जालौनः जिले के कदौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (Kadaura Community Health Center in Jalaun) में तैनात डॉक्टर योगी सरकार के मंसूबों पर पलीता लगा रहे हैं. स्वास्थ्य केंद्र में तैनात डॉक्टर मरीजों को पर्चे पर बाहर की दवाइयां लिखने के साथ ही निजी लैब से जांच कराने का दबाव डाल रहे हैं. डीएम की गोपनीय जांच में डॉक्टर और लैब के कर्मचारी दोषी पाए गए हैं. इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं.
पूरा मामला कदौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां तैनात डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवाएं मंगाने का दबाव डालते हैं जबकि अस्पताल में दवाएं उपलब्ध रहतीं हैं. इतना ही नहीं सीएचसी में जांच की सुविधा होने के बावजूद मरीजों को बाहर की पैथालोजी में जांच कराने के लिए मजबूर किया जाता है. इसकी शिकायत कुछ बाशिंदो ने जिलाधिकारी चांदनी सिंह से गुप्त रूप से की थी.
डीएम ने अपर जिलाधिकारी न्यायिक मोतीलाल को जांच करने के लिए शुक्रवार की सीएचसी भेजा था. शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी ने आकस्मिक जांच की तो डाक्टर कुलदीप द्वारा सीएचसी में दवाएं होने के बावजूद बाहर से दवा मंगाने का मामला सामने आया. लैब टेक्नीशियन अफरोज मुहम्मद परिसर के बाहर निजी पैथलौजी में जांच करवाने के लिए मरीज व तीमारदारों पर दबाव डालने का दोषी पाया गया. इस पर जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने डाक्टर कुलदीप व लैब टेक्नीशियन के खिलाफ कदौरा थाने में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश चिकित्साधिकारी डॉक्टर अशोक चक्र को दिया है. डीएम के आदेश पर डॉक्टर अशोक चक्र ने दोनो के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है.
डीएम चांदनी सिंह ने बताया कि सीएचसी कदौरा के डाक्टर कुलदीप व लैब टेक्नीशियन अफरोज के खिलाफ काफी शिकायते मिलीं थीं, इस पर अपर जिलाधिकारी से जांच कराई गई. उक्त दोनों लोग जांच में दोषी पाए गए. इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश चिकित्साधिकारी को दिया गया. डॉक्टर कुलदीप के खिलाफ निलंबन की कार्यवाही व संविदा में नियुक्त लैब टेक्नीशियन की संविदा समाप्त करते हुए बिना रजिस्ट्रेशन के पैथलॉजी चलाने पर निरस्त करने का निर्देश दिया गया.
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