जालौन: जिले की सत्र न्यायालय ने बेरहम पति के खिलाफ कठोरतम सजा सुनाते हुए नजीर पेश की. आरोपी ने 5 साल पहले पत्नी की हत्या कर उसके शव को घर में दफन कर उस पर पक्का फर्श करा दिया था. मजिस्ट्रेट जांच के दौरान महिला की हत्या का खुलासा हुआ था. बुधवार को इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. साथ ही 1 लाख 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
पूरा मामला उरई शहर कोतवाली के ग्राम सरसौखी का है. यहां की निवासी उर्मिला ने अपनी बेटी विनीता की शादी वर्ष 2011 में शहर के मोहल्ला नया रामनगर निवासी प्रमोद कुमार से की थी. प्रमोद कुमार दिल्ली में किसी प्राइवेट कंपनी में काम करता था. वर्ष 2018 के पहले विनीता की उसकी मां उर्मिला से बराबर बात होती रही. लेकिन, बाद में बेटी से बात बंद होने पर उर्मिला ने दामाद प्रमोद से बेटी से बात कराने की बात कही. इस पर प्रमोद बात कराने में आनाकानी करने लगा.
बेटी का पता न लगने पर उर्मिला को कुछ शक हुआ और उसने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की. पुलिस ने प्रमोद को दिल्ली से उरई बुलाकर सख्ती से पूछताछ की. इस पर प्रमोद ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. उसने पुलिस को बताया कि विनीता की हत्या कर शव को घर के अंदर वाले कमरे में गड्ढा खोदकर गाढ़ दिया है. जिलाधिकारी के निर्देश पर कमरे में खुदाई की गई. पुलिस को खुदाई में कंकाल के अलावा एक साड़ी मिली. उर्मिला ने साड़ी को बेटी का बताया. पुलिस ने मृतिका की मां उर्मिला की तहरीर पर चार जनवरी 2020 को प्रमोद के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया. इसके बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया था.
मुकदमे के दो माह बाद पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया. जिला जज कोर्ट में करीब चार साल चली सुनवाई के दौरान सात लोगों की गवाही और साक्ष्यों के आधार पर जिला जज लल्लू सिंह ने बुधवार को प्रमोद कुमार को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. सजा सुनाए जाने के बाद पुलिस ने प्रमोद को हिरासत में लिया उसके बाद जेल भेज दिया गया. सजा सुनाई जाने के बाद उर्मिला ने कहा कि उन्हें 3 साल बाद इंसाफ मिला है. विनीता की वर्तमान में तीन बेटियां कनिका (9), गुंजन (7) और परी (5) हैं. इनकी परवरिश उर्मिला कर रही है.
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