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जालौन: प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाईं दवाइयां और राहत सामग्री

उत्तर प्रदेश के जालौन में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इससे गांव के लोगों की जिंदगी बेपटरी हो गई है. इस पर लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिलाधिकारी ने प्रभावित गांव का दौरा कर उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई.

डीएम ने बाढ़ पीड़ितों को पहुंचाई राहत सामग्री
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Published : Sep 21, 2019, 8:06 AM IST

जालौन : जिले में यमुना नदी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है. इसके चलते गांव के लोगों की जिंदगी बेपटरी हो गई है. फसलों का नुकसान तो हुआ ही साथ में अब उनकी जान पर बन आई है. बाढ़ के पानी ने गांव में प्रवेश किया तो सड़के नदियों में तब्दील हो गई हैं. घरों में पानी घुसा तो मुसीबत और बढ़ गई है. लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर, पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार अपनी टीम के साथ लगातार प्रभावित गांव का दौरा कर रहे हैं. इसके साथ ही लोगों के लिए राहत सामग्री का प्रबंध कर रहे हैं.

डीएम ने बाढ़ पीड़ितों को पहुंचाई राहत सामग्री.
  • पिछले 3 दिन से नदियों के बढ़ते जलस्तर ने जालौन में यमुना नदी के तलहटी में बसे 50 से अधिक गांवों को प्रभावित किया है.
  • इससे गांव में रह रहे ढाई हजार लोग बाढ़ के पानी से ग्रसित हैं. 800 से अधिक लोगों को बाढ़ चौकी या अस्थाई राहत केंद्रों में शिफ्ट करा दिया गया है.
  • जिला प्रशासन की तरफ से पीने का पानी, दवाइयां और अन्य राहत सामग्री की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
  • वहीं जिले में और भी कई ऐसे गांव हैं, जहां अभी तक लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल सकी है.
  • जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने देवकली हीरापुर देवारा जाकर लोगों से मुलाकात की और पलायन कर चुके लोगों को एसडीआरएफ टीम के जरिए राहत सामग्री की व्यवस्था कराई.
  • इसके साथ ही जिलाधिकारी ने क्लोरीन टेबलेट पहुंचाई हैं और यह संदेश दिया है कि अब हैंडपंप का पानी दूषित हो गया है. क्लोरीन टेबलेट डालने के बाद ही पानी का उपयोग करें.

बाढ़ पीड़ितों को पहुंचाई जा रहीं दवाइयां

राजस्व की टीमों को 24 घंटे बाढ़ प्रभावित गांव में तैनात किया गया है जो किसी भी परिस्थिति में गांव के लोगों के लिए हमेशा मदद के लिए तैयार रहें. 24 घंटे मेडिकल टीम सचल दल के तौर पर गांव में नौकाओं के जरिए काम कर रही है. सूचना पर लोगों के पास जाकर उनका इलाज कर रही है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आशा और एएनएम को संक्रामक दवाई उपलब्ध करा दी गई हैं.

यमुना नदी का जलस्तर 112.35 मीटर है जो खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर है, लेकिन अब सूचना के अनुसार धीरे-धीरे पानी कम होना शुरू हो जाएगा.
-डॉ. मन्नान अख्तर डीएम

जालौन : जिले में यमुना नदी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है. इसके चलते गांव के लोगों की जिंदगी बेपटरी हो गई है. फसलों का नुकसान तो हुआ ही साथ में अब उनकी जान पर बन आई है. बाढ़ के पानी ने गांव में प्रवेश किया तो सड़के नदियों में तब्दील हो गई हैं. घरों में पानी घुसा तो मुसीबत और बढ़ गई है. लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर, पुलिस अधीक्षक डॉ. सतीश कुमार अपनी टीम के साथ लगातार प्रभावित गांव का दौरा कर रहे हैं. इसके साथ ही लोगों के लिए राहत सामग्री का प्रबंध कर रहे हैं.

