांदनी सिंह (DM Chandni Singh) ने एसडीएम अंकुर कौशिक (SDM Ankur Kaushik) के साथ मिलकर राहत बचाव टीम के साथ गांवों में जाकर हालातों का जायजा लिया गया. इन प्रभावित क्षेत्रों में रामपुरा ब्लॉक के स्कूल की बिल्डिंग पानी में समा गई है. जिसके बाद प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए गांव के लोगों को ऊंची जगह पर अस्थाई तौर पर बसा दिया है.

बता दें कि उरई मुख्यालय (Orai Headquarters) से 70 किलोमीटर दूर माधौगढ़ तहसील के छह गांवों जिसमें डिकोली, नीनावली, जागीर , बेरा, मोहब्बत पुरा गांव में यमुना का पानी आ गया है. जिसमें मोहब्बतपुर प्राथमिक स्कूल तो यमुना के पानी में पूरी तरह समा गया है. जिसे देखते हुए प्रशासन ने रेस्क्यू टीम को लगाकर ग्रामीणों को अस्थाई तौर पर ऊंचे इलाकों में शिफ्ट करना शुरू किया.

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यमुना के लगातार जलस्तर बढ़ने की आशंका पर जिलाधिकारी ने सभी बाढ़ राहत चौकियों को हाई अलर्ट पर कर दिया है. मदारपुर, देवकली, जकसिया, सुरौली, सोरेला, गौलीली, मंगरोल, नरहन और धर्मपुर समेत करीब 24 से अधिक गांवों का मुख्यालय से संपर्क कट गया है. उन गांवों में लेखपालों और सचिवों को कैंप करने के निर्देश भी दे दिए गए हैं. संक्रामक रोगों को देखते हुए 12 से अधिक गांवों में स्वास्थ्य टीम को तैनात कर दिया गया है, जिससे गांव के लोगों को आने-जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है.

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Last Updated : Aug 26, 2022, 6:15 PM IST
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