जालौन: जिले में लॉकडाउन के दौरान गैर राज्य में फंसे प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे हैं. इस दौरान सभी प्रवासी मजदूरों से शपथ पत्र भरवा कर उन्हें 21 दिन होम क्वारंटाइन के लिए निर्देशित किया गया है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कई प्रवासी मजदूर नियमों का उल्लंघन कर बाहर बाजारों और सड़कों पर घूम रहे हैं. इससे ग्रामीण वासी संक्रमण के खतरे को लेकर डरे हुए हैं. इसके लिए प्रशासन ने कोविड-19 कंट्रोल रूम बनाकर नंबर जारी कर लोगों से अपील की है. अगर कोई भी प्रवासी मजदूर घर से बाहर दिखाई दे तो इसकी शिकायत कंट्रोल रूम में सूचित करें, ताकि उन्हें दंडित किया जा सके.
होम क्वारंटाइन में रह रहे कामगार मजदूरों पर नजर
जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 43 पहुंच गया है. इसमें एक गैर प्रवासी कामगार महिला अहमदाबाद से अपने परिवार के साथ वापस लौटी थी. इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने जिले में लौटे 20 हजार से अधिक गैर प्रवासी मजदूरों को 21 दिन के होम क्वारंटाइन के लिए निर्देशित किया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूरों के होम क्वारंटाइन के बावजूद भी घर से बाहर निकलने से ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों में संक्रमण का डर बना हुआ है.
इस बात की शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने कोविड-19 कंट्रोल रूम बनाकर नंबर जारी कर दिए हैं. सभी लोगों से अपील की है कि अगर कोई भी गैर प्रवासी कामगार मजदूर अपने घर से बाहर निकला हुआ दिखाई दे, तो नंबरों पर सूचित करें. निगरानी समिति के जरिए उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके.
जानकारी देते जिला पंचायत राज अधिकारी अभय कुमार यादव
कोविड-19 में अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों से 200 से अधिक शिकायतें कामगार मजदूरों की आई है, जो नियमों का पालन नहीं कर रहे थे. अपने घरों से निकलकर बाजारों और सड़कों में घूम रहे थे. इसको देखते हुए संबंधित थाना क्षेत्र में अवगत कराते हुए प्रधानों की मदद से प्रवासी मजदूरों को घर के अंदर रहने के लिए निर्देशित किया गया है. इसके अलावा 575 ग्राम सभाओं में निगरानी समिति बनाई गई है.
यहां प्रधान की अध्यक्षता में रोजाना प्रवासी कामगार मजदूरों के स्वास्थ्य का परीक्षण कर प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है. जिससे किसी भी प्रवासी मजदूर में लक्षण मिलने पर उसका तुरंत उपचार हो और इलाके को सील कर किया जाए, ताकि संक्रमण के खतरे को फैलने से रोका जा सके.