डीएम ने बाढ़ पीड़ितों को पहुंचाई राहत सामग्री.
  • पिछले 3 दिन से नदियों के बढ़ते जलस्तर ने जालौन में यमुना नदी के तलहटी में बसे 50 से अधिक गांवों को प्रभावित किया है.
  • इससे गांव में रह रहे ढाई हजार लोग बाढ़ के पानी से ग्रसित हैं. 800 से अधिक लोगों को बाढ़ चौकी या अस्थाई राहत केंद्रों में शिफ्ट करा दिया गया है.
  • जिला प्रशासन की तरफ से पीने का पानी, दवाइयां और अन्य राहत सामग्री की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.
  • वहीं जिले में और भी कई ऐसे गांव हैं, जहां अभी तक लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल सकी है.
  • जिलाधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने देवकली हीरापुर देवारा जाकर लोगों से मुलाकात की और पलायन कर चुके लोगों को एसडीआरएफ टीम के जरिए राहत सामग्री की व्यवस्था कराई.
  • इसके साथ ही जिलाधिकारी ने क्लोरीन टेबलेट पहुंचाई हैं और यह संदेश दिया है कि अब हैंडपंप का पानी दूषित हो गया है. क्लोरीन टेबलेट डालने के बाद ही पानी का उपयोग करें.

बाढ़ पीड़ितों को पहुंचाई जा रहीं दवाइयां

राजस्व की टीमों को 24 घंटे बाढ़ प्रभावित गांव में तैनात किया गया है जो किसी भी परिस्थिति में गांव के लोगों के लिए हमेशा मदद के लिए तैयार रहें. 24 घंटे मेडिकल टीम सचल दल के तौर पर गांव में नौकाओं के जरिए काम कर रही है. सूचना पर लोगों के पास जाकर उनका इलाज कर रही है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आशा और एएनएम को संक्रामक दवाई उपलब्ध करा दी गई हैं.

यमुना नदी का जलस्तर 112.35 मीटर है जो खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर है, लेकिन अब सूचना के अनुसार धीरे-धीरे पानी कम होना शुरू हो जाएगा.
-डॉ. मन्नान अख्तर डीएम

Intro:जालौन में यमुना नदी ने अपना विकराल रूप धारण कर लिया है जिसके चलते गांव में रह रहे लोगों की जिंदगी में बेपटरी हो गई है फसलों का नुकसान तो हुआ ही साथ में अब उनकी जान तक बन आई है बाढ़ के पानी ने गांव में प्रवेश किया तो सड़के नदियों में तब्दील हो गई हैं घरों में पानी घुसा तो मुसीबत और बढ़ गई है लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर सतीश कुमार अपनी टीम के साथ लगातार प्रभावित गांव का दौरा कर रहे हैं और लोगों को राहत सामग्री के साथ हर संभव मदद का भरोसा दे रहे हैं


Body:पिछले 3 दिन से नदियों के बढ़ते जलस्तर ने जालौन में यमुना नदी के तलहटी में बसे 50 से अधिक गांवों को प्रभावित किया है इससे उन गांव में रह रहे ढाई हजार लोग बाढ़ के पानी से ग्रसित हैं 800 से अधिक लोगों को बाढ़ चौकी या अस्थाई राहत केंद्रों में शिफ्ट करा दिया गया है जहां जिला प्रशासन की तरफ से खाना पीने का पानी दवाइयां और अन्य राहत सामग्री की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है लेकिन जिले में और भी कई ऐसे गांव हैं जहां अभी तक लोगों को इन सुविधाओं से मरहूम होना पड़ रहा है जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने देवकली हीरापुर देवारा जाकर लोगों से मुलाकात की और विस्थापित हो चुके लोगों को एसडीआरएफ टीम के जरिए राहत सामग्री की व्यवस्था कराई गई साथ ही जिलाधिकारी ने बाढ़ से प्रभावित गांव में क्लोरीन टेबलेट पहुंचा दी गई है और यह संदेश दिया है कि अब हेड पंप का पानी दूषित हो गया है इसलिए पानी को क्लोरीन टेबलेट डालने के बाद ही इसका उपयोग करें साथ ही सारे राजस्व की टीमों को 24 घंटे बाढ़ प्रभावित गांव में तैनात किया गया है जो किसी भी परिस्थिति में गांव के लोगों के लिए हमेशा मदद के लिए तैयार है 24 घंटे मेडिकल टीम सचल दल के तौर पर गांव में नौकाओं के जरिए काम कर रही है और सूचना पर लोगों के पास जाकर उनका इलाज कर रही है बाढ़ की स्थिति को देखते हुए आशा और एएनएम को संक्रामक दवाई उपलब्ध करा दी गई हैं जिससे लोगों को यह दवाइयां देकर किसी प्रकार की बीमारी फैलने से बचा जा सके जिलाधिकारी डॉ मन्नान अख्तर ने बताया यमुना नदी का जलस्तर 112.35 मीटर है जो खतरे के निशान से 4 मीटर ऊपर है लेकिन अब सूचना के अनुसार धीरे-धीरे पानी कम होने की स्थिति में शुरू हो जाएगा

बाइट डॉ मन्नान अख्तर डीएम


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