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जालौन: मुआवजे को लेकर किसानों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

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Published : Dec 19, 2019, 8:25 AM IST

उत्तर प्रदेश के जालौन में किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपा. किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से उनकी फसल बर्बाद हो गई है.

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किसानों ने सौंपा ज्ञापन.

जालौन: बीते शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि के बाद जिले में 25 से 30 गांव के किसानों की फसल नुकसान हुआ था. इसी को लेकर सामाजिक न्याय एवं किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश निरंजन के नेतृत्व में किसानों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा. मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए किसानों को जल्द से जल्द फसल बीमा के तहत मदद करने की मांग रखी गई.

किसानों ने सौंपा ज्ञापन.

सामाजिक न्याय एवं किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश निरंजन ने कहा कि इन गांव में मटर, मसूर, चना, गेहूं आदि की फसलें पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गई हैं. इसीलिए प्रभावित गांव में किसानों को 30 हजार रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाए. साथ ही इन प्रभावित गांव के किसान जो बैंक या समितियों से अपनी शाख का खाद बीज ले चुके हैं उनकी शाख बढ़ाने का आदेश संबंधित अधिकारियों को तत्काल रुप से दिया जाए, जिससे किसान दोबारा अपनी फसल की बुवाई कर सके.

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जिलाधिकारी ने बताया कि 33 गांवों में से 5-6 गांव ऐसे हैं, जहां शत-प्रतिशत नुकसान है. इन गांवों के सभी पंजीकृत किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि किसानों को भ्रम है कि हरी मटर की फसल का बीमा नहीं होता है. जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि हरी मटर खरीदते समय जिन्होंने बीमा कंपनी में प्रीमियम जमा किया होगा, उनको 70 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा की धनराशि दी जाएगी. आम बीमा पर 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर से दिया जाएगा.

जालौन: बीते शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि के बाद जिले में 25 से 30 गांव के किसानों की फसल नुकसान हुआ था. इसी को लेकर सामाजिक न्याय एवं किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश निरंजन के नेतृत्व में किसानों ने डीएम को ज्ञापन सौंपा. मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए किसानों को जल्द से जल्द फसल बीमा के तहत मदद करने की मांग रखी गई.

किसानों ने सौंपा ज्ञापन.

सामाजिक न्याय एवं किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश निरंजन ने कहा कि इन गांव में मटर, मसूर, चना, गेहूं आदि की फसलें पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गई हैं. इसीलिए प्रभावित गांव में किसानों को 30 हजार रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाए. साथ ही इन प्रभावित गांव के किसान जो बैंक या समितियों से अपनी शाख का खाद बीज ले चुके हैं उनकी शाख बढ़ाने का आदेश संबंधित अधिकारियों को तत्काल रुप से दिया जाए, जिससे किसान दोबारा अपनी फसल की बुवाई कर सके.

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जिलाधिकारी ने बताया कि 33 गांवों में से 5-6 गांव ऐसे हैं, जहां शत-प्रतिशत नुकसान है. इन गांवों के सभी पंजीकृत किसानों को लाभान्वित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि किसानों को भ्रम है कि हरी मटर की फसल का बीमा नहीं होता है. जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि हरी मटर खरीदते समय जिन्होंने बीमा कंपनी में प्रीमियम जमा किया होगा, उनको 70 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा की धनराशि दी जाएगी. आम बीमा पर 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर से दिया जाएगा.

Intro:शुक्रवार को हुई ओलावृष्टि के बाद जिले में 25 से 30 गांव के किसानों की फसलों को बहुत नुकसान हुआ था, अब इसी को लेकर आज सामाजिक न्याय एवं किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश निरंजन "भैया जी" के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देते हुए किसानों को जल्द से जल्द देवी आपदा राहत तथा फसल बीमा के तहत मदद की जाए और जिस पर जिलाधिकारी ने बताया इन सभी गांवों में राजस्व विभाग की टीम से सर्वे पूर्ण करा दिया गया है जिन किसानों का पचास फीसदी से अधिक नुकसान है उन सभी किसानों को मुआवजा मिलेगा।


Body:सामाजिक न्याय एवं किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश निरंजन "भैया जी" ने कहा कि इन गांव में मटर, मसूर, चना, गेहूं आदि की फसलें पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो गई हैं, इसीलिए प्रभावित गांव में किसानों को 30 हजार प्रति बीघा मुआवजा दिया जाये। साथ ही इन प्रभावित गांव के किसान जो बैंक या समितियों से अपनी शाख का खाद बीज ले चुके हैं उनकी शाख बढ़ाने का आदेश संबंधित अधिकारियों को तत्काल रुप से दिया जाये। जिससे किसान दोबारा अपनी फसल की बुवाई कर सकें, जिन किसानों का बीमा अक्टूबर से दिसंबर माह का नहीं हुआ है

जिलाधिकारी ने बताया कि तैंतीस गांवों में से पांच छह गांव एेसे हैं जहां शत प्रतिशत नुकसान है। इन गांवों के सभी पंजीकृत किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों को भ्रम है कि हरी मटर की फसल का बीमा नहीं होता है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि हरी मटर खरीदते समय जिन्होंने बीमा कंपनी में प्रीमियम जमा किया होगा उनको सत्तर हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा की धनराशि दी जाएगी, जबकि आम बीमा पचास हजार रुपए प्रति हेक्टेयर से दिया जाएगा क्योंकि हरीमटर का प्रीमियम अधिक जमा होता है इस कारण हरी मटर में मुआवजा अधिक दिया जाता है। उन्होंने अपील की कि यदि कोई किसान जिसका नुकसान हुआ है वह छूट जाता है तो वह जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र दे दे उसकी जांच कराई जाएगी। यदि जांच में क्षति पाई जाती है तो उसको मुआवजा दिलाया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि कृषि बीमा का सर्वे पूर्ण करा लिया गया है। अब आपदा एवं राजस्व विभाग का सर्वे किया जा रहा है। यह पूर्ण होते ही किसानों को शीघ्र दैवीय आपदा कोष से धनराशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जिस भी किसान का नुकसान हुआ है उसे वंचित नहीं रखा जाएगा।

बाइट सुरेश निरंजन किसान नेता

बाइट डॉ मन्नान अख्तर डीएम



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