जालौन : जिले में यमुना नदी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है. इसके चलते गांव के लोगों की जिंदगी बेपटरी हो गई है. फसलों का नुकसान तो हुआ ही साथ में अब उनकी जान पर बन आई है. बाढ़ के पानी ने गांव में प्रवेश किया तो सड़के नदियों में तब्दील हो गई हैं. घरों में पानी घुसा तो मुसीबत और बढ़ गई है. लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर, पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार अपनी टीम के साथ लगातार प्रभावित गांव का दौरा कर रहे हैं. इसके साथ ही लोगों के लिए राहत सामग्री का प्रबंध कर रहे हैं.
- पिछले 3 दिन से नदियों के बढ़ते जलस्तर ने जालौन में यमुना नदी के तलहटी में बसे 50 से अधिक गांवों को प्रभावित किया है.
- इससे गांव में रह रहे ढाई हजार लोग बाढ़ के पानी से ग्रसित हैं. 800 से अधिक लोगों को बाढ़ चौकी या अस्थाई राहत केंद्रों में शिफ्ट करा दिया गया है.
- जिला प्रशासन की तरफ से पीने का पानी, दवाइयां और अन्य राहत सामग्री की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
- वहीं जिले में और भी कई ऐसे गांव हैं, जहां अभी तक लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल सकी है.
- जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने देवकली हीरापुर देवारा जाकर लोगों से मुलाकात की और पलायन कर चुके लोगों को एसडीआरएफ टीम के जरिए राहत सामग्री की व्यवस्था कराई.
- इसके साथ ही जिलाधिकारी ने क्लोरीन टेबलेट पहुंचाई हैं और यह संदेश दिया है कि अब हैंडपंप का पानी दूषित हो गया है. क्लोरीन टेबलेट डालने के बाद ही पानी का उपयोग करें.
बाढ़ पीड़ितों को पहुंचाई जा रहीं दवाइयां
राजस्व की टीमों को 24 घंटे बाढ़ प्रभावित गांव में तैनात किया गया है जो किसी भी परिस्थिति में गांव के लोगों के लिए हमेशा मदद के लिए तैयार रहें. 24 घंटे मेडिकल टीम सचल दल के तौर पर गांव में नौकाओं के जरिए काम कर रही है. सूचना पर लोगों के पास जाकर उनका इलाज कर रही है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आशा और एएनएम को संक्रामक दवाई उपलब्ध करा दी गई हैं.
यमुना नदी का जलस्तर 112.35 मीटर है जो खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर है, लेकिन अब सूचना के अनुसार धीरे-धीरे पानी कम होना शुरू हो जाएगा.
-डॉ. मन्नान अख्तर डीएम