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जालौन: साइबर ठगी कर उड़ाए 58 हजार रुपए, पुलिस ने करायी रिकवरी - rupees flew from cyber fraud

यूपी के जालौन में ओटीपी पूछकर खाते से 58 हजार रुपए उड़ा लिए गए. इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए फ्रॉड नंबर से आए फोन को खंगालते हुए पुलिस ने पीड़ित के खाते में पैसों की रिकवरी करवा दी.

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साइबर ठगी से उड़ाए 58 हजार रुपए, पुलिस ने करायी रिकवरी
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Published : Mar 3, 2020, 9:22 AM IST

जालौन: पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हुए पीड़ित के खाते से गायब हुए रुपयों को वापस निकलवाकर सहारनीय का काम किया है. पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड के नेटवर्क पर काम करते हुए दो दिन के अंदर पीड़ित व्यक्ति के गायब हुए 58 हजार रुपए की धनराशि बैंक खाते में वापस आने की वजह से पीड़ित ने जालौन पुलिस का शुक्रिया अदा किया.

साइबर ठगी से उड़ाए 58 हजार रुपए, पुलिस ने करायी रिकवरी

साइबर ठगी से उड़े 58 हजार रुपए

पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि पीड़ित विवेक निरंजन ने प्रार्थना पत्र दिया था कि, बैंक के नाम पर फोन आया और ओटीपी पूछ कर खाते से 58 हजार रुपए उड़ा लिए गए. इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए फ्रॉड नंबर से आए फोन को खंगालते हुए पीड़ित के खाते में पैसे वापस करा दिए गए है. जिले की साइबर क्राइम टास्क फोर्स ने पिछले 6 महीनों में 5 लाख रुपए की रिकवरी की है, जो खाता धारकों के खातों मैं वापस आ गए हैं. पुलिस अधीक्षक ने संदेश देते हुए कहा कि, किसी के जरिए भेजे गए ऑनलाइन लिंक को टच ना करें और अपना ओटीपी किसी से शेयर ना करें.

ये भी पढ़ें:जालौन में 22 हजार उपभोक्ताओं ने उठाया योजना का लाभ, विभाग को मिले 4 करोड़ रुपए


हमारी प्राथमिकता होती है कि पीड़ितों के खातों से गायब रूपयों को वापस कराया जाए. उसके बाद इसमें शामिल लोगों को पकड़कर उन्हें जेल भेजा जाए.
-डॉ. सतीश कुमार, पुलिस अधीक्षक

जालौन: पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हुए पीड़ित के खाते से गायब हुए रुपयों को वापस निकलवाकर सहारनीय का काम किया है. पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड के नेटवर्क पर काम करते हुए दो दिन के अंदर पीड़ित व्यक्ति के गायब हुए 58 हजार रुपए की धनराशि बैंक खाते में वापस आने की वजह से पीड़ित ने जालौन पुलिस का शुक्रिया अदा किया.

साइबर ठगी से उड़ाए 58 हजार रुपए, पुलिस ने करायी रिकवरी

साइबर ठगी से उड़े 58 हजार रुपए

पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि पीड़ित विवेक निरंजन ने प्रार्थना पत्र दिया था कि, बैंक के नाम पर फोन आया और ओटीपी पूछ कर खाते से 58 हजार रुपए उड़ा लिए गए. इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए फ्रॉड नंबर से आए फोन को खंगालते हुए पीड़ित के खाते में पैसे वापस करा दिए गए है. जिले की साइबर क्राइम टास्क फोर्स ने पिछले 6 महीनों में 5 लाख रुपए की रिकवरी की है, जो खाता धारकों के खातों मैं वापस आ गए हैं. पुलिस अधीक्षक ने संदेश देते हुए कहा कि, किसी के जरिए भेजे गए ऑनलाइन लिंक को टच ना करें और अपना ओटीपी किसी से शेयर ना करें.

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हमारी प्राथमिकता होती है कि पीड़ितों के खातों से गायब रूपयों को वापस कराया जाए. उसके बाद इसमें शामिल लोगों को पकड़कर उन्हें जेल भेजा जाए.
-डॉ. सतीश कुमार, पुलिस अधीक्षक

